Rajasthan Me Rajya Sachiwalaya Me Sthit Vibhag Kehlate Hain राजस्थान में राज्य सचिवालय में स्थित विभाग कहलाते हैं

राजस्थान में राज्य सचिवालय में स्थित विभाग कहलाते हैं



Pradeep Chawla on 12-05-2019

संगठन



राज्य सभा के सचिवालय का गठन संविधान के अनुच्छेद 98 में अंतर्निहित उपबंधों के अनुसार किया गया था। उक्त अनुच्छेद, जिसमें संसद की प्रत्येक सभा के लिए पृथक सचिवीय कर्मचारिवृंद हेतु प्रावधान है, निम्नानुसार पठनीय है: “98. संसद का सचिवालय -



(1) संसद के प्रत्येक सदन का पृथक सचिवीय कर्मचारिवृंद होगा: परंतु इस खंड की किसी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जाएगा कि वह संसद के दोनों सदनों के लिए सम्मिलित पदों के सृजन को निवारित करती है।



(2) संसद, विधि द्वारा, संसद के प्रत्येक सदन के सचिवीय कर्मचारिवृंद में भर्ती का और नियुक्त व्यक्तियों की सेवा की शर्तों का विनियमन कर सकेगी।



(3) जब तक संसद खंड (2) के अधीन उपबंध नहीं करती है तब तक राष्ट्रपति, यथास्थिति, लोक सभा के अध्यक्ष या राज्य सभा के सभापति से परामर्श करने के पश्चात् लोक सभा के या राज्य सभा के सचिवीय कर्मचारिवृंद में भर्ती के और नियुक्त व्यक्तियों की सेवा की शर्तों के विनियमन के लिए नियम बना सकेगा और इस प्रकार बनाए गए नियम उक्त खंड के अधीन बनाई गई किसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए प्रभावी होंगे। 30 सितम्बर, 1955 तक दोनों सचिवालयों के अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवा शर्तों का समय-समय पर यथा संशोधित और अनुकूलित विधानसभा विभाग (सेवा शर्तें) नियम, 1929 द्वारा शासित किया जाना जारी रहा। तत्पश्चात्, संविधान के अनुच्छेद 98 में अंतर्निहित उपबंधों द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति द्वारा राज्य सभा के सभापति के परामर्श से 15 मार्च, 1957 को राज्य सभा सचिवालय (भर्ती और सेवा की शर्तें) नियमावली, 1957 (आर एंड सी एस नियम) को बनाया गया और लागू किया गया।

कार्यकरण



राज्य सभा सचिवालय राज्य सभा के सभापति के समग्र मार्गदर्शन एवं नियंत्रण के अधीन कार्य करता है। सचिवालय के मुख्य कार्यकलापों में अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित शामिल हैं:-



राज्य सभा के प्रभावी कार्यकरण को सचिवीय सहायता एवं समर्थन प्रदान करना

राज्य सभा के सदस्यों को वेतन एवं अन्य भत्तों का भुगतान करना

राज्य सभा के सदस्यों को यथास्वीकार्य सुख सुविधाएं प्रदान करना

विभिन्न संसदीय समितियों को सेवाएं प्रदान करना

अनुसंधान एवं संदर्भ सामग्री तैयार करना और विभिन्न प्रकाशन प्रकाशित करना

राज्य सभा सचिवालय में मानवशक्ति की भर्ती करना और कार्मिक संबंधी मामलों पर ध्यान देना और

राज्य सभा की दिन-प्रतिदिन की कार्यवाहियों के अभिलेख तैयार करना और उसे प्रकाशित करना तथा ऐसे अन्य प्रकाशनों को प्रकाशित करना जो राज्य सभा और इसकी समितियों के कार्यकरण के संबंध में आवश्यक हो।



राज्य सभा के सभापति के संवैधानिक एवं सांविधिक उत्तरदायित्वों के निर्वहन में महासचिव, जो भारत सरकार के मंत्रिमंडल सचिव के रैंक का होता है, उनकी सहायता करता है। महासचिव को सचिव, अपर सचिव, संयुक्त सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों और सचिवालय के अन्य अधिकारियों तथा कर्मचारियों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।

बहुत पहले वर्ष 1974 में संसदीय वेतन समिति की सिफारिशों के आधार पर सचिवालय का निम्नलिखित सेवाओं में कार्यात्मक आधार पर पुनर्गठन किया गया था, जो सभा और इसकी समितियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।



विधायी, वित्तीय, अधिशासी और प्रशासनिक (एल ए एफ ई ए) सेवा

पुस्तकालय, संदर्भ, अनुसंधान, प्रलेखन और सूचना (एल ए आर आर डी आई) सेवा

शब्दश: वृत्तलेखन सेवा

युगपत् भाषान्तरण सेवा

संपादन और अनुवाद सेवा

निजी सचिव और आशुलिपि (पी एस एस) सेवा

मुद्रण और प्रकाशन (पी एंड पी) सेवा

रक्षा-प्रेक्षा, द्वार पालन और सफाई सेवा

चालक और डिस्पैच राइडर सेवा

संदेश-वाहक सेवा



इस सेवाओं द्वारा निष्पादित कार्य, संक्षेप में, निम्नानुसार हैं :-



(i) विधायी, वित्तीय, अधिशासी और प्रशासनिक (एल ए एफ ई ए) सेवा : राज्य सभा और इसकी समितियों के कार्यकरण की सहायता करती है। इस सेवा में शामिल विभिन्न प्रशासनिक इकाईयां हैं: सूचना कार्यालय (नोटिस ऑफिस), पटल कार्यालय (टेबल ऑफिस), लॉबी ऑफिस, प्रश्न शाखा, समिति अनुभाग, सम्मेलन और नयाचार अनुभाग, संसद सदस्य सुख-सुविधा अनुभाग, संसद सदस्य वेतन और भत्ता अनुभाग तथा प्रशासनिक अनुभाग।



(ii) पुस्तकालय, संदर्भ, अनुसंधान, प्रलेखन और सूचना (एल ए आर आर डी आई) सेवा : : विभिन्न प्रकार के अनुसंधान एवं संदर्भ कार्य करती है और अनुसंधान एवं प्रकाशन सामग्री तैयार करती है। यह सेवा समय-समय पर सचिवालय की ओर से विभिन्न प्रकाशनों को भी प्रकाशित करती है।

(iii) शब्दश: वृत्तलेखन सेवा : राज्य सभा और साथ ही संसदीय समितियों, जहां कहीं अपेक्षित हो, की प्रत्येक बैठक की कार्यवाहियों के शब्दश: वृत्तलेखन तैयार करने एवं प्रकाशित करने के लिए उत्तरदायी।



(iv) युगपत् भाषान्तरण सेवा : राज्य सभा और इसकी समितियों की कार्यवाहियों का युगपत भाषान्तरण, मुख्यत: हिंदी से अंग्रेजी में तथा विलोमत: प्रदान करती है। यह सेवा सदस्यों द्वारा सभा में असमिया, बंगला, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू सहित ग्यारह भाषाओं में दिए गए भाषणों का अंग्रेजी और हिंदी में युगपत् भाषान्तरण भी प्रदान करती है।



(v) संपादन और अनुवाद सेवा : सभा और सचिवालय की अनुवाद संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करती है। यह सेवा प्रश्नों, प्रस्तावों, संकल्पों, समाचार पत्रों, कार्यसूची, विधेयकों और समिति प्रतिवेदनों आदि के अंग्रेजी से हिन्दी अथवा विलोमत: अनुवाद तथा सभा की दैनिक कार्यवाहियों का अंग्रेजी एवं हिंदी में सारांश तैयार करने से संबंधित कार्य भी करती है।



(vi) निजी सचिव और आशुलिपि सेवा: इस सेवा के सदस्य अध्यक्षों, संसदीय समितियों और सचिवालय के अधिकारियों से संबद्ध होते हैं। वे आशुलिपिक पूल में भी कार्य करते हैं, जो राज्य सभा के सदस्यों को उनके सरकारी कार्यों में आशुलिपि संबंधी सहायता प्रदान करता है।



(vii) मुद्रण और प्रकाशन सेवा: यह सेवा कार्यसूची, संसदीय समाचार भाग I और भाग II, सदस्यों की सूची, विधेयकों, समितियों के प्रतिवेदनों एवं साक्ष्यों, वाद-विवादों एवं उनके परिशिष्टों और अनुक्रमणिकाओं आदि सहित संसदीय पत्रों के मुद्रण तथा समय-समय पर सचिवालय द्वारा प्रकाशित अन्य प्रकाशनों के लिए उत्तरदायी है।



(viii) रक्षा-प्रेक्षा, द्वार पालन और सफाई सेवा: यह सेवा संसद की प्रसीमाओं के भीतर सुरक्षा के लिए जवाबदेह है। यह सेवा लोक सभा सचिवालय की रक्षा-प्रेक्षा सेवा के सहयोग से और समग्र रूप से अपर सचिव (सुरक्षा) के परिचालनात्मक नियंत्रण के अधीन कार्य करती है।



(ix) चालक और डिस्पैच राइडर सेवा: इस सेवा में स्टाफ कार चालक और डिस्पैच राइडर शामिल हैं। स्टाफ कार चालक संसद सदस्यों और सचिवालय के अधिकारियों के लिए परिवहन की सेवा प्रदान करते हैं। डिस्पैच राइडर मुख्यत: संसद सदस्यों को उनके आवासों पर संसदीय पत्रों को शीघ्रता से तथा समय पर पहुंचाने और विभिन्न सरकारी संगठनों को पत्रों के वितरण के कार्य में लगे रहते हैं।



(x) संदेशवाहक सेवा: इसमें चैम्बर अटेन्डेन्ट और अटेन्डेन्ट ग्रेड-II और III शामिल हैं। चैम्बर अटेन्डेन्टों को सत्र के दौरान संसद सदस्यों की सहायता और उनकी अविलंबनीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए चैम्बर/लॉबियों में तैनात किया जाता है। अटेन्डेन्ट सचिवालय के विभिन्न अधिकारियों और अनुभागों को कार्यात्मक सहायता प्रदान करते हैं।

भर्ती



राज्य सभा और लोक सभा सचिवालय में विभिनन पदों की भर्ती से संबंधित कार्य को संयुक्त भर्ती प्रकोष्ठ, जो दोनों सचिवालयों से लिए गए अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा संचालित होता है, द्वारा निष्पादित किया जाता है। सचिवालय में विभिन्न पदों के लिए भर्ती के नियमों से संबंधित सूचना इस वेबसाइट पर भर्ती के नियम शीर्षक के तहत उपलब्ध है।




सम्बन्धित प्रश्न



Comments Abdul mannan on 23-02-2023

Rajasthan sachiwaly me vibhag kitne he

Bishnoi on 01-10-2019

राजस्थान में राज्य सचिवालय में स्थित विभाग कहलाते हैं





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