Sita Ke Bare Me Jankari सीता के बारे में जानकारी

सीता के बारे में जानकारी



GkExams on 04-08-2022


सीता के बारे में जानकारी (Sita in hindi) : सीता माता मिथिला के राजा जनक की ज्येष्ठ पुत्री थीं इसलिए उन्हें 'जानकी' भी कहा जाता है। वैसे एक बात यह भी मानी जाती है की वह रावण व मंदोदरी की पुत्री (who is the real father of sita) थी जिसे रावण ने अपशकुन के कारण समुंद्र में फिंकवा दिया था। वहां से बहती हुई माता सीता राजा जनक के राज्य में पहुँच गयी।


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इसके बाद जब महाराज जनक अपने राज्य को सूखे से बचाने के लिए खेत में हल जोत रहे थे तभी उनको वहां से सीता प्राप्त हुई। चूँकि राजा जनक व उनकी पत्नी सुनैना (sita mata ke pita ka naam) को कोई संतान नही थी इसलिये उन्होंने सीता को गोद ले लिया।


हमारे धार्मिक ग्रन्थ अर्थात हमारा अध्यात्मिक इतिहास इस बात का साक्षी है कि जब जब इस समाज का कल्याण करने के लिये भगवान अवतरित हुए है तब तब उन का साथ देने के लिये उनकी पार्षद, उनकी शक्ति भी अवतरित हुई है। जहाँ भगवान अपना प्रयोजन सिद्ध करने के लिये लीलायें करते है, वहीं उनकी शक्ति उनकी लीला में उन की सहायक बन के एक आदर्श स्थापित करतीं हैं।


माँ सीता का अवतारण भी इस पृथ्वी पर पापी रावण के अतं का कारण बनीं। लेकिन इस लीला में माँ सीता को किन किन भौतिक कठिनाइयों का सामना करना पडा ये सर्वविदित है।


जयंती :




प्रतिवर्ष माता सीता का जन्म फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है की इस दिन मिथिला के राजा जनक और रानी सुनयना की गोद में माता सीता आई थीं।


सीता जी के चरित्र का महत्व :




सीता जी पतिव्रता नारी का प्रतीक हैं। वो श्री राम (rama and sita) के इलावा किसी को सपने में भी नहीं देखना चाहती थीं। रावण के जबरदस्ती समीप आने पर तिनके की ओट का सहारा लेतीं हैं। इसके अलावा संस्कारी माता के रूप में लव-कुश को संस्कारी पुत्रों के रुप में संसार के सामने रखा। पिता श्री राम जी के बारे में पता लग जाने पर उनहोंने माता द्वारा आदेश-बद्ध हो कर पिता की हर आज्ञा का पालन किया।


और त्याग की परिमुर्ति की आज्ञा मान कर अग्नि में प्रवेश किया और अपनी सुचिता का प्रमाण दिया। वनवास को भेजने वाली माता कैकेई के प्रति भी किसी प्रकार का वैमन्सय न रख के आदर्श का परिचय दिया है। इसलिये जब कभी भारतीय नारी के आदर्श चरित्र की बात हुई है, तब सीता माता का नाम सर्वप्रथम लिया जाता है।




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Comments Sitafal ke 5 fayde on 30-12-2022

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