कुमावत Gotr Aur Kuldevi कुमावत गोत्र और कुलदेवी

कुमावत गोत्र और कुलदेवी

Pradeep Chawla on 12-05-2019

कुमावत ( Kumawat ) शब्‍द होने से इसी पर विस्‍तार पर बताने जा रहा हूँ की कुम्‍हार समुदाय में कुमावत शब्‍द की शुरूआत कैसे हुई।

इसके लिये हमें भाषा विज्ञान पर नजर डालनी होगी। कुमावत शब्‍द की स‍न्धि विच्‍छेद करने पर पता चलता है ये शब्‍द कुमा + वत से बना है। यहां वत शब्‍द वत्‍स से बना है । वत्‍स का अर्थ होता है पुत्र या पुत्रवत शिष्‍य अर्थात अनुयायी। इसके लिये हम अन्‍य शब्‍दों पर विचार करते है-

निम्‍बावत अर्थात निम्‍बार्काचार्य के शिष्‍य

रामावत अर्थात रामानन्‍दाचार्य के शिष्‍य

शेखावत अर्थात शेखा जी के वंशज

लखावत अर्थात लाखा जी के वंशज

रांकावत अर्थात रांका जी के शिष्‍य या अनुयायी

इसी प्रकार कुमावत का भी अर्थ होता है कुम्‍हार के वत्‍स या अनुयायी। कुछ लोग अपने मन से कु मा वत जैसे मन माने सन्धि विच्‍छेद करते है और मनमाने अर्थ देते है।
कई बन्‍धु प्रश्‍न करते है कि कुम्‍हार शब्‍द था फिर कुमावत शब्‍द का प्रयोग क्‍यों शुरू हुआ। उसके पीछे मूल कारण यही है कि सामान्‍यतया पूरा समाज पिछड़ा रहा है और जब कोई बन्‍धु तरक्‍की कर आगे बढा तो उसने स्‍वयं को अलग दर्शाने के लिये इस शब्‍द का प्रयोग शुरू किया। और अब यह व्‍यापक पैमाने में प्रयोग होता है। कई बन्‍धु यह भी कहते है कि इतिहास में कुमावतों का युद्ध में भाग लेने का उल्‍लेख है। तो उन बन्‍धुओ को याद दिलाना चाहुंगा कि युद्ध में सभी जातियों की थोड़ी बहुत भागीदारी अवश्‍य होती थी और वे आवश्‍यकता होने पर अपना पराक्रम दिखा भी देते थे। युद्ध में कोई सैनिकों की सहायता करने वाले होते थे तो कोई दुदुभी बजाते कोई गीत गाते कोई हथियार पैने करते तो कोई भोजन बनाते। महाराणा प्रताप ने तो अपनी सेना में भीलों की भी भर्ती की थी। ये भी संभव है कि इस प्रकार युद्ध में भाग लेने वाले समाज बन्‍धु ने कुमावत शब्‍द का प्रयोग शुरू किया।

कुछ बन्‍धु यह भी कहते है कि इतिहास में पुरानी जागीरों का वर्णन होता है अत: वे राजपूत के वंशज है या क्षत्रिय है। तो उन बन्‍धुओं का बताना चाहुंगा की जागीर देना या ना देना राजा पर निर्भर करता था। जोधपुर में मेहरानगढ के दुर्ग के निर्माण के समय दुर्ग ढह जाता तो ये उपाय बताया गया कि किसी जीवित व्‍यक्ति द्वारा नींव मे समाधि लिये जाने पर ये अभिशाप दूर होगा। तब पूरे राज्‍य में उद्घोषणा करवाई गई कि जो व्‍यक्ति अपनी जीवित समाधि देगा उसके वंशजों को जागीर दी जाएगी। तब केवल एक गरीब व्‍यक्ति आगे आया उसका नाम राजाराम मेघवाल था। तब महाराजा ने उसके परिवार जनों को एक जागीर दी तथा उसके नाम से एक समाधि स्‍थान (थान) किले में आज भी मौजूद है। चारणों को भी उनकी काव्‍य गीतों की रचनाओं से प्रसन्‍न हो खूब जागीरे दी गयी। अत: जागीर होना या थान या समाधी होना इस बात का प्रमाण नहीं है कि वे राजपूत के वंशज थे। और क्षत्रिय वर्ण बहुत वृहद है राजपूत तो उनके अंग मात्र है। कुम्‍हार युद्ध में भाग लेने के कारण क्षत्रिय कहला सकता है पर राजपूत नहीं। राजपूत तो व्‍यक्ति तभी कहलाता है जब वह किसी राजा की संतति हो।

भाट और रावाें ने अपनी बहियों में अलग अलग कहानीयों के माध्‍यम से लगभग सभी जातियों को राजपूतों से जोडा है ताकि उन्‍हे परम दानी राजा के वंशज बता अधिक से अधिक दान दक्षिणा ले सके।

लेकिन कुमावत और कुम्‍हारों को इस बात पर ध्‍यान देना चाहिए कि राजपूतो में ऐसी गोत्र नहीं होती जैसी उनकी है और जिस प्रकार कुमावत का रिश्‍ता कुमावत में होता है वैसे किसी राजपूत वंश में नहीं होता। अत: उनको भाट और रावों की झूठी बातों पर ध्‍यान नहीं देना चाहिए। राजपूतों मे कुम्‍भा नाम से कई राजा हुए है अत: हो सकता है उनके वंशज भी कुमावत लगाते रहे हो। पर अब कुम्‍हारों को कुमावत लगाते देख वे अपना मूल वंश जैसे सिसोदिया या राठौड़ या पंवार लगाना शुरू कर दिया होगा और वे रिश्‍ते भी अपने वंश के ही कुमावत से ना कर कच्‍छवाहो परिहारो से करते होंगे।

कुछ बन्‍धु ये भी तर्क देते है कि हम बर्तन मटके नहीं बनाते और इनको बनाने वालों से उनका कोई संबंध कभी नहीं रहा। उन बंधुओ को कहते है कि आपके पुराने खेत और मकान जायदाद मे तो कुम्‍हार कुमार कुम्‍भार लिखा है तो वे तर्क देते है कि वे अज्ञानतावश खुद को कुम्‍हार कहते थे। यहां ये लोग भूल जाते है कि हमारे पूर्वज राव और भाट के हमारी तुलना में ज्‍यादा प्रत्‍यक्ष सम्‍पर्क में रहते थे। अगर भाट कहते कि आप कुमावत हो तो वे कुमावत लगाते। और कुमावत शब्‍द का कुम्‍हारों द्वारा प्रयो्ग ज्‍यादा पुराना नहीं है। वर्तमान जयपुर की स्‍थापना के समय से ही प्रचलन में आया है और धीरे धीरे पूरे राजस्‍थान में कुम्‍हारों के मध्‍य लोकप्रिय हो रहा है। और रही बात मटके बनाने की तो हजार में से एक व्‍यक्ति ही मटका बनाता है। क्‍योंकि अगर सभी बनाते इतने बर्तन की खपत ही कहा होती। कम मांग के कारण कुम्‍हार जाति के लोग अन्‍य रोजगार अपनाते। कुछ खेती करते कुछ भवन निर्माण करते कुछ पशुचराते कुछ बनजारो की तरह व्‍यापार करते तो कुछ बर्तन और मिट्टी की वस्‍तुए बनातें। खेतीकर, चेजारा और जटिया कुमार क्रमश: खेती करने वाले, भवन निर्माण और पशु चराने और उन का कार्य करने वाले कुम्‍हार को कहा जाता था।

कुछ कहते है की मारू कुमार मतलब राजपूत। मारू मतलब राजपूत और कुमार मतलब राजकुमार।

- उनके लिये यह कहना है कि राजस्‍थान की संस्‍कृति पर कुछ पढे। बिना पढे ऐसी बाते ही मन मे उठेगी। मारू मतलब मरू प्रदेश वासी। मारेचा मारू शब्‍द का ही परिवर्तित रूप है जो मरूप्रदेश के सिंध से जुड़े क्षेत्र के लोगो के लिये प्रयुक्‍त होता है। और कुमार मतलब हिन्‍दी में राजकुमार होता है पर जिस भाषा और संस्‍कृति पर ध्‍यान दोगे तो वास्‍तविकता समझ आयेगी। यहां की भाष्‍ाा में उच्‍चारण अलग अलग है। यहां हर बारह कोस बाद बोली बदलती है। राजस्‍थान मे कुम्‍हार शब्‍द का उच्‍चारण कुम्‍हार कहीं नही होता। कुछ क्षेत्र में कुम्‍मार बोलते है और कुछ क्षेत्र में कुंभार अधिकतर कुमार ही बोलते है। दक्षिण्‍ा भारत में कुम्‍मारी, कुलाल शब्‍द कुम्‍हार जाति के लिये प्रयुक्‍त होता है।

प्रजापत और प्रजापति शब्‍द के अर्थ में कोई भेद नहीं।राजस्‍थानी भाषा में पति का उच्‍चारण पत के रूप में करते है। जैसे लखपति का लखपत, लक्ष्‍मीपति सिंघानिया का लक्ष्‍मीपत सिंघानिया। प्रजापति को राजस्‍थानी में प्रजापत कहते है। यह उपमा उसकी सृजनात्‍मक क्षमता देख कर दी गयी है। जिस प्रकार ब्रहृमा नश्‍वर सृष्‍टी की रचना करता है प्राणी का शरीर रज से बना है और वापस मिट्टि में विलीन हो जाता है वैसे है कुम्‍भकार मिट्टि के कणों से भिन्‍न भिन्‍न रचनाओं का सृजन करता है।

कुछ कहते है कि रहन सहन अलग अलग। और कुम्‍हार स्त्रियां नाक में आभूषण नही पहनती। तो इसके पीछे भी अलग अलग क्षेत्र के लोगो मे रहन सहन के स्‍तर में अन्‍तर होना ही मूल कारण है। राजस्‍थान में कुम्‍हार जाति इस प्रकार उपजातियों में विभाजित है-

मारू - अर्थात मरू प्रदेश के

खेतीकर - अर्थात ये साथ में अंश कालिक खेती करते थे। चेजारा भी इनमें से ही है जो अंशकालिक व्‍यवसाय के तौर पर भवन निर्माण करते थे। बारिस के मौसम में सभी जातियां खेती करती थी क्‍योंकि उस समय प्रति हेक्‍टेयर उत्‍पादन आज जितना नही होता था अत: लगभग सभी जातियां खेती करती थी। सर्दियों में मिट्टि की वस्‍तुए बनती थी। इनमें दारू मांस का सेवन नहीं होता था।

बांडा ये केवल बर्तन और मटके बनाने का व्‍यवसाय ही करते थे। ये मूलत: पश्चिमी राजस्‍थान के नहीं होकर गुजरात और वनवासी क्षेत्र से आये हुए कुम्‍हार थे। इनका रहन सहन भी मारू कुम्‍हार से अलग था। ये दारू मांस का सेवन भी करते थे।

पुरबिये - ये पूरब दिशा से आने वाले कुम्‍हारों को कहा जाता थ्‍ाा। जैसे हाड़ौती क्षेत्र के कुम्‍हार पश्चिमी क्षेत्र में आते तो इनको पुरबिया कहते। ये भी दारू मांस का सेवन करते थे।

जटिया- ये अंशकालिक व्‍यवसाय के तौर पर पशुपालन करते थे। और बकरी और भेड़ के बालों की वस्‍तुए बनाते थे। इनका रहन सहन भी पशुपालन व्‍यवसाय करने के कारण थोड़ा अलग हो गया था हालांकि ये भी मारू ही थे। इनका पहनावा राइका की तरह होता था।

रहन सहन अलग होने के कारण और दारू मांस का सेवन करने के कारण मारू अर्थात स्‍थानीय कुम्‍हार बांडा और पुरबियों के साथ रिश्‍ता नहीं करते थे।

मारू कुम्‍हार दारू मांस का सेवन नहीं करती थी अत: इनका सामाजिक स्‍तर अन्‍य पिछड़ी जातियों से बहुत उंचा होता था। अगर कहीं बड़े स्‍तर पर भोजन बनाना होता तो ब्राहमण ना होने पर कुम्‍हार को ही वरीयता दी जाती थी। इसीलिए आज भी पश्चिमी राजस्‍थान में हलवाई का अधिकतर कार्य कुम्‍हार और ब्राहमण जाति ही करती है।

पूराने समय में आवगमन के साधन कम होने से केवल इतनी दूरी के गांव तक रिश्‍ता करते थे कि सुबह दुल्‍हन की विदाई हो और शाम को बारात वापिस अपने गांव पहुंच जाये। इसलिये 20 से 40 किलोमीटर की त्रिज्‍या के क्षेत्र को स्‍थानीय बोली मे पट्टी कहते थे। वे केवल अपनी पट्टी में ही रिश्‍ता करते थे। परन्‍तु आज आवागमन के उन्‍नत साधन विकसित होने से दूरी कोई मायने नहीं रखती।

Advertisements


Advertisements


Comments kailash kumawat on 27-02-2024

pilodrya gothar ki kuldevi kon h plz

Hema Devatwal on 21-02-2024

Devatwal ki kuldevi konci

Satveer shimmer on 09-12-2023

Shimmer gotr ki kuldevi konsi h कलवासना gotr ki kuldevi konsi

Advertisements

Naik on 26-11-2023

Bagore gotra ki kuldevi ka name Rajsthan me kaha hai?, Kitani bar puchaa hai maine, malum hai kya, pl. Btaey

Binny kumawat on 16-10-2023

Godela gotra ki kuldeevi kon

Babalu kumawat on 15-08-2023

Marwal goter ki kul devi konsi h kha per h

Monika prajapat on 24-07-2023

भोभरिया गौत्र की कुलदेवी कौन सी माता है ?

Advertisements

Subhash Chandora on 18-06-2023

चंदौरा गौत्र की कुलदेवी कौन है

Naik on 31-05-2023

Kumawat samaj gotra bagri (Bagore) ki kuldevi rajsthan me kha hai baieye

Naik on 31-05-2023

Kumawat samaj gotra bagri (Bagore) ki kuldevi rajsthan me kha hai baieye, kab bataoge

Naik on 22-05-2023

Kumavat samaj gotra bagri ki kuldevi ka name aur sthal in rajsthan

Babuji kumawat on 12-04-2023

कुमावत "सोथवाल" गोत्र की कुलदेवी कौन है

Advertisements

Ajay on 29-03-2023

Manetiya ke Kuldevi kaun si hai Aur Khurana ki Kuldevi kaun si hai

Ajay on 29-03-2023

Manetiya ke Kuldevi kaun si hai Aur Khurana ki Kuldevi kaun si hai 81188 48196 WhatsApp per send kar dena

Badiwal gotra on 18-03-2023

Kul ki davi kah par h

Hari Prasad prajapat on 15-03-2023

Kumhar jati ki gotra ki kuldewiya list bheje 8741926410

Keshav Kumawat on 03-02-2023

Kumawat kitne hain

Moolchand Kumawat on 17-01-2023

Sardiwal gotra ki kuldevi kaun hai

Advertisements

Ankit Prajapati on 27-12-2022

सार्डीवाल गोत्र की सती माता का नाम और उनका स्थान कहां हैं?

Dinesh on 26-12-2022

Babariya kon se Kumar h

Shankar Lal Chejara on 26-12-2022

सिरसवा गौत्र का हितिहास

Vimal Kumar Jalwania on 18-12-2022

Jalwania gotra ki kuldevi ka Naam kya hai or unke mandir ka pata kya hai mere WhatsApp mobile number 9529388014 par cordinate jarur kare Jo bhi Jalwania ho

Vimal Kumar Jalwania on 18-12-2022

Jisko Apani Kuldevi ka Naam Or Gotra Or Pata Malum Hai Vo Comments box Me Mobile number ke sath jarur dale Aap ke prayas se kisi ko Aapni Kul Devi mil jaye

pradeep on 18-11-2022

Tunwal ki kuldevi kon se h

Kumawat jajpura on 09-11-2022

Sirswa gotra ki kuldevi Khandela me hai shrimadhopur ke pas padta hai Google map pe search kerke find ker sakte ho chamunda mata , Khandela

Heera all ghodela on 26-10-2022

Ghodela ki kul devi kensit hai

SUNIL PRABHAKAR NAIK on 20-10-2022

kakarwal gotra ki kuldevi Rajasthan me kha hai aur nam kay hai

Radheshyaam on 08-10-2022

Gedhar gotra ke kuldevi sankray mata dham kha h

Pradhyumn singh on 02-10-2022

Tangda goutra,kumawat ki kul devi konsi h, pls bataye

Gotra on 11-09-2022

Kargawal gotra ki kuldevi konsa h or un ka mandir kha par h

Advertisements

Alok kumhar on 30-07-2022

Kumhar or kumawat ek hi he, paise walo ne apne aap ko kumawat shatriya jaati banaya he jo ki kumhar hi he

Manohar kumawat on 01-06-2022

Kumawat mulewa gotra ki kuldevi kaun si hai aur uska Mandir kaha par he

Bhupendra on 26-04-2022

Gatelwal ki kuldevi kaha h(kumawat)

Chunaram prajapati on 03-04-2022

Hamari gotta enia hai hamare nak and kuldevi kon hai our kaha ki hai

Dheeraj Gurjar on 21-03-2022

Tatwadia Gotra ki kuldevi kon hai?

Devilal Kumawat on 26-02-2022

Dungarwal gotra ki kuldevi kahan per hai

Kukrawali gotra on 22-02-2022

Kukkad wall gotra ki ki utpati Kahan Se Hui aur Inki ki Kuldevi kaun hai

Aishwarya on 25-01-2022

माहुरे की कूलदेवी कोण है

Ravindra beldar on 22-01-2022

तेलपुर गोत्र की कुलदेवी कोन सी है

Chetan Kumaawat on 19-01-2022

Pradeep Chawla ji se _

Maaf kijiye doston mein aap sabhi ko batana chahta hun Ki Pradeep Chawla joki Arora jaati se hai, inse pahle puchna chahta hoon ki dusron ka Itihaas batane wale Tera Itihaas kya hai, tum bataa sakte ho ki Arora kon si jati h .jo Ghadhe, na Ghore vo h Arore.

Mandir ,masjid ,Gurudwara har jagaha tum khade mil jate ho

Tumhe apna Ithaas pata nhi h .

Kumaawat ki kya baat krte ho

Jin muslim logon ko Pakistan se bhagaaya vo Bharat main aakar hindu bangye

Aur jinhe Bharat se bhagaaya vo Pakistan main jakr muslim bangye

Tumhe pata hai Maharaja Agrasen kaun the vo Ek Sen Smaaj ke Raja thhe jinhone ger muslim logo ko Sharan di Thhi

Advertisements

Om on 16-01-2022

रेणवाल की कुलदेवी kon he sa

Madan kumar on 05-01-2022

Kundalwal ki kuldavi kon he

Madan kumar on 05-01-2022

Kundalwal gotra ki kuldavi kon he

ML on 26-12-2021

गोत्र कुलदेवी सम्बंधित प्रश्नकर्ताओ अगर आप वर्तमान प्रचलित कुमावत, कुम्हार, प्रजापत, कुम्भहार समाज से है तो श्री यादे मां आपकी कुलदेवी हैं।

Advertisements

Deshraj singathiya on 04-12-2021

Singathiya gotr ki kuldevi ka nam
Nagarkot wali mata nepal h

राजूराम on 19-11-2021

पुरबिया गोत्र कुलदेवी

Jaynarayan Prajapati on 29-10-2021

मिसरेला(मुलेरा)गोत्र की कुलदेवी कौन व कहाँ है जानकरी दे

Sohan lal daal on 17-10-2021

Kumawat samaj ma daal gotra ki kuldevi kon h pleas is number par bataye 7627084923

Laxman Ram on 16-10-2021

Jalwaniya ki gotra kuldevi

Laxman Ram on 16-10-2021

Jalwaniya ki gotra kuld
evi

जगदीश on 13-10-2021

Kumar jaati ke ghatiya Shakha Ke Log Rajasthan mein kaun si jagah Baithe Hain aneja Jaora gotra ki Kuldevi kya hai

Mk on 01-10-2021

गेदर गौत्र कि उतपत्ति

Rajeev Kumar on 28-09-2021

Jalndhra gotr ki kul devi kon h

Ashok kumawat pilodiya on 19-09-2021

Kumawat bilotia parivar ki kuldevi kaun si hai aur kahan hai mera naam ashok kumawat rpilodiya pushkar se

Naik on 06-09-2021

Bagore gotra ki kuldevi ka name photo bataiye

Advertisements

giriraj kumawat on 06-09-2021

kumawat samaj gotra devtwal ki kuldevi aur kuldevta kon h aur kaha pr h

Dayaram 7015425825 on 03-09-2021

Lakesar गोत्र ki kul devi kon si ha ji

Jaswant Kumawat on 23-08-2021

Kumawat gotr deathwal ki kuldevi ka naam

मदन लाल on 16-08-2021

जाजपरा गोत्र की कुलदेवी कौन सी है

Shyam sundar kumawat on 20-07-2021

Mujhe ghorela ghot ki kuldevi ke bare me jan na h jo mujhe nhi malum agr kisi ko malum ho to plz batana

Khede samaj on 14-07-2021

जगदाले समाज मध्य प्रदेश

Gorishankar on 11-07-2021

Kumawat gotra nager ki kuldevi kaun hai

छगनलाल on 21-06-2021

हमारी गोत्र सावलेसा हे हमारी कुल देवी कोनसी हे कृपा कर बताये

ridhu on 11-06-2021

Godela jati ki kuldevi kon se h

Aarya Prajapati on 07-06-2021

KOI BHAI KO PRAJAPATI SAMAJ KI JALANDHRA GOTRA KI KULDEVI MALUM H TO BATANA PLZ

Nand kishor on 31-05-2021

Chhitoliya ki kuldevi konsi hai

Kishorprajapat on 11-04-2021

Mangrol Court ke Kuldevi kya hai

Babu lal on 08-04-2021

Mandhniya ki kul devi

Pooja sain on 30-03-2021

कुम्हार जाती के बहेरा गोत्र की कुलदेवी

Naresh on 24-03-2021

जाजपरा गोञ कि कुलदेवी का क्या नाम हैं

Advertisements

Jyoti on 22-03-2021

Kumawat ki goat Mangal ki kuldevi kaun hai

Fuleshwar singh on 22-03-2021

मार गोत्र की कुल देवी के नाम बताए।
मार गोत्र है या जाति बताएं

Kuldeep prajapat on 14-03-2021

Bhobria gotta ki kuldevi konsi h

Kumawat anita Ashok on 08-03-2021

Mujhe kumawat samaj me godavad gotr me kuldevta kon h ye jaanana h aur kaha pr h .... ham kheti karne vale kumawat h

Kanaram on 05-03-2021

घोड़ेला की कुलदेवी

jagdish kumar on 25-02-2021

जटिया समाज सुवाँसिया परिवार की कुलदेवी कौनसी है

Rohit kumawat on 06-02-2021

Devatwal ki kuldevi konsi hai

anu verma on 18-01-2021

nimeewaal kumhar smaaj ki kuldevi or devta kon h

Pawan on 27-12-2020

Chhapola Prajapat ki kuldevi or kuldewta kon h

Parveen parjapat on 21-12-2020

Banda gotar

Mahendra kumawat on 16-11-2020

Kumawat me marotiya ki kuldevi konsi hai??

Mahendra kumawat on 16-11-2020

Kumawat me marotiya ki kuldevi konsi hai

Kailash Chandra kumawat on 10-10-2020

Jalandra gotta ki kuldevi kon hai

Mukhram mukhramsingathiya on 25-09-2020

Singathiya gotr ki kul devi kon h

Babulal kudal on 11-09-2020

Kudal gotta ki kul devi kon h

Ashok kumar on 08-09-2020

गेदर गौत्र की कुलदेवी कौन है

Ganesh Kumawat dei on 22-08-2020

Machhival kumawat ki sati kahan sthit hai

Nareah kumar on 21-07-2020

पेंसिया समाज की कूलदेवी kon h

Omprakash on 15-07-2020

किरोडीवाल की कुल देवी को है

Rajendera kumar dambiwal on 28-06-2020

Dambiwal gotta ki kol Devi kha par ha

Vinod verma on 07-06-2020

Ham logo ki yhi kmi h.. Aapas m ladne ki.. Sab ek hi h log apne area k hisab se kumawat verma prajapati etc lagate h.. Sabse pahle hamm logo ko financial strong hona hoga or unity bhi.. Fir apna dabdba kayam kar sakte h.. Mere vichar se jyada confuse hone ki jarurat nhi h.. Plz be strong in all sides.. Thanks

Advertisements

Nitish Vermanitish Verma on 17-04-2020

Goyal gotra ki jaati konsi h

Omprakash kumawat on 02-04-2020

Jinjhenodiya kumawat ki kul devi ka name batao

Anil kumawat on 26-03-2020

(कुमावत) छापोला गोत्र की कुल देवी कौन सी है

Anandraj Singh Kumawat on 14-03-2020

क्षत्रिय कुमावत(कुंबावत ) जाति का इतिहास/kshtriya KUMAWAT(KUMBAWAT) CASTE’S HISTORY
महोदय आपके द्वारा बताया गया कुमावत इतिहास गलत है। कुमावत (कुंबावत) इतिहास न केवल गौरवशाली है अपितु शौर्य गाथाओं से पटा पड़ा है जिसका उल्लेख श्री हनुमानदान ‘चंडीसा’ ने अपनी पुस्तक ‘‘मारू कुंबार’’ में किया है। श्री चंडीसा का परिचय उस समाज से है जो राजपूत एवं कुमावत समाज की वंशावली लिखने का कार्य करते रहे हैं।
कुमावत समाज के गौरवशाली इतिहास का वर्णन करते हुए ‘श्री चंडीसा’ ने लिखा है कि जैसलमेर के महान् संत श्री गरवा जी जोकि एक भाटी राजपूत थे, ने जैसलमेर के राजा रावल केहर द्वितीय के काल में विक्रम संवत् 1316 वैशाख सुदी 9 को राजपूत जाति में विधवा विवाह (नाता व्यवस्था) प्रचलित करके एक नई जाति बनायी। जिसमें 9 (नौ) राजपूती गोत्रें के 62 राजपूत (अलग-अलग भागों से आये हुए) शामिल हुए। इसी आधार पर इस जाति की 62 गौत्रें बनी जिसका वर्णन नीचे किया गया है। विधवा विवाह चूंकि उस समय राजपूत समाज में प्रचलित नहीं था इसलिए श्री गरवा जी महाराज ने विधवा लड़कियों का विवाह करके उन्हें एक नया सधवा जीवन दिया जिनके पति युद्ध में वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
श्री गरवा जी के नेतृत्व में सम्पन्न हुए इस कार्य के उपरांत बैठक ने जाति के नामकरण के लिए शुभ शुक्न (मुहूर्त) हेतु गॉंव से बाहर प्रस्थान किया गया। इस समुदाय को गॉंव से बाहर सर्वप्रथम एक बावत कॅंवर नाम की एक भाटी राजपूत कन्या पानी का मटका लाते हुए दिखी। जिसे सभी ने एक शुभ शुगन माना। इसी आधार पर श्री गरवाजी ने जाति के दो नाम सुझाए- 1. संस्कृत में मटके को कुंभ तथा लाने वाली कन्या का नाम बावत को जोड़कर नाम रखा गया कुंबाबत (कुम्भ+बाबत) राजपूत (जैसे कि सुमदाय की तरफ कुंभ आ रहा था इसलिए इसका एक रूप कुम्भ+आवत ¾ कुमावत भी रखा गया) 2. इस जाति का दूसरा नाम मारू कुंबार भी दिया गया, राजस्थानी में मारू का अर्थ होता है राजपूत तथा कुंभ गॉंव के बाहर मिला था इसलिए कुंभ+बाहर ¾ कुंबार। इस लिए इस जाति के दो नाम प्रचलित है कुंबावत राजपूत (क्षत्रिय कुमावत राजपूत) व मारू कुंबार। इस जाति का कुम्हार, कुम्भकार, प्रजापत जाति से कोई संबंध नहीं है। कालान्तर में जैसलमेर में पड़ने वाले भयंकर अकालों के कारण खेती या अन्य कार्य करने वाले कुंबावत राजस्थान को छोड़कर देश के अन्य प्रांतों जैसे पंजाब, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश में चले गए। इस कारण से कुंबावत (कुमावत) एवं उसकी गोत्रों का स्वरूप बदलता रहा। लेकिन व्यवसाय (सरकारी सेवा, जवाहरात का कार्य व कृषि) एवं राजपूत रीति-रिवाजों को आज तक नहीं छोड़ा है।
कुंबावत जाति की 62 गोत्रें निम्नलिखित हैं-
भाटी चौहान पड़िहार राठौर पंवार तंवर गुहिल सिसोदिया दैया
1.बोरावड़ टाक मेरथा चाडा लखेसर गेधर सुडा ओस्तवाल दैया
2.मंगलाव बंग चांदोरा रावड़ छापोला सांवल कुचेरिया
3.पोड़ सउवाल गम जालप जाखड़ा कलसिया
4.लिम्बा सारड़ीवाल गोहल कीता रसीयड़
5.खुड़िया गुरिया गंगपारिया कालोड़ दुगट
6.भटिया माल मांगर दांतलेचा पेसवा
7.मार घोड़ेला धुतिया पगाला आरोड़
8.नोखववाल सिंगाटिया सुथौड़ किरोड़ीवाल
9.भीड़ानिया निंबीवाल
10.सोखल छापरवाल
11.डाल सरस्वा
12.तलफीयाड़ कुक्कड़वाल
13.भाटीवाल भरिया
14.आर्इतान कलवासना
15.झटेवाल खरनालिया
16.मोर
17.मंगलोड़ा
etc…
जय माताजी रि सा
जय श्री गरवा जी महाराज
जय कुमावत राजपूत
जय राजपुताना।।

Advertisements

LALIT NAIK on 22-01-2020

THOGARE KULDEVI KAHA HE NAM KAY HE

Rajesh kumar on 15-01-2020

Taak l konsi kuldevi h

Kumawat Limma pariwar ki kuldevi kon he on 31-12-2019

Kumawat Limma gotra ki kuldevi kon he

Anil kumar on 26-12-2019

Baradhiya gotr ki kul devi ka asthan tatha nema batao please

Sunita J Ghodele on 16-12-2019

Ghodela gotr ki kuldevi rajasthan me konsi he or kahaper hy


Advertisements

आप यहाँ पर gk, question answers, general knowledge, सामान्य ज्ञान, questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं।
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity


इस टॉपिक पर कोई भी जवाब प्राप्त नहीं हुए हैं क्योंकि यह हाल ही में जोड़ा गया है। आप इस पर कमेन्ट कर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।

अपना जवाब या सवाल नीचे दिये गए बॉक्स में लिखें।