नाभि (Nabhi) = Navel
Category: body part
नाभि ^1 संज्ञा स्त्रीलिंग
1. चक्रमध्य । पहिए का मध्य भाग । नाह ।
2. जरायुज जंतुओं के पेट की बीचोबीच वह चिह्न या गड्ढा जहाँ गर्भावस्था में जरायुनाल जुड़ा रहता है । ढोंढी । धुन्नी । तुन्नी । तुंदी । तुंदिका । तुंदकुपी ।
3. कस्तुरी । नाभि ^2 संज्ञा पुं॰
1. प्रधान । राजा ।
2. प्रधान व्यक्ति या वस्तु ।
3. गोत्र ।
4. क्षत्रिय । महादेव ।
6. प्रियव्रत राजा के पौत्र (ब्रह्मांड पुराण) ।
7. भागवत के अनुसार आग्नीघ्र राजा के पुत्र जिनकी पत्नी मेरुदेवी के गर्भ से ऋषिभदेव की उत्पत्ति हुई थी । विशेष—इनकी कथा इस प्रकार है । नाभि ने पत्नी के सहित पुत्र की कामना से बड़ा भारी यज्ञ किया । उस यज्ञ में प्रसन्न होकर विष्णु भगवान् साक्षात् प्रकट हुए । नाभि ने वर माँगा कि मेरे तुम्हारे ही ऐसा पुत्र हो । भगवान् ने कहा मेरे ऐसा दुसरा कौन हौ ? अतः मै ही पुत्र होकर जन्म लुँगा । कुछ काल के पीछे मेरुदेवी के गर्भ से ऋषभदेव उत्पन्न हुए जो विष्णु के 24 अवतारों में माने जाते हैं । जौनों के आदि तीर्थकर भी ऋषभदेव माने जाते हैं ।
नाभि ^1 संज्ञा स्त्रीलिंग
1. चक्रमध्य । पहिए का मध्य भाग । नाह ।
2. जरायुज जंतुओं के पेट की बीचोबीच वह चिह्न या गड्ढा जहाँ गर्भावस्था में जरायुनाल जुड़ा रहता है । ढोंढी । धुन्नी । तुन्नी । तुंदी । तुंदिका । तुंदकुपी ।
3. कस्तुरी ।
नाभि (चिकित्सकीय भाषा में अम्बिलीकस के रूप में ज्ञात और बेली बटन के नाम से भी जानी जाती है) पेट पर एक गहरा निशान होती है, जो नवजात शिशु से गर्भनाल को अलग करने के कारण बनती है। सभी अपरा संबंधी स्तनपाइयों में नाभि होती है। यह मानव में काफी स्पष्ट होती है। मनुष्यों में यह निशान एक गड्ढे के समान दिख सकता है (अंग्रेज़ी में आम बोलचाल की भाषा में इसे अक्सर इन्नी कह कर संदर्भित किया जाता है) या एक उभार के रूप में दिख सकता है (आउटी) . हालांकि इन्हें इन दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है, नाभियां वास्तव में अलग-अलग लोगों में माप, आकार, गहराई/लंबाई और समग्र स्वरूप के मामले में व्यापक रूप से काफी भिन्न होती है। चूंकि नाभि केवल निशान होती है और इसे किसी भी तरह से आनुवंशिकी द्वारा परिभाषित नहीं किया जाता है, इन्हें, एक जैसे दिखने वाले जुड़वां लोगों के बीच किसी अन्य पहचान चि
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।