British Samvidhan Ki Visheshta ब्रिटिश संविधान की विशेषता

ब्रिटिश संविधान की विशेषता



Pradeep Chawla on 12-05-2019

संसार के सबसे विचित्र संविधान को समझने के लिए उसकी विशेषताओं का अध्ययन आवश्यक है क्योंकि ब्रिटिश निवासी परंपरावादी है और अपनी पुरानी व्यवस्थाओं से जुड़े रहते हैं और गौरवान्वित महसूस करते हैं। वह इनमें आमूल परिवर्तन के विरोधी हैं क्योंकि उनका विश्वास धीरे-धीरे परिवर्तन में है जो परिस्थितियों के परिवर्तन के साथ स्वाभाविक ढ़ंग से हो जाता है परंतु मूल परंपराओं में वह परिवर्तन को स्वीकार नहीं करते और इसका ज्ञान संविधान की विशेषताओं के अध्ययन से हो जाता है। ब्रिटिश संविधान की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं‌ :-



1. ब्रिटिश संविधान एक विकसित संविधान

ब्रिटेन संविधान विश्व के अन्य संविधानों की तुलना में स्वयं में विचित्र और अनोखा संविधान है क्योंकि किसी भी देश में क्रमिक विकास द्वारा निर्मित ऐसा संविधान नहीं दिखाई देता। ब्रिटिश संविधान एक विकास का परिणाम है क्योंकि इसका निर्माण योजनाबद्ध तरीके से नहीं किया गया जैसे अमरीका, भारत जैसे देशों में किया गया। उदाहरण के लिए अमेरिका के संविधान का निर्माण फिलडेलिफिया कंवेशन ने किया जो इसी उद्देश्य से गठित की गई थी, भारत के भी संविधान सभा द्वारा संविधान का निर्माण किया गया, परंतु ब्रिटेन में ऐसी कोई निश्चित सभा द्वारा संविधान का निर्माण नहीं हुआ। यह पूर्णता इतिहास की उपज है जो अनेक शताब्दियों तक विकसित होता रहा।



2. अलिखित संविधान

संविधान शब्द का साधारणतया यह अर्थ लिया जाता है कि संविधान एक सर्वोच्च कानून है जिसमें समस्त नियमों व अन्य कानूनों का वर्णन सूचीबद्ध ढ़ंग से होता है। परंतु ब्रिटेन इसका अपवाद है क्योंकि अन्य देशों की तरह वहाँ संविधान एक मुद्रित और पुस्तक के रूप में नहीं दिखाई पड़ता क्योंकि अधिकांश हिस्सा अलिखित और बिखरा पड़ा है। कुछ ऐतिहासिक चार्टर अधिनियम हैं जिनमें ब्रिटिश संवैधानिक व्यवस्था के मूल सिद्धांत हैं जैसे मेग्नाकार्टा 1215, पिटिशन क्रमाँक राइटस (1628) अधिकार बिल (1689) 1832, 1867 और 1884 के सुधार कानून, (1679) हैबियस कार्पस एक्ट, जन प्रतिनिधित्व कानून (1918), समान मताधिकार कानून (1928) वेस्टमिनिस्टर अधिनियम 1931 और 1911 व 1949 के संसदीय कानून।



इस प्रकार यह उपबंध एवं संवैधानिक व्यवस्था के मुख्य सिद्धांत ही ब्रिटिश संविधान के मुख्य लिखित अंश है बाकि सभी अलिखित परंपराएँ एवं परिस्थितियों की उपज है। इसी कारण ब्रिटिश संविधान तुलनात्मक रूप से लचीला भी है क्योंकि अधिकांशत: अलिखित होने से उसके परिवर्तन लचीले ढ़ंग से संभव हो पाता रहा है।



3. अभिसमयों व परंपराओं का समन्वय



ब्रिटिश संविधान कई परंपराएँ, अधिनियम अभिसमयों पर आधारित हैं और यह सब ऐतिहासिक दस्तावेजों की तरह है जिनके आधार पर ब्रिटिश संविधान के कुछ बुनियादी सिद्धांतों की उत्पत्ति हुई। मेग्नाकार्टा का महान दस्तावेज संविधान की ही स्थापना की दिशा में प्रथम प्रयास माना जाता है क्योंकि मेग्नाकार्टा के द्वारा ही यह परंपरा स्थापित हुई कि राजा कानून के अधीन है और जनमानस के पास कुछ निश्चित स्वतंत्रताएँ हैं जिसका सम्मान राजा को करना चाहिए। इसी प्रकार 1628 के पिटिशन ऑफ राइट्स में संसद की सर्वोच्चता स्थापित की गई।



इन सभी वर्णित संविधानिक प्रयासों द्वारा धीरे-धीरे ब्रिटिश संविधान का विकास होता रहा और क्योंकि यह सब अभिसमय लिखित रूप से स्थापित है और इनका पालन शताब्दियों से हो रहा है तो इनका उल्लंघन संभव नहीं है क्योंकि अभिसमयों की उपेक्षा करने पर लिखित कानूनों का भी उल्लंघन हो जाता है। यह सअब अभिसमय तर्कसम्मत व बुद्धियुक्त व्यवस्थाओं से संबंधित हैं और इसकी राजनीतिक उपयोगिता को स्वीकार किया जाता है अत: यह जनमत पर आधारित है। समय-समय पर ब्रिटेनवासियों ने इन अभिसमयों पर आधारित परंपराओं का सम्मान किया है और उन्हें पूरे विश्वास से पालित किया गया। कुछ-कुछ परंपरा उदाहरण के लिए हम आंक सकते हैं जैसे – राजा, मंत्रीपरिषद की सलाह की उपेक्षा नहीं करता, संसद द्वारा पारित विधेयकों को अस्वीकृत नहीं करता, कॉमन सभा में बहुमत दल के नेता का ही प्रधानमंत्री नियुक्त करता है और मंत्रीमंडल कॉमन सभा के प्रति उत्तरदायी होता है आदि उदायरण यह सिद्ध करते हैं कि ब्रिटिश संविधान अलिखित होते हुए भी सर्वोच्च है और जनता बड़े सम्मान से इसके द्वारा स्थापित कानूनों का पालन करती रही है।



इसी संदर्भ में ब्रिटिश संविधान को संयोग और विवेक की उपज भी माना जाता है क्योंकि मेग्नाकार्टा 1215 से जो सांविधानिक उपबंधों की शुरुआत हुई वह महज एक संयोग ही था क्योंकि उस समय की परिस्थितियों ने इसको जन्म दिया इसीलिए ब्रिटिश संविधान का अधिकांश भाग संयोगवश अचानक परिस्थितियों की आवश्यकता के परिणामस्वरूप हुआ।



परंतु कुछ हिस्सा विवेक की उपज भी है क्योंकि समय की माँग और उपयोगिता के कारण कुछ भाग विवेक की उपज कहलाते हैं जैसे विभिन्न संसदीय अधिनियम जिनके द्वारा ब्रिटिश कॉमन सभा को लोकतांत्रिक बनाया और शक्तियों में वृद्धि की ओर लार्ड सभा को द्वितीय सदन बनाया। इसी प्रकार 1911 और 1949 के संसदीय अधिनियम इस दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। द्विसदनात्मक संसद का विकास संयोगवश हुआ, ब्रिटिश मंत्रीमंडलीय व्यवस्था का विकास संयोग का परिणाम है परंतु इन सबकी शक्तियों और कार्यों का निर्धारण समय की आवश्यकता और जनता की रुचि के अनुसार करके विवेक के गुण का भी परिचय दिया गया इसलिए यह सर्वसम्मत कथन है कि ब्रिटिश संविधान संयोग और विवेक का परिणाम रहा है।




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Comments 8127346640 Ramu Shukla on 01-12-2023

ब्रिटिश सविधान की visheshty btye

Astha on 01-04-2023

British samvidhan loktantrik hai ya adhinayak tantra

prinshi on 22-03-2023

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Soni Kumari on 11-03-2020

British rajnitik vyavastha ki mukhya visheshta ka ullekh Karen



सम्वैध on 16-08-2018

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Gyanendra patel on 01-09-2018

Very nice sir

NIHARIKA SINGH NIHARIKA SINGH on 26-09-2018

Nature of british constitution

Nohar chandravashi on 26-09-2018

Very very nice


Pankaj Kumar nishad on 30-09-2018

reshama nishad

अशोक on 27-01-2019

ब्रिटेन के संविधान में वर्णित ताज का बताइए

Manohar brijwal on 02-02-2019

ब्रिटेन के संविधान में वर्णित ताज का अर्थ क्या है

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ब्रिटिश संविधान की प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए

Thanaram on 16-02-2019

ब्रिटेन के संविधान मे वर्णित ताज का अर्थ स्पष्ट कीजिए

ASHOK on 04-04-2019

SANVIDHAN KYA HAIN


adesh kumarparihar on 24-04-2019

britain ke svindhan me vrnit taj ka art btao

Omsa on 07-05-2019

ब्रिटेन के संविधान मे वर्णित ` ताज `का अर्थ स्पष्ट कीजिए

sikabder on 12-05-2019

specification of British constitution

british constitution in Father on 12-05-2019

white

Chetan vinayak bajare on 12-05-2019

कॉमन सभाची गंण संखया

lucky on 12-05-2019

अलिखित संविधान

Kajal dabi on 12-05-2019

British lord sabha ki shaktiyo Ko Kam krne ke liye Sarva Pratham konsa adhiniyam parit Kiya gya tha?

Gagan on 14-10-2019

British Samvidhan ki visheshta

Pushpa on 15-10-2019

British Samvidhan ki visheshta ka varnan kijiye

Shivam Bhartiya on 28-11-2019

Nice ans



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