द्वार (Dwar) = door
द्वार संज्ञा पुं॰
1. किसी ओट करनेवाली या रोकनेवाली वस्तु (जैसे, दीवार परदा आदि) में वह छिद्र या खुला स्थान जिससे होकर कोई वस्तु आरपार या भीतर बाहर जा आ सके । मुख । मुहाना । मुहड़ा । जैसे, गांगाद्वार ।
2. घर में आने जाने के लिये दीवार में खुला हुआ स्थान । दरवाजा । मुहावरा— (किसी बात के लिये) द्वार खुलना = किसी बात के बराबर होने के लिये मार्ग यो उपाय निकलना । द्वार द्वार फिरना = (1) कार्यसिद्धि के लिये चारों और बहुत से लोगों के यहाँ जाना । (2) घर घर भीख माँगना । द्वार लगना = (1) किवाड़ बंद होना । (2) किसी आसरे में दरवाजे पर खड़ा रहना । उ॰— यह जान्यो जिय राधिका द्वारे हरि लागे । गर्व कियो जिय प्रेम को ऐसे अनुरागे । — सूर (शब्द॰) । (3) चुपचाप किसी बात की आहट लेने के लिये किवाड़ के पीछे छिपकर खड़ा होना । द्वार लगाना = किवाड़ बंद करना ।
3. इंद्रियों का मार्ग या छेद । जैसे, आँख, कान, मुँह, नाक आदि । उ॰— नौ द्वारे का पींजरा तामें पंछी पौन । रहने को आश्चर्य है, गए अचंभा कौन । —कबीर (शब्द॰) ।
4. उपाय । साधन । जरिया । जैसे,— रुपया कमाने का द्वार । विशेष— सांख्यकारिका में अंतःकरण ज्ञान का प्रधान स्थान कहा गया है और ज्ञानेंद्रियाँ उसका द्वार बतलाई गई हैं ।
वास्तुकला में द्वार या दरवाज़ा एक ऐसा हिल सकने वाला ढांचा होता है जिस से किसी कमरे, भवन या अन्य स्थान के प्रवेश-स्थल को खोला और बंद किया जा सके। अक्सर यह एक चपटा फट्टा होता है जो अपने कुलाबे पर घूम सकता है। जब दरवाज़ा खुला होता है तो उस से बाहर की हवा, रोशनी और आवाज़ें अन्दर प्रवेश करती हैं। द्वारों को बंद करने के लिए उनपर अक्सर तालों, ज़ंजीरों या कुण्डियों का बंदोबस्त किया जाता है। आने जाने की सुविधा या रोक के लिए लगाए गए लकड़ी, धातु या पत्थर के एक टुकड़े, या जोड़े हुए कई टुकड़ों, के पल्लों को द्वारकपाट, कपाट या किवाड़ कहते हैं। द्वार का साधारण रूप आयताकार छिद्र का होता है, किंतु आयत का ऊपरी भाग गोल या लंबी मेहराब वाला, या अन्य किसी रूप का भी हो सकता है। ईटं, या पत्थर की चिनाईवाले भवनों के द्वारों में चौखट लगी होती है, जिसमें ऊपर की ओर लकड़ी का जोता होता है। लकड़ी के मकानों में जोते की क्षैतिज लकड़ी में चूलें बनाकर अगल बगल की खड़ी लकड़ियों के बीच लगा देते हैं और खड़ी लकड़ियाँ
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।
दरवाजा, प्रवेश, प्रवेशमार्ग,