युद्ध (Yudhh) = war
युद्ध का अर्थ है रण, संग्राम, भिड़ंत, समर, ज़ंग, ज़दल । पु.युद्ध संज्ञा पुं॰ लड़ाई । संग्राम । रण । विशेष— प्राचीन काल में युद्ध के लिये रथ, हाथी, घोड़े और पदाति ये चार सेना के प्रधान अंग थे और इसी कारण सेना को चतुरंगिणी कहते थे । इन चारों के संख्याभेद के कारण पत्ति, गुल्म, गण आदि अनेक भेद और उनके संनिवेशभेद से शूची, श्येन, मकरादि अनेक व्यूह थे । सैनिकों को शिक्षा संकेतध्वनियों से दी जाती थी, जिसे सुनकर सैनिकगण संमी- लन, प्रसरण प्रभ्रमण, आकुंचन, यान, प्रयाण, अपयान आदि अनेक चेष्टाएँ करते थे । संग्राम के दो भेद थे— एक द्वंद्व और दूसरा निर्द्वंद्व । जिस संग्राम में कृत्रिम या अकृत्रिम दुर्ग में रहकर शत्रु से युद्ध करते थे, उसे 'द्वंद्व युद्ध 'कहते थे । पर जब दूर्ग से बाहर होकर आमने सामने खुले मैदान में लड़ते थे, तब उसे 'निर्द्वंद्व युद्ध' कहते थे । निर्द्वंद्व युद्ध में समदेश में रथयुद्ध, विषमदेश में हस्तियुद्ध, मरुभूमि में अश्वयुद्ध, पर्वतादि में पत्तियुद्ध और जल में नौकायुद्ध किया जाता था । युद्ध के समान्य नियम ये थे—(1) युद्ध उस अवस्था में किया जाता था, जब युद्ध से जीने की आशा और न युद्ध करने में नाश ध्रुव हो । (2) राजा और युद्धशास्त्र के मर्मज्ञ पंडितों को युद्धक्षेत्र में नही जाने देते थे । उनसे यथासमय युद्धनीति का केवल परामर्श और मंत्र लिया जाता था । (3) रथहीन, अश्वहीन, गजहीन और शस्त्रहीन पर प्रहार नहीं होता था । (4) बाल, वृद्ध, नपुंसक और अव्याहत पर तथा शांति की पताका उठानेवाले के ऊपर शस्त्रास्त्र नहीं चलाया जाता था । (5) भयभीत, शरणप्राप्त, युद्ध से विमुख और विगत पर भी आघात नहीं किया जाता था । (6) संग्राम में मारनेवाले को ब्रह्महत्यादि दोष नहीं लगते थे । (7) लड़ाई से भागनेवाला बड़ा पातक ी माना जाता था । ऐसे पातकी की शुद्धि तब तक नहीं होती थी, जबतक कि वह फिर युद्ध में जाकर शूरता न दिखलावे । क्रि॰ प्र॰—छिड़ना । —छेड़ना । —ठनना । —मचना । —मचाना । मुहावरा—युद्ध मोंडना=लड़ाई ठानना । उ॰— कुँअर तन श्याम मानों काम है दूसरों, सपन में देखि ऊखा लुभाई । मित्ररेखा सकल जगत के नृपत की, छिनिक में मुरति तक लिखि देखाई । निरखि यदुवश का रहस मन में भयो, देखि अनिरुद्ध युद्ध माँड्यो । सूर प्रभु ठटी ज्यों भयो चाहै सो त्यों फाँसि करि कुँअर अनिरुद्ध बाँध्यो । —
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।
युद्ध, संग्राम, संघर्ष, लड़ाई,
राजपूत मराठा युद्ध
दूसरा कर्नाटक युद्ध
प्रथम कर्नाटक युद्ध की समाप्ति किस संधि से हुई
सबसे अधिक निर्णायक युद्ध जिसने अंग्रेजों के भारत में प्रभुत्व को स्थापित कर दिया था , था -
तराइन का तृतीय युद्ध कब हुआ था
Yudhh meaning in Gujarati: યુદ્ધ
Translate યુદ્ધ
Yudhh meaning in Marathi: युद्ध
Translate युद्ध
Yudhh meaning in Bengali: যুদ্ধ
Translate যুদ্ধ
Yudhh meaning in Telugu: యుద్ధం
Translate యుద్ధం
Yudhh meaning in Tamil: போர்
Translate போர்