मध्यप्रदेश सामान्य ज्ञान-मध्य प्रदेश संक्षिप्त इतिहास: Gk ebooks


Rajesh Kumar at  2018-08-27  at 09:30 PM
विषय सूची: मध्य प्रदेश सामान्य ज्ञान >> मध्यप्रदेश Gk : मुख्य तथ्य >>> मध्य प्रदेश संक्षिप्त इतिहास:

मध्य प्रदेश में भारतीय ऐतिहासिक संस्कृति के अनेक अवशेष,जिनमें पाषाण चित्र और पत्थर एवं धातु के औजार शामिल हैं, नदियों घाटियों एवं अन्य इलाकों में मिले है।
वर्तमान मध्य प्रदेश का सबसे प्रारम्भिक अस्तित्वमान राज्य अवंति था। जिसकी राजधानी उज्जैन थी।
मध्य प्रदेश के पश्चिमी-भाग में स्थित अवंति राज्य मौर्य साम्राज्य का अंग था, जो बाद में मालवा के नाम से जाना गया।
दूसरी शताब्दी ई.पू. से सोलहवीं शताब्दी तक मध्य प्रदेश पर पूर्वी मालवा के शासक शुंग (185 से 73 ई.पू.) ने राज्य किया।

> पहली या तीसरी शताब्दी ई. पू से तीसरी शताब्दी तक आंध्र के सातवाहनों ने राज्य किया - madhya pradesh language
> दूसरी से चौथी शताब्दी तक क्षत्रपों ने और नाग वंश ने भी राज्य किया।
> मध्य प्रदेश की नर्मदा नदी के उत्तर में गुप्त साम्राज्य का शासन था। यह हूणों और कलचुरियों के सत्ता संघर्ष का स्थल रहा, बाद में मालवा पर कलचुरियों ने कुछ समय के लिए अधिकार किया।
> छठी शताब्दी में उत्तरी भारत के शासक हर्ष ने मालवा पर अधिकार कर लिया।
> सम्राट अशोक ने सबसे पहले उज्जैन पर शासन किया।
> मध्य भारत का काफी बड़ा हिस्सा गुप्त साम्राज्य (300-500 AD) का भाग था। - madhya pradesh map
> 11वीं शताब्दी में मुसलमानों के आक्रमण शुरू हुए। ग्वालियर की हिंदू रियासत को 1231 में सुल्तान शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने दिल्ली में मिला लिया।
> 14वीं शताब्दी में खिलजी सुल्तान ने मालवा को बर्बाद कर दिया।
> मुगल शासक अकबर (1556-1605) ने मालवा को मुगल साम्राज्य में मिला लिया।
> 16वीं शताब्दी के प्रारम्भ में मराठा शक्ति ने मालवा पर अधिकार और 1760 तक एक बड़ा भू भाग, जो अब मध्य प्रदेश है। मराठों के शासन में आ गया।
> 1761 में पेशवा की पराजय के साथ ही ग्वालियर में सिंधिया और दक्षिण -पश्चिम में इंदौर में होल्कर राजवंश का शासन स्थापित हुआ। - all information about madhya pradesh
> मराठों का प्रभाव आरम्भ होने से लेकर 1794 में माधोजी सिंधिया के देहांत तक मध्य भारत पर मराठों का अधिकार रहा।
> इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर, गोंड की महारानी कमलापति और रानी दुर्गावती आदि कुछ महान महिला शासकों ने अपने उत्कृष्ट शासन के लिए भारतीय इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में लिखवा लिया।
> नया राज्य छत्तीसगढ़ बनाने के लिए हुए विभाजन के बाद यह अपने वर्तमान स्वरूप में 1 नवम्बर, 2000 को अस्तित्व में आया। > भारत के मध्य प्रदेश राज्य को भारत का ‘हृदय स्थल’ कहते हैं।
> 1 नवम्बर, 1956 के राज्य पुनर्गठन के दौरान भोपाल रियासत को मध्य प्रदेश में मिला दिया गया था।
> 1 नवम्बर, 1956 को ही भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी बनाया गया। - madhya pradesh sthapna diwas
> भू-वैज्ञानिक दृष्टि से मध्य प्रदेश सर्वाधिक धान्त ’ गाड्या लैण्ड’ भू – संहति का भू-भाग
> खजुराहो के मन्दिरों का निर्माण चन्देलों ने कराया था।
> मध्य प्रदेश की खानों से विश्व प्रसिद्ध हीरा ‘कोहिनूर’ निकाला गया था।
> हीरा की प्रसिद्ध खान मध्य प्रदेश के मझगाँव सतना जिले में है।
> भगवान बुद्ध के समय चंद्रप्रद्योत इस प्रदेश का शासक था। - madhya pradesh capital
> पंजाब के मालवगण जब यहाँ पर आकर बसे तब प्रदेश का नाम मालवा पड़ा।
> विक्रम संवत् के प्रारंभकर्ता विक्रमादित्य यहीं के राजा थे।
> मांडू का अंतिम शासक बाज बहादुर और उसकी रानी रूपमती अपने प्रेम के लिए प्रसिद्ध हैं।
> कालिदास, भवभूति, केशवदास, बिहारी इत्यादि जैसे इतिहासकार प्रसिद्ध विद्वानों का संबंध इस प्रदेश से रहा है।
> इतिहास प्रसिद्ध अल्हा-ऊदल यहीं के थे।
> भारत में सबसे बड़ा सांभर जिसका सिंग 50 इंच लम्बा था यहीं पर मिला था।

> मांडू के मकबरे और जामा मस्जिद अफगान स्थापत्य कला का सर्वोत्तम नमूना है।
> भारत की सर्वोत्तम सागौन यहाँ के जंगलों में मिलता है।
> तानसेन का मकबरा प्रदेश के ग्वालियर में है।
> प्रथम स्वाधीनता संग्राम में तात्या टोपे के नेतृत्व में यहाँ 1800 सैनिकों ने अंग्रेजों से मोर्चा लिया 零国
> ग्वालियर के दुर्ग में मान मंदिर, सास-बहू का मंदिर, तेली का लाट, गुजरी महल और पर कोट पर बनी विशाल जैन प्रतिमाएँ देखने योग्य हैं।
> ग्वालियर का दुर्ग बहुत ही सुदृढ़ है। भारत के दुर्गों की माला में इसे मोती कहा गया है।
> खजुराहो में चंदेल शासकों द्वारा निर्मित मंदिरों पर उभरी हुई मूर्तियाँ हिंदू स्थापत्य की सर्वश्रेष्ठ कृतियाँ मानी जाती हैं। प्रत्येक मंदिर ऊँचे ठोस धरातल पर बना है।

> 8वीं से लेकर 12वीं सदी तक का प्रदेश में पर्याप्त मंदिरों तथा दुर्गों का निर्माण हुआ। जिनमें खजुराहो के मदिर और ग्वालियर के दुर्ग अद्वितीय हैं।
> साँची के विशाल प्राचीन स्तूप का निर्माण अशोक ने करवाया था। जिसका व्यास 120 फुट है और यह 54 फुट ऊँचा है। 300 फुट ऊँची पहाड़ी पर बने स्तूप के चार द्वार हैं।
> प्रदेश का साँची ई. पूर्व सदी से लेकर बारहवीं सदी तक बौद्ध धर्म का केन्द्र रहा। यहाँ अनेक स्तूपों तथा मूर्तियों का निर्माण किया गया।
> ग्वालियर का दुर्ग राजा सूरजसेन ने 525 ई. में बनवाया था।
> मध्य प्रदेश में ग्वालियर के दुर्ग को ‘किलों का रत्न’ कहा जाता है।
> रायसेन दुर्ग का निर्माण 16वीं शताब्दी में राजा । राजबसन्ती ने करवाया था।
> मध्य प्रदेश में स्थित धार के किले का निर्माण 1344 ई में मुलतान मोहम्मद तुगलक ने करवाया था।
> असीरगढ़ के किले का निर्माण आसा नाम के एक अहीर राजा ने करवाया था, इस किले में आसादेवी का मंदिर है।
> चन्देरी के किले का निर्माण 11वीं शताब्दी में प्रतिहार नरेश कीर्तिपाल ने कराया था। इस किले में जौहर कुंड ,हवा महल ,नौखंडा महल दर्शनीय है।
> गिन्नौरगढ़ के किले का निर्माण 13वीं शताब्दी में महाराजा उदय वर्मन ने करवाया था।
> बाँधवगढ़ के किले का निर्माण 14वीं शताब्दी में हुआ था।
> अजयगढ़ के किले का निर्माण राजा अजयपाल ने कराया था।इस किले में राजा अमन का महल विशेष दर्शनीय है।इसमें बारीक पत्थरों की पच्चीकारी का सुन्दर नमूना पेश किया गया है।
> प्रथम टी.वी. स्टूडियो भोपाल में स्थापित किया था।
> मंदसौर के किले का निर्माण 14वीं शताब्दी में अलाउद्दीन खिलजी ने किया था।
> भोपाल गैस कांड दो दिसम्बर,1984 को हुआ था।










सम्बन्धित महत्वपूर्ण लेख
Mp Gk: एक परिचय :
मध्य प्रदेश संक्षिप्त इतिहास:
मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक दुर्ग
मध्य प्रदेश भूगोल सीमा एवं जिले
मध्य प्रदेश खनिज उत्पादन
मध्य प्रदेश के प्रमुख बाँध एवं जलप्रपात
मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियाँ एवं उनके उद्गम स्थल
मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान
मध्य प्रदेश के अभयारण्य
MP की नदियों के किनारे बसे प्रमुख नगर
मध्य प्रदेश के राज्यपाल
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री

Madhy Pradesh Sankshipt Itihas Me Bharateey Aitihasik Sanskriti Ke Anek Avashesh Jinme Pashann Chitra Aur Patthar Aivam Dhatu Aujar Shamil Hain Nadiyon Ghatiyon Anya Ilakon Mile Hai Vartman Ka Sabse Prarambhik Astitwaman Rajya Avanti Tha Jiski Rajdhani Ujjain Thi Pashchimi Bhag Sthit Maurya Samrajy Ang Jo Baad Malwa Naam Se Jana Gaya Doosri Satabdi Ee Poo Solahvee Tak Par Poorvi Shashak Shung 185 73 ne Kiya Pehli Ya Teesari Aa


Labels,,,