संकोच (sankoch) = Hesitation
संकोच संज्ञा पुं॰ [सं॰ सङ्कोच]
१. सिकुड़ने की क्रिया । खिचाव । तनाव । जैसे, अंगसंकोच, गात्रसंकोच ।
२. लज्जा । शर्म ।
३. भय ।
४. आगा पीछा । पसोपेश । हिचकिचाहट ।
५. कभी ।
६. एक प्रकार की मछली ।
७. केसर । कुमकुम ।
८. एक अलंकार जिसमें 'विकास अलंकार' से विरुद्ध वर्णन होता है या किसी वस्तु का अतिशय संकोच वर्णन किया जाता है ।
९. बहुत सी बातों को थोड़े में कहना ।
१०. बंद होना । मुँदना । जैसे, कमलसंकोच, नेत्रसंकोच (को॰) ।
११. शुष्क होना । सूखना । उ॰—जलसंकोच विकल भइ मीना । —मानस, ४ । २० ।
१२. बंधन । बंध (को॰) । झुकना । नम्र होना (को॰) । यौं॰—संकोचकारी = (१) नम्र होनेवाला । (२) लज्जालु । शरमीला । संकोचपत्रक । संकोचपिशुन । संकोचरेखा = सिकुड़न की रेंखा । झुरीं ।
लज्जा या संकोच (Shyness या diffidence) किसी व्यक्ति की वह भावना है जिसके कारण उसे दूसरे व्यतियों के साथ बैठने, बातचीत करने आदि में परेशानी होती है। यह भावना प्रायः नयी जगहों पर या अपरिचित लोगों के बीच में जाने पर अधिक प्रबल होती है। संकोच की भावना कम आत्मविश्वास वाले व्यक्तियों का विशिष्ट गुण है। जब लज्जा की भावना बहुत प्रबल हो तो उसे सामाजिक दुश्चिन्ता (social anxiety या social phobia) कहते हैं।
sankoch meaning in Gujarati: ખચકાટ
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sankoch meaning in Marathi: संकोच
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sankoch meaning in Bengali: দ্বিধা
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sankoch meaning in Telugu: సంకోచం
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sankoch meaning in Tamil: தயக்கம்
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