उदयनाचार्य (udayanacharya) = Udyanacharya
उदयनाचार्य प्रसिद्ध नैयायिक। उन्होने नास्तिकता के विरोध में ईश्वरसिद्धि के लिए आज से हजारों वर्ष पूर्व न्यायकुसुमांजलि नामक एक अत्यन्त पाण्डित्यपूर्ण ग्रन्थ लिखा। न्याय-वैशेषिक दर्शन के मूर्धन्य आचार्य। ये मिथिला के निवासी थे, जहाँ 'करियौन' नामक ग्राम में, इनके वंशज आज भी निवास करते हैं। ये अक्षपाद गौतम से आरंभ होनेवाली प्राचीन न्याय की परंपरा के अंतिम प्रौढ़ न्याययिक माने जाते हैं। अपने प्रकांड, पांडित्य, अलौकिक शेमुषी तथा प्रोढ़ तार्किकता के कारण ये 'उदयनाचार्य' के नाम से ही प्रख्यात हैं। इनका आविर्भावकाल दशम शतक का उत्तरार्ध है। इनकी 'लक्षणावली' का रचनाकाल ९०६ शक (९८४ ई.) ग्रंथ के अंत में निर्दिष्ट है। इन्होंने प्राचीन न्यायग्रंथों की भी रचना की है जिनमें इनकी मौलिक सूझ तथा उदात्त प्रतिभा का पदे पदे परिचय मिलता है। इनकी प्रख्यात कृतियाँ ये हैं-ध्यान देने की बात है कि न्यायमत में जगत् के कर्तव्य से ईश्वर की सिद्धि मानी जाती है। बौद्ध नितांत निरीश्वरवादी हैं। षड्दर्शनों में भी ईश्वरसिद्धि के अनेक प्रकार हैं। इन सब मतों का विस्तृत समीक्षण कर आचार्य उदयन ने अपने मत का प्रौढ़ प्रतिष्ठापन किया है। इनके विषय में यह किंवदन्ति प्रसिद्ध है कि जब इनके असमय पहुँचने पर पुरी में जगन्नाथ जी के मंदिर का फाटक बंद था, तब इन्होंने ललकारकर कहा था कि ऐश्वर्य के मद में मत्त आप मेरी अवज्ञा कर रहे हैं, किन्तु (निरीश्वरवादी) बौद्धों के उपस्थित होने पर आपकी स्थिति मेरे अधीन है। सुनते हैं, फाटक तुरंत खुल गया और उदयन ने जगन्नाथ जी के सद्य: दर्शन किए। जगन्नाथ मंदिर के पीछे बनने के कारण किंवदंती की सत्यता असिद्ध है। प्रौढ़ नैयायिक उदयनाचार्य ने ईश्वर-सिद्धि के ही लिए बनाए अपने ग्रंथ 'न्यायकुसुमांजलि' को पूरा करके उपसंहार में यही लिखा है कि वे साफ-सच्चे और ईमानदार नास्तिकों के लिए ही वही स्थान चाहते हैं जो सच्चे आस्तिकों को मिले। उनने प्रार्थना के रूप में अपने भगवान से यही बात बहुत सुंदर ढंग से यों कही है -इसका आशय यही है कि 'कृपासागर, इस प्रकार वेद, न्याय, तर्क आदि के रूप में हमने झरने का जल इस ग्रंथ में प्रस्तुत किया है और उससे उन नास्तिकों के मलिन हृदयों को अच्छी तरह धो दिया भी है, ताकि वे आपके निवास योग्य बन जाएँ। लेकिन यदि इतने पर भी आपके यहाँ स्थान न मिले, तो हम यही कहे
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10वीं शताब्दी के प्रसिद्ध दार्शनिक उदयनाचार्य का सम्बन्ध बिहार के किस जिले से है ?
udayanacharya meaning in Gujarati: ઉદયનચાર્ય
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udayanacharya meaning in Marathi: उदयनाचार्य
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udayanacharya meaning in Bengali: উদয়নাচার্য
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udayanacharya meaning in Telugu: ఉదయనాచార్య
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udayanacharya meaning in Tamil: உதயநாச்சியார்
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