राजस्थान सामान्य ज्ञान-महत्वपूर्ण तथ्य

Important facts about rajasthan samanya gyaan

महत्वपूर्ण तथ्य
पश्चिमी शुष्क रेतीला मैदान पाकिस्तान सीमा के सहारे सहारे कच्छ की खाड़ी से पंजाब तक विस्तृत है। यह मरूस्थल विश्व का एक मात्र मरूस्थल है, जो दक्षिणी-पश्चिमी मानसून हवाओं के द्वारा निर्मित है। यह विश्व में सर्वाधिक घनी आबादी वाला मरूस्थल है।
खादर चंबल बेसिन में 5 से 30 मीटर गहरी खड्ड युक्त बीहड़ भूमि को स्थानीय भाषा में खादर कहते है।
धोरे रेगिस्तान में रेत के अर्द्धचन्द्राकार बड़े बड़े टीलों ये एक स्थान से दूसरे स्थान पर गतिशील रहते है।
लघु मरूस्थल महान थार मरूस्थल का पूर्वी भाग जो कच्छ से बीकानेर तक फैला है।
लूनी बेसिन अजमेर के दक्षिण पश्चिम से अरावली श्रेणी के पश्चिम में विस्तृत लूनी नदी का प्रवाह क्षेत्र लूनी बेसिन कहलाता है।
बीहड़ भूमि या कन्दराएं चम्बल नदी के द्वारा मिट्टी के भारी कटाव के कारण प्रवाह क्षेत्र में बन गई गहरी घाटियाँ व टीले राजस्थान में सर्वाधिक बीहड़ भूमि धौलपुर जिले में है। राजस्थान व मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिले भिण्ड, मुरैना, धौलपुर आदि में ये कन्दराएं बहुत है।
खड़ीन जैसलमेर के उतर दिशा में बड़ी संख्या में स्थित प्लाया झीलें, प्राय: निम्न deleteall से घिरी रहती हैं
धरियन जैसलमेर के ऐसे भू भाग में, जहां आबादी लगभग नगण्य है।, स्थानान्तरित बालूका स्तूपों का स्थानीय भाषा में इस नाम से पुकारते है।
वागड़ (बाग्वर) बाँसवाड़ा, प्रतापगढ व डूँगरपुर के क्षेत्र को स्थानीय भाषा में वागड़ (वाग्वर) कहते हैं
बांगड़ (बांगर) यह अरावली पर्वत एवं पश्चिम मरूस्थल के मध्य का भाग है। जो मुख्यत: झुन्झुनू सीकर व नागौर जिले में विस्तृत है।
छप्पन के मैदान बाँसवाड़ा डूँगरपुर व प्रतापगढ के बीच माही बेसिन में 56 ग्राम समूहों (56 नदी नालों का प्रवाह) का क्षेत्र
पीडमांट मैदान अरावली श्रेणी में देवगढ़ के समीप स्थित पृथक निर्जन पहाड़ियाँँ जिनके उच्च भू भाग टीलेनुमा हैं।
बीजासण का पहाड़ मांडलगढ के कस्बे के पास है।
विंध्याचल पर्वत राजस्थान के दक्षिण पूर्व में मध्यप्रदेश में स्थित है।
रन पश्चिमी मरू प्रदेश में बालूका स्तूपों के बीच की निम्न भूमि में से जल भर बन जाने से निर्मित अस्थाई झीलें व दलदली भूमि को रन कहते है। कानोड़ बरमसर झाकरी पोकरण (जैसलमेर) बाप, (जोधपुर) तथा थोब (बाड़मेर) प्रमुख रन है।
लाठी सीरीज क्षेत्र जैसलमेर में पोकरण से मोहनगढ़ तक पाकिस्तानी सीमा के सहारे विस्तृत एक भूगर्भीय जल की चौड़ी पट्टी जहां उपयोगी सेवण घास अत्यधिक मात्रा में पाई जाती है।
कूबड़ पट्टी राजस्थान के नागौर जिले एवं अजमेर जिले के कुद क्षेत्रों में भूगर्भीय पानी में फ्लोराईड अत्यधिक होने के कारण वहां के निवासियों में टेढापन आ जाता है। एवं पीठ झुक जाती है। इसलिए इसे कूबड़ पट्टी कहते है।
सांभर झील आन्तरिक जल प्रवाह का अच्छा उदाहरण है।
वैदिक सरस्वती नदी का उल्लेख ऋग्वेद के सातवें मण्डल, तीसरे मण्डल एवं दूसरे मण्डल में मिलता है।


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