Mumbai Share Bazar Ka Itihas मुंबई शेयर बाजार का इतिहास

मुंबई शेयर बाजार का इतिहास



GkExams on 20-11-2018

बीएसई और दलाल स्ट्रीट अब एक समान हैं परन्तु वास्तव में इस एक्सचेंज का प्रथम जन्मस्थल 1850 में एक बरगद का वृक्ष था। फिलहाल जहां हार्निमन सर्कल है, वहां टाउनहाल के पास बरगद के वृक्ष के नीचे दलाल लोग एकत्रित होते थे और शेयरों का सौदा करते थे। एक दशक के बाद ये दलाल मेडोज स्ट्रीट और महात्मा गांधी रोड के जंक्शन पर बरगद के वृक्ष की सघन छाया के नीचे जुटने लगे। शेयर दलालों की संख्या बढने पर उन्हें नए स्थान पर जाना पड़ता था। यह सिलसिला जारी रहा और अन्त में 1874 में उन्हें एक स्थाई जगह मिल गयी, यह स्थल दलाल स्ट्रीट के रूप में सुविख्यात हो गया।

1875 में एसोसिएशन के रूप में स्थापना

मुंबई शेयर बाजार का जन्म एक एसोसिएशन के रूप में 1875 में हुआ था। जिसका नाम था नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन। इसके पूर्व शेयरों का सौदा शुरू हो चुका था। 1840 में शेयर दलाल एक वट वृक्ष के नीचे खड़े होकर शेयरों की खरीद-बिक्री करते थे। वहीं से एसोसिएशन बनाने की रूपरेखा आकार में आई और इसी विचार से एक ऐतिहासिक घटना साकार हुई।


भारत उस दौरान ब्रिटिश शासन के आधीन था। 18 जनवरी 1899 के दिन ब्रिटिश उच्चाधिकारी जे. एम. मेक्लिन द्वारा मुंबई के नेटिव शेयर दलालों के लिए उच्चारित किए गए शब्दों को आज भी गौरव के साथ याद किया जाता है। मेक्लिन के सिद्धांत का तात्पर्य यह था कि मुंबई के नेटिव शेयर दलाल समाज के अभिन अंग हैं जिनको उचित सम्मान नहीं मिला, परंतु उनके दोषों का ही आकलन किया गया। किसी अपवाद के अलावा ये शेयर दलाल प्रमाणिक रहे हैं। उनको भले ही कितना भी नुकसान झोलना पडा हो, लेकिन उन्होंने अपने ग्राहकों की पाई-पाई चुकाई है। भारत में पूंजी का यह सबसे बड़ा बाजार है। मुंबई पोर्ट ट्रस्ट एवं मुंबई म्युनिसिपल्टी जैसी संस्थाओं को नीचे से ऊपर उठाने में सहायक रहा है। वर्तमान मुंबई के सृजन में इन नेटिव शेयर दलालों की उल्लेखनीय भूमिका है। यह सिद्धांत 21 वीं सदी में भी मुंबई के शेयर दलालों के लिए यथार्थ रहा है। अलबत्ता अपवाद तो हमेशा किसी न किसी स्वरूप अथवा मात्रा में प्रकट होते रहते हैं।

विश्व का पहला स्टॉक एक्सचेंज

विश्व के पहले शेयर बाजार का जन्म बेल्जियम में हुआ था, ऐसी मान्यता है। बेल्जियम के एंटवर्प शहर में 1531 में बाजार के मुख्य विस्तार के लिए कई व्यापारी इकट्ठा हुए थे। वे शेयर तथा कोमोडिटीज में सट्टा करते थे। विश्व का पहला संगठित स्टॉक एक्सचेंज 1602 के वर्ष में एमस्टरडम में स्थापित हुआ। 18 वीं सदी के अंत में न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज अस्तित्व में आया, जो आज विश्व के शक्तिशाली एक्सचेंजों में गिना जाता है। भारत में इस समय के दौरानहुंडी तथा बिल ऑफ एक्सचेंजों की खरीद-बिक्री व्यापारी वर्ग की सामान्य प्रवृत्ति मानी जाती थी।

प्रथम शेयर मैनिया

1850 में भारत सरकार ने कंपनीज एक्ट 1850 पारित किया और शेयर ट्रेडिंग का एक नया मार्ग खुला। नया इसलिए क्योंकि उसके पहले भी शेयरों का सौदा तो होता था, लेकिन नाम मात्र के लिए, ट्रेडिंग के लिए बड़ी संख्या में शेयर उपलब्ध हुए बिना इस प्रवृत्ति को गति मिलना संभव नहीं था। उन दिनों में कमर्शियल बैंक, चार्टर्ड बैंक, दि ओरिएंटल बैंक एवं बैंक ऑफ बॉम्बे जैसे मुख्य बैंक स्टॉक जैसे कुछ शेयर ही उपलब्ध होते थे। लोगों में भी शेयर में निवेश करने के लिए बहुत लगाव नहीं था। शेयर ट्रेडिंग प्रवृत्ति का प्रमाण भी कम रहता था और सिर्फ छः शेयर दलालों द्वारा चलाया जाता था। उस समय न तो ट्रेडिंग हॉल था न ही शेयर बाजार का मकान। इसके लिए आवश्यक पूंजी भी नहीं थी। इसके बावजूद 1860 तक शेयर दलालों की संख्या 60 तक पहुंच गई थी।


1860 में एक ऐसे व्यक्ति प्रकाश में आये जिन्होंने `शेयर मैनिया' को जन्म दिया। इनका नाम था प्रेमचंद रोयचंद। ये पहले भारतीय शेयर दलाल थे जो अंग्रेजी लिख-पढ़ सकते थे। श्री प्रेमचंद रोयचंद ने कई लैंड रिक्लमेशन सहित अनेक कंपनियों को खड़ा करने में सहायता की थी। शेयरों के सौदों की प्रवृत्ति बढ़ती गई और वैसे-वैसे शेयर दलालों की संख्या भी बढ़कर 200 से 250 तक पहुंच गई। इसके बाद 1865 में अमेरिकन सिविल वार (आंतरिक-युद्ध) का अंत होने के परिणाम स्वरूप इसके विकास के लिए भारत में आनेवाली पूंजी के प्रवाह में कमी आ गई और `शेयर मैनिया' का भी अंत हो गया। रातोंरात शेयरों के भाव नाटकीय æढ़ंग से नीचे गिर गये। परिणाम स्वरूप शेयर दलालों के कामकाज ठप हो गये। जिसकी वजह से शेयर दलालों के एसोसिएशन की रचना का विचार उनके मन में आया और शेयर दलालों ने एकजुट होकर 1868 और 1873 के बीच एक गैर औपचारिक एसोसिएशन की रचना की। 1874 में इन दलालों ने नियमित सौदा करने के लिए एक स्थल की खोज की जो कि आज तक दलाल स्ट्रीट के नाम से प्रसिद्ध है।


3 दिसम्बर 1887 को शेयर दलालों ने इस एसोसिएशन को औपचारिक स्वरूप दिया और `दि नेटिव एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन' का जन्म हुआ। इस तरह जुलाई 1875 में मात्र 318 व्यक्तियों ने रू. 1 के प्रवेश शुल्क के साथ शेयर बाजार मुंबई की संस्था गठित की। इन्होंने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकरों के हित, दर्जा एवं स्वरूप की रक्षा के लिए एसोसिएशन के सदस्यों के उपयोग के लिए एक हॉल अथवा मकान का निर्माण करना निश्चित हुआ। 1887 तक इस निर्णय पर अमल नहीं किया जा सका परंतु एक ट्रस्ट डीड जरूर बनी और 1887 में इस ट्रस्ट-डीड में लिखे गये शब्द वर्तमान मुंबई शेयर बाजार के नींव के पत्थर बन गये। इस तरह आज के बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के रूप में प्रसिद्ध विराट संस्था की स्थापना इन लोगों के सार्थक प्रयासों से संभव हुई। इस प्रकार एक वृक्ष के नीचे शुरू हुई यह यात्रा आज आधुनिक स्वरूप में वैश्विक मंच पर महत्त्वपूर्ण स्थान बनाकर विकास की दिशा में आगे बढ़ रही है।


उस संगठित स्टॉक ट्रेडिंग की घटना 18 वीं सदी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा उसकी विविध प्रवृत्तिओं के लिए पूंजी उगाही के लिए जारी हुए टर्म पेपर्स (अवधि दस्तावेजों) की ट्रेडिंग द्वारा की गई, जिसके साथ ही कमर्शियल बैंक, मर्केन्टाइल बैंक ऑफ बॉम्बे जैसे बैंको के शेयरों में भी ट्रेडिंग की शुरूआत हुई।






सम्बन्धित प्रश्न



Comments



नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment