Ghar Me Mandir Ka Mukh Kis Disha Me Hona Chahiye घर में मंदिर का मुख किस दिशा में होना चाहिए

घर में मंदिर का मुख किस दिशा में होना चाहिए

GkExams on 16-10-2022


वास्तु ज्योतिष के अनुसार पूजा स्थान ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। अगर इस दिशा में घर हो तो घर के परिवार के सदस्यो पर इसका सकरात्मक प्रभाव देखने को मिलता है।



इससे होता ये है की सभी देवी देवताओ की कृपा उस घर में सदा बनी रहती है जिस घर में कोई भी वास्तु दोष ना हो तथा इसके साथ ही यह भी अत्यन्त आवश्यक हो जाता है की उस घर का पूजा स्थान वास्तु के अनुसार ही निर्मित हुआ हो।


यदि किसी कारणवश ईशान कोण में पूजा घर नहीं बनाया जा सकता है तो विकल्प के रूप में उत्तर या पूर्व दिशा का चयन करना चाहिए और यदि ईशान, उत्तर और पूर्व इन तीनो दिशा में आप पूजा घर बनाने में असमर्थ है तो पुनः आग्नेय कोण दिशा का चयन करना चाहिए भूलकर भी केवल दक्षिण दिशा का चयन नहीं करना चाहिए क्योकि इस दिशा में “यम” (मृत्यु-देवता) अर्थात नकारात्मक ऊर्जा का स्थान है।


घर में मंदिर की स्थापना कैसे करें?




जैसा की हम सबको पता है हमारे घर में शुभ और अशुभ दो तरह की ऊर्जा पाई जाती है। इसी प्रकार हमारे घर में शुभ ऊर्जा के संचार के लिए मंदिर का होना आवश्यक है।


मंदिर या पूजा का स्थान नियत होने से तमाम तरह की समस्याएं अपने आप ही दूर हो जाती हैं। विशेष रूप से स्वास्थ्य तथा मन की समस्याओं का निवारण शीघ्र होता है। इससे घर में आर्थिक समृद्धि भी बनी रहती है।


यहाँ हम आपको मंदिर में मूर्ति स्थापना की विधि बताएंगे जो निम्न प्रकार से है....


  • मंदिर की आकृति रखने की बजाय पूजा का स्थान बनाएं।
  • इस स्थान पर देवी देवताओं की भीड़ न लगाएं।
  • जिस देवी या देवता की मुख्य रूप से आप उपासना करते हैं उनके चित्र अथवा मूर्ति की स्थापना एक आसन या चौकी पर करें।
  • अगर मूर्ति की स्थापना करनी है तो यह 12 उंगलियों से ज्यादा बड़ी नहीं होनी चाहिए।
  • चित्र कितना भी बड़ा हो सकता है।
  • पूजा स्थान पर शंख, गोमती चक्र और एक पात्र में जल भरकर जरूर रखें।



  • इन बातों का रखे ख़ास ध्यान :




  • पूजा स्थान पर गंदगी न रखें।
  • रोज वहां पर साफ-सफाई जरूर करें।
  • पूजा स्थान पर पूर्वजों के चिंत्र न रखें।
  • शनि देव का चित्र या मूर्ति भी न रखें।
  • जहां तक हो सके पूजा स्थान पर अगरबत्तियां न जलाएं।
  • पूजा स्थान का दरवाजा बंद करके न रखें।
  • पूजा स्थान के साथ स्टोर रूम या रसोई न बनाएं।
  • आप कोई भी पूजा करते हों, अगर गुरु मंत्र नहीं मिला है तो गायत्री मंत्र का जाप जरूर करें।
  • पूजा के बाद अर्पित किया हुआ जल प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।

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    Comments Bajrang on 24-09-2022

    Pujari Ka muh kis disa me Hona chahiye


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