गद्य (Gady) = prose
गद्य ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. वह लेख जिसमें मात्रा और वर्ण की संख्या और स्थान आदि आधार पर विराम या यति का कोई नियम या बंधन न हो । वार्तिक । वचनिका ।
२. काव्य के दो भेदों में से एक जिसमें छंद और वृत्त का प्रतिबंध नहीं होता और बाकी रस, अलंकार आदि सब गुण होते हैं । विशेष—अग्निपुराण में गद्य तीन प्रकार का माना गया है— चूर्णक, उत्कलिका और वृत्तगंधि । चूर्णक वह है जिसमें छोटे छोटे समास हों, उत्कलिका वह है जिसमें बडे़ बडे़ समस्त पद हों, और वृत्तगंधि वह है जिसमें कहीं कहीं पद्य का सा आभास हो । जैसे,—हे बनवारी, कुंजविहारी, कृष्णमुरारी, यसोदानंदन हमारी विनती सुनो । ' वामन ने भी अपने वामन- सूत्र में ये ही तीन भेद माने हैं । विश्वनाथ महापात्र ने साहित्यदर्पण में एक और भेद मुक्तक माना है जिसमें कोई समास नहीं होता । ये भेद तो पदयोजना या शैली के अनुसार हुए । साहित्यदर्पण के अनुसार गद्यकाव्य दो प्रकार का होता है—(क) कथा और । (२) आख्यायिका । कथा वह है जिसमें सरस प्रसंग हो, सज्जनों और खलों के व्यवहार आदि का वर्णन हो और आरंभ में पद्यबद्ध नमस्कार हो । आख्यायिका में केवल इतनी विशेषता होती है कि उसमें कवि के वंश आदि का भी वर्णन होता है । गद्य के विषय में प्राचीनों के ये सब विवेचन आजकल उतने काम के नहीं हैं ।
३. संगीत में शुद्ध राग का एक भेद । गद्य ^२ वि॰ बोलने, कहने या उच्चारण के योग्य [को॰] ।
गद्य ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. वह लेख जिसमें मात्रा और वर्ण की संख्या और स्थान आदि आधार पर विराम या यति का कोई नियम या बंधन न हो । वार्तिक । वचनिका ।
२. काव्य के दो भेदों में से एक जिसमें छंद और वृत्त का प्रतिबंध नहीं होता और बाकी रस, अलंकार आदि सब गुण होते हैं । विशेष—अग्निपुराण में गद्य तीन प्रकार का माना गया है— चूर्णक, उत्कलिका और वृत्तगंधि । चूर्णक वह है जिसमें छोटे छोटे समास हों, उत्कलिका वह है जिसमें बडे़ बडे़ समस्त पद हों, और वृत्तगंधि वह है जिसमें कहीं कहीं पद्य का सा आभास हो । जैसे,—हे बनवारी, कुंजविहारी, कृष्णमुरारी, यसोदानंदन हमारी विनती सुनो । ' वामन ने भी अपने वामन- सूत्र में ये ही तीन भेद माने हैं । विश्वनाथ महापात्र ने साहित्यदर्पण में एक और भेद मुक्तक माना है जिसमें कोई समास नहीं होता । ये भेद तो पदयोजना या शैली के अनुसार हुए । साहित्यदर्पण के
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।
हिंदी गद्य साहित्य का इतिहास
सुर्यमल्ल का ‘ वंशभास्कर ‘ गद्य साहित्य है या प्रबन्ध काव्यः
राजस्थान के प्रथम ‘ प्रौढ़ गद्यकार ‘ (षडावश्यक बालव बोध के रचनाकार) कौन माने जाते है ?
राजस्थानी काव्य में कलात्मक गद्य का प्रथम उदाहरण ‘ पृथ्वीराज वाग्विलास ‘ की रचना की गई है ?
खड़ी बोली गद्य की प्रथम रचना कौन सी है
Gady meaning in Gujarati: ગદ્ય
Translate ગદ્ય
Gady meaning in Marathi: गद्य
Translate गद्य
Gady meaning in Bengali: গদ্য
Translate গদ্য
Gady meaning in Telugu: గద్య
Translate గద్య
Gady meaning in Tamil: உரை நடை
Translate உரை நடை