गुरु (Guru) = Guru
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पु.गुरु ^1 वि॰ [संज्ञा गुरुत्व, गुरुता]
1. लंबे चौडे़ आकारवाला । बडा़ ।
2. भारी । वजनी । जो तौल में अधिक हो ।
3. कठिनता से पकने या पचनेवाला (खाद्य पदार्थ) ।
4. चौडा़ (डिं॰) ।
5. पूजनीय (को) ।
6. महत्वशील (को॰) ।
7. कठिन (को॰) ।
8. दीर्घमाञावाला (वर्ण) (को॰) ।
9. प्रिय (को॰) ।
10. तीव्रतापूर्ण (को॰) ।
11. संमान्य (को॰) । सर्वो त्तम । सुंदर (को॰) ।
12. दर्पपूर्ण (बात) ।
13. अदमनीय (को॰) ।
14. शक्तिशाली । बलवान् (को॰) ।
15. मूल्यवान् (को॰) । गुरु ^2 संज्ञा पु॰ [स्त्रीलिंग गुरुआनी]
1. देवताओं के आचार्य बृहस्पति ।
2. बृहस्पति नामक ग्रह । यौ॰—गुरुवार ।
3. पुष्य नक्षत्र । जिसके अधिष्ठाता बृहस्पति हैं ।
4. अपने अपने गृह्य के अनुसार यज्ञोपवीत आदि संस्कार करानेवाला, जो गायत्री मंत्र का उपदेष्टा होता है । आचार्य ।
5. किसी मंत्र का उपदेष्टा ।
6. किसी विद्या या कला का शिक्षक । सिखाने , पढा़ने या बतलानेवाला । उस्ताद । यौ॰—गुरुकुल; गुरुगृह = गुरुकुल ।
7. दो मात्राओंवाला अक्षर । दीर्घ अक्षर जिसकी दो मात्राएँ या कलाएँ गिनी जाती हैं । जैसे—राम में रा । —(पिंगल ) । विशेष—संयुक्त अक्षर के पहलेवाला अक्षर (लघु होने पर भी) गुरु माना जाता है । पिंगल में गुरु वर्ण का संकेत है । अनुस्वार और विसर्गयुक्त अक्षर भी गुरु ही माने जाते हैं ।
8. वह ताल जिसमें एक दीर्घ या दो साधारण मात्राएँ हों । विशेष—पिंगल के गुरु की भाँति ताल के गुरु का चिह्न भी ही है । —(संगीत ) ।
9. वह व्यक्ति जो विद्या, बुद्धि बल, वय या पद में सबसे बडा़ हो । यौं॰—गुरुजन । गुरुवर्य ।
10. ब्रह्मा ।
11. विष्णु ।
12. शिव ।
13. कौँछ ।
14. पिता (को॰) ।
15. द्रोणाचार्य (को॰) । गुरु संज्ञा पुं॰ [सं॰ गुरु] गूरु । अध्यापक । आचार्य । यौ॰—गुरुघंटाल = (1) बड़ा भारी चालाक । अत्यंत चतुर । (2) धूर्त । चालबाज ।
पु.गुरु ^1 वि॰ [संज्ञा गुरुत्व, गुरुता]
1. लंबे चौडे़ आकारवाला । बडा़ ।
2. भारी । वजनी । जो तौल में अधिक हो ।
3. कठिनता से पकने या पचनेवाला (खाद्य पदार्थ) ।
4. चौडा़ (डिं॰) ।
5. पूजनीय (को) ।
6. महत्वशील (को॰) ।
7. कठिन (को॰) ।
8. दीर्घमाञावाल
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।