निम्बार्क (Nimbark) = Nimbarka
निम्बार्काचार्य भारत के प्रसिद्ध दार्शनिक थे जिन्होने द्वैताद्वैत का दर्शन प्रतिपादित किया। उनका समय १३वीं शताब्दी माना जाता है। किन्तु निम्बार्क सम्प्रदाय का मानना है कि निम्बार्क का प्रादुर्भाव ३०९६ ईसापूर्व (आज से लगभग पाँच हजार वर्ष पूर्व) हुआ था। निम्बार्क का जन्मसथान वर्तमान आंध्र प्रदेश में है। सनातन संस्कृति की आत्मा श्रीकृष्ण को उपास्य के रूप में स्थापित करने वाले निंबार्काचार्य वैष्णवाचार्यों में प्राचीनतम माने जाते हैं। राधा-कृष्ण की युगलोपासना को प्रतिष्ठापित करने वाले निंबार्काचार्य का प्रादुर्भाव कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था। भक्तों की मान्यतानुसार आचार्य निंबार्क का आविर्भाव-काल द्वापरांत में कृष्ण के प्रपौत्र बज्रनाभ और परीक्षित पुत्र जनमेजय के समकालीन बताया जाता है। इनके पिता अरुण ऋषि की, श्रीमद्भागवत में परीक्षित की भागवतकथा श्रवण के प्रसंग सहित अनेक स्थानों पर उपस्थिति को विशेष रूप से बतलाया गया है। हालांकि आधुनिक शोधकर्ता निंबार्क के काल को विक्रम की 5वीं सदी से 12वीं सदी के बीच सिद्ध करते हैं। संप्रदाय की मान्यतानुसार इन्हें भगवान के प्रमुख आयुध ‘सुदर्शन’ का अवतार माना जाता है। इनका जन्म वैदुर्यपत्तन (दक्षिण काशी) के अरुणाश्रण में हुआ था। इनके पिता अरुण मुनि और इनकी माता का नाम जयंती था। जन्म के समय इनका नाम नियमानंद रखा गया और बाल्यकाल में ही ये ब्रज में आकर बस गए। मान्यतानुसार अपने गुरु नारद की आज्ञा से नियमानंद ने गोवर्धन की तलहटी को अपनी साधना-स्थली बनाया। बचपन से ही यह बालक बड़ा चमत्कारी था। एक बार गोवर्धन स्थित इनके आश्रम में एक दिवाभोजी यति (केवल दिन में भोजन करने वाला संन्यासी) आया। स्वाभाविक रूप से शास्त्र-चर्चा हुई पर इसमें काफी समय व्यतीत हो गया और सूर्यास्त हो गया। यति बिना भोजन किए जाने लगा। तब बालक नियमानंद ने नीम के वृक्ष की ओर संकेत करते हुए कहा कि अभी सूर्यास्त नहीं हुआ है, आप भोजन करके ही जाएं। लेकिन यति जैसे ही भोजन करके उठा तो देखा कि रात्रि के दो पहर बीत चुके थे। तभी से इस बालक का नाम ‘निंबार्क’, यानी निंब (नीम का पेड़) पर अर्क (सूर्य) के दर्शन कराने वाला, हो गया। निंबार्काचार्य ने ब्रह्मसूत्र, उपनिषद और गीता पर अपनी टीका लिखकर अपना समग्र दर्शन प्रस्तुत किया। इनकी यह टीका 'वेदांत पारिजात सौरभ' (दसश्लोकी)
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राजस्थान में निम्बार्क सम्प्रदाय की पीठ कहां स्थित है ?
राजस्थान के किस जिले में निम्बार्क पीठ स्थित है
निम्बार्क सम्प्रदाय की प्रधान पीठ कहां स्थित है
निम्बार्क सम्प्रदाय का प्रमुख केन्द्र कौनसा है -
निम्न में से कौनसा निम्बार्क सम्प्रदाय ( हंस सम्प्रदाय ) के सम्बन्ध में असंगत है -
Nimbark meaning in Gujarati: નિમ્બાર્ક
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Nimbark meaning in Marathi: निंबार्क
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Nimbark meaning in Bengali: নিম্বার্ক
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Nimbark meaning in Telugu: నింబార్క్
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Nimbark meaning in Tamil: நிம்பார்க்
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