Sampaoornn Gramin Rojgar Yojana संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना

संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना



Pradeep Chawla on 31-10-2018


 संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना 25 सितंबर, 2001 को प्रारंभ की गई। यह कार्यक्रम पहले से जारी रोजगार आश्‍वासन योजना और जवाहर ग्राम समृद्धि योजना को मिलाकर बनाया गया था। इसका उद्देश्‍य ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ दिहाड़ी रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए स्‍थायी सामुदायिक परिसंपत्तियों का निर्माण करना है। कार्यक्रम का लक्ष्‍य समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर महिलाओं, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और जोखिमपूर्ण व्‍यवसायों से हटाए गए बच्‍चों के अभिभावकों पर विशेष ध्‍यान देना है। हालांकि इस योजना के तहत रोजगार देने में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों को वरीयता दी जाती है लेकिन गरीबी की रेखा से ऊपर के लोगों को भी रोजगार मुहैया कराया जा सकता है, जहां एनआरईजीए प्रारंभ हो चुका है।


इस योजना का स्‍वीकृत वार्षिक परिव्‍यय 10,000 करोड़ रुपए है, जिसमें 50 लाख टन अनाज शामिल है। योजना में खर्च की जाने वाली धनराशि केंद्र और राज्‍य सरकारों द्वारा 75:25 के अनुपात में वहन की जाती है। राज्‍यों/केंद्रशासित प्रदेशों को अनाज मुफ्त मुहैया कराया जाता है। रियायती दर से अनाज के दाम का भुगतान केंद्र द्वारा सीधे भारतीय खाद्य निगम को किया जाता है। लेकिन एफसीआई गोदामों से कार्यस्‍थल/सार्वजनिक वितरण केंद्र तक अनाज ढुलाई का खर्च और इसके वितरण की जिम्‍मेदारी राज्‍य सरकारों की है। इस योजना के अधीन काम में लगे मजदूरों को दिहाड़ी के रूप में न्‍यूनतम 5 किलोग्राम अनाज और कम से कम 25 प्रतिशत मजदूरी नकद दी जाती है।


यह कार्यक्रम पंचायती राज संस्‍थानों के तीनों स्‍तरों पर कार्यान्‍वित किया जाता है। पंचायत का प्रत्‍येक स्‍तर कार्ययोजना बनाने और इसे लागू करने के मामले में एक स्‍वतंत्र इकाई होता है। जिला पंचायत, मध्‍यवर्ती पंचायत और ग्राम पंचायतों के बीच संसाधनों का वितरण 20:30:50 के अनुपात में किया जाता है।


ग्राम पंचायत उपलब्‍ध संसाधनों तथा अपनी आवश्‍यकताओं के अनुरूप ग्राम सभा के अनुमोदन से कोई कार्य शुरू कर सकती है। ग्राम पंचायतों के लिए आवंटित धनराशि का 50 प्रतिशत हिस्‍सा अनुसूचित जाति/जनजाति बस्‍तियों में ढांचागत सुविधाओं के विकास पर खर्च करना होता है। जिला पंचायत और मध्‍यवर्ती पंचायतों के संसाधनों के हिस्‍से का 22.5 प्रतिशत अजा/अजजा के लिए लागू निजी लाभार्थी योजना पर खर्च किया जाना आवश्‍यक है। इस योजना में किसी प्रकार का काम ठेकेदारों से कराने की अनुमति नहीं है और न ही इसमें किसी मध्‍यस्‍थ तथा बिचौलिया एजेंसी को शामिल करने का प्रावधान है। कार्यक्रम पर लगातार निगरानी रखी जाती है। केंद्र और राज्‍य सरकारों द्वारा इस कार्यक्रम का मूल्‍यांकन प्रतिष्‍ठित संस्‍थानों और प्रायोजित संगठनों द्वारा प्रभाव-अध्‍ययन के जरिए कराया जा रहा है।




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Comments Randhir singh on 21-05-2021

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