Rajasthan Ki चित्रशैलियाँ राजस्थान की चित्रशैलियाँ

राजस्थान की चित्रशैलियाँ



Pradeep Chawla on 12-05-2019


राजस्थानी चित्रशैली का पहला वैज्ञानिक विभाजन आनन्द कुमार स्वामी ने किया था। उन्होंने 1916 में ‘राजपूत पेन्टिंग’ नामक पुस्तक लिखी। उन्होंने राजपूत पेन्टिंग में पहाड़ी चित्रशैली को भी शामिल
किया। परन्तु अब व्यवहार में राजपूत शैली के अन्तर्गत केवल राजस्थान की चित्रकला को ही स्वीकार करते हैं। वस्तुतः राजस्थानी चित्रकला से तात्पर्य उस चित्रकला से है, जो इस प्रान्त की धरोहर है और पूर्व में राजपूताना में प्रचलित थी।

राजस्थान चित्रशैली का क्षेत्र अत्यन्त समृद्ध है। उसकी समृद्धि के अनेक केन्द्र हैं। यह राजस्थान के व्यापक भू-भाग में फैली हुई है। राजस्थानी चित्रकला की जन्मभूमि मेदपाट (मेवाड़) है, जिसने अजन्ता चित्रण परम्परा को आगे बढ़ाया। राजस्थानी चित्रकला की प्रारम्भिक परम्परा के अनेक सचित्र ग्रन्थ, लघु चित्र एवं भित्ति चित्र उपलब्ध होते हैं, जो उसके उद्भव को रेखांकित करने में सहायक हैं।
राजस्थानी चित्रकला पर प्रारम्भ में जैन शैली, गुजरात शैली और अपभ्र ंश शैली का प्रभाव बना रहा, किन्तु बाद में राजस्थान की चित्रशैली मुगल काल से समन्वय स्थापित कर परिमार्जित होने लगी।
सत्रहवीं शताब्दी से मुगल साम्राज्य के प्रसार और राजपूतों के साथ बढ़ते राजनीतिक और वैवाहिक सम्बन्धों के फलस्वरूप राजपूत चित्रकला पर मुगल शैली का प्रभाव बढ़ने लगा। कतिपय विद्वान 17वीं शताब्दी और 18वीं शताब्दी के प्रारम्भिक काल को राजस्थानी चित्रकला का स्वर्णयुग मानते हैं। आगे चलकर अंग्रेजों के बढ़ते राजनीतिक प्रभाव एवं लड़खड़ाती आर्थिक दशा से राजस्थानी चित्रकला को आघात लगा। फिर भी, कला किसी न किसी रूप में जीवित रही।


राजस्थानी चित्रशैलियों का वर्गीकरण

भौगोलिक एवं सांस्कृतिक आधार पर राजस्थानी चित्रकला को हम चार शैलियों (स्कूल) में विभक्त कर सकते हैं, एक शैली में एक से अधिक उपशैलियाँ है - जैसा कि आगे दर्शाया गया है -

(1) मेवाड़ शैली - चावंड, उदयपुर, नाथद्वारा, देवगढ़ आदि।
(2) मारवाड़ शैली - जोधपुर, बीकानेर, किशनगढ़ आदि।
(3) हाड़ौती शैली - बूँदी, कोटा आदि।
(4) ढूँढाड़ शैली - आम्बेर, जयपुर, अलवर, उणियारा, शेखावटी आदि।

विभिन्न शैलियों एवं उपशैलियों में परिपोषित राजस्थानी चित्रकला निश्चय ही भारतीय चित्रकला में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है। अन्य शैलियों से प्रभावित होने के उपरान्त भी राजस्थानी चित्रकला की मौलिक अस्मिता है।



Comments खेतु on 28-04-2023

राजस्थान चित्र शैली विशुद्ध रूप से भारतीय है ऐसा किसने कहा था

Chitrit shelasharya on 11-03-2023

Chitrit shelasharya

pk on 19-11-2022

राजस्थान की चित्र शैलियां


Laxman gurjar on 25-05-2022

किशनगढ़ शैली के बारे में अपना विचार लिखिए

Jiya on 17-04-2022

Rajshthan chitr shaili vishudh rup se bhartiy hai aisa kisne kha gain? (a) Lawrence villiyam (b) panic Lawrence (c) Sadik khan (D) Monday salami ()

राकेश माली on 29-03-2021

राजस्थानी चित्र शैली विशुद्ध रूप से भारतीय है ऐसा किसने कहा





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