आश्रम (Aashram) = hermitage
आश्रम संज्ञा पुं॰ [वि॰ आश्रमी] ऋषियों और मुनियों का निवासस्थान । तपोवन ।
2. साधु संत के रहने की जगह ।
प्राचीन काल में सामाजिक व्यवस्था के दो स्तंभ थे - वर्ण और आश्रम। मनुष्य की प्रकृति-गुण, कर्म और स्वभाव-के आधार पर मानवमात्र का वर्गीकरण चार वर्णो में हुआ था। व्यक्तिगत संस्कार के लिए उसके जीवन का विभाजन चार आश्रमों में किया गया था। ये चार आश्रम थे-(1) ब्रह्मचर्य, (2) गार्हस्थ्य, (3) वानप्रस्थ और (4) संन्यास। अमरकोश (7.4) पर टीका करते हुए भानु जी दीक्षित ने 'आश्रम' शब्द की व्याख्या इस प्रकार की है: आश्राम्यन्त्यत्र। अनेन वा। श्रमु तपसि। घञ््ा। यद्वा आ समंताछ्रमोऽत्र। स्वधर्मसाधनक्लेशात्। अर्थात् जिसमें स्म्यक् प्रकार से श्रम किया जाए वह आश्रम है अथवा आश्रम जीवन की वह स्थिति है जिसमें कर्तव्यपालन के लिए पूर्ण परिश्रम किया जाए। आश्रम का अर्थ 'अवस्थाविशेष' 'विश्राम का स्थान', 'ऋषिमुनियों के रहने का पवित्र स्थान' आदि भी किया गया है। आश्रमसंस्था का प्रादुर्भाव वैदिक युग में हो चुका था, किंतु उसके विकसित और दृढ़ होने में काफी समय लगा। वैदिक साहित्य में ब्रह्मचर्य और गार्हस्थ्य अथवा गार्हपत्य का स्वतंत्र विकास का उल्लेख नहीं मिलता। इन दोनों का संयुक्त अस्तित्व बहुत दिनों तक बना रहा और इनको वैखानस, पर्व्राािट्, यति, मुनि, श्रमण आदि से अभिहित किया जाता था। वैदिक काल में कर्म तथा कर्मकांड की प्रधानता होने के कारण निवृत्तिमार्ग अथवा संन्यास को विशेष प्रोत्साहन नहीं था। वैदिक साहित्य के अंतिम चरण उपनिषदों में निवृत्ति और संन्यास पर जोर दिया जाने लगा और यह स्वीकार कर लिया गया था कि जिस समय जीवन में उत्कट वैराग्य उत्पन्न हो उस समय से वैराग्य से प्रेरित होकर संन्यास ग्रहण किया जा सकता है। फिर भी संन्यास अथवा श्रमण धर्म के प्रति उपेक्षा और अनास्था का भाव था। सुत्रयुग में चार आश्रमों की परिगणना होने लगी थी, यद्यपि उनके नामक्रम में अब भी मतभेद था। आपस्तंब धर्मसूत्र (2.9.21.1) के अनुसार गार्हस्थ्य, आचार्यकुल (=ब्रह्मचर्य), मौन तथा वानप्रस्थ चार आश्रम थे। गौतमधर्मसूत्र (3.2) में ब्रह्मचारी, गृहस्थ, भिक्षु और वैखानस चार आश्रम बतलाए गए हैं। वसिष्ठधर्मसूत्र (7.1.2) में गृहस्थ, ब्रह्मचारी, वानप्रस्थ तथा पर्व्राािजक, इन चार आश्रमों का वर्णन किया है, किंतु
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।
हरिभाऊ उपाध्याय द्वारा हंटूड़ी ( अजमेर ) में गांधी आश्रम की स्थापना कब की गई जहाँ वर्तमान में एक बी - एड कॉलेज संचालित है ?
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संदीपनी मुनि का आश्रम कहाँ है ?
Aashram meaning in Gujarati: સંન્યાસી
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Aashram meaning in Marathi: हर्मिटेज
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Aashram meaning in Bengali: আশ্রম
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Aashram meaning in Telugu: సన్యాసం
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Aashram meaning in Tamil: சந்நியாசம்
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