भूत-प्रेत सहित, ग्रह-नक्षत्र या किसी दुश्मन से परेशान हों, दुर्भाग्य
पीछा न छोड़ रहा हो तो परेशान न हों। हर संकटों से मुक्ति दिलाते हैं-मेहंदीपुर के बालाजी। राजस्थान के दौसा जिले के एक छोटे से स्थान पर स्थित यह मंदिर संकटों से मुक्ति दिलाने के लिए विख्यात है। यहां बालरूप में स्थित महावीर हनुमान (बालाजी) भक्तों की हर समस्या को दूर करते हैं। खासकर भूत-प्रेत या किसी तांत्रिक प्रयोग से पीडि़त व्यक्ति को प्रत्यक्ष रूप में तत्काल राहत मिलती नजर आती है। प्रेत बाधा से ग्रस्त व्यक्ति बालाजी के मंदिर में आते ही ठीक होने लगता है। भूत-प्रेत से मुक्ति के लिए यहां कई स्थानों पर मेला लगता है जिसमें प्रेत बाधा से पीडि़त व्यक्ति की समस्या तत्काल सामने आ जाती है, जिसे लोग प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं।
रोज हजारों लोग पहुंचते हैं बालाजी दरबार में
मेहंदीपुर में बालाजी मंदिर परिसर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इनमें बुरी तरह से संकटग्रस्त लोगों की संख्या भी हर दिन करीब सौ से अधिक रहती है। बालाजी के दर्शन के लिए लंबी लाइनें लगती हैं। इस दौरान श्रद्धालु जयकारे लगाते हुए अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हैं। बालाजी के दर्शन के तत्काल बाद मंदिर परिसर में ही भैरव बाबा का मंदिर है। भीड़भाड़ रहने पर चार घंटे तक की लाइन सामान्य है। इस दौरान संकटग्रस्त लोग लाइन तोड़कर सीधे बालाजी के दर्शन के लिए आगे बढ़ते हैं। मान्यता है कि उन्हें बालाजी का बुलावा आता है, तभी वे ऐसा करते हैं। उन्हें रोका नहीं जाता क्योंकि माना जाता है कि ऐसा करने पर उसका संकट रोकने वालों पर सवार हो जाता है।
भैरव, प्रेतराज व दीवान सरकार के दर्शन भी जरूरी
बालाजी के मंदिर से बाहर निकलते ही उसी परिसर में भैरव मंदिर है। उसके बिल्कुल पास प्रेतराज राज का मंदिर है। प्रेतराज के पीछे दीवार सरकार का मंदिर है। एक ही परिसर में स्थित इन सभी मंदिरों के भी दर्शन एवं उन्हें भोग लगाना अनिवार्य माना जाता है। चूंकि बालाजी के दर्शन के लिए लंबी लाइन में लगना होता है। अत: पहले सिर्फ उनके लिए प्रसाद उनका दर्शन किया जाता है। इसके बाद बाहर आकर बाकी तीनों के लिए प्रसाद लेकर पिछले दरवाजे से इनके दर्शन के लिए अंदर जाने की छूट मिलती है। इसलिए बाद में बाकी तीनों के लिए प्रसाद लेकर उनको अलग से भोग लगाना व उनके दर्शन का लाभ उठाना अच्छा रहता है। बालाजी के प्रसाद का कुछ हिस्सा स्वयं खाकर बाकी बांट दिया जाता है। बाकी के भोग मंदिर परिसर के पीछे स्थित निर्धारित स्थान पर अपने सर के ऊपर घुमाते हुए बिना पीछे देखे पीछे की तरफ फेंक दिया जाता है। यह संकट को दूर करने का प्रभावी उपाय है।
संकट से मुक्ति के लिए दें अर्जी
इनके दर्शन के बाद पुन: बालाजी के दरबार में अपने संकट या समस्या के लिए अर्जी दी जाती है। कई लोग भारी भीड़ के मद्देनजर बालाजी मंदिर के ठीक सामने स्थिति भगवान राम के मंदिर में ही अर्जी लगा देते हैं। मान्यता है कि भगवान राम के पास लगाई अर्जी का महत्व बालाजी के दरबार में लगाई अर्जी के समान ही है। कहा जाता है कि अर्जी लगाने के बाद ही संकटों के समाधान की असली प्रक्रिया शुरू होती है। अर्जी के लिए पास की दुकान से सामग्री लेकर अपनी समस्या के बारे में बालाजी को मन ही मन कहा जाता है और उसके मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की जाती है। इसके साथ ही उन्हें तीस रुपये का नगद चढ़ावा मंदिर में रखे दान पात्र में समर्पित किया जाता है।
आरती का विशेष महत्व
आरती के दौरान उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
बालाजी, श्रीराम दरबार एवं समाधि वाले बाबा के मंदिर में सुबह-शाम होने वाली आरती का विशेष महत्व है। इस दौरान आरती के तत्काल बाद वहां उपस्थित श्रद्धालुओं पर पवित्र जल के छींटे दिये जाते हैं। माना जाता है कि उस पवित्र जल के छींटे से हर तरह के संकटों से मुक्ति मिल जाती है। सबसे पहले श्रीराम दरबार में आरती होती है। फिर बालाजी के दरबार में और उसके तत्काल बाद समाधि वाले बाबा के मंदिर में। आरती के दौरान पवित्र जल के छींटे लेने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। अत: आम श्रद्धालुओं के लिए एक ही समय में तीनों मंदिरों में आरती के दौरान छींटे ले पाना संभव नहीं हो पाता है। यदि आप बालाजी के मंदिर में छींटे लेना चाहते हैं तो उस समय बाकी मंदिरों का लोभ छोडऩा पड़ता है। श्रीराम दरबार के साथ समाधि वाले बाबा के मंदिर में आरती का छींटा एक ही समय में लिया जा सकता है। अत: उचित यही होता है कि श्रद्धालु बालाजी के लिए अलग समय में और बाकी दोनों मंदिरों में अलग समय में आरती में शामिल होने की योजना बनाएं।
तीन पहाड़ी में भी हैं प्रभावी मंदिर
बालाजी मंदिर के सामने तीन पहाड़ी है। अलग-अलग पहाडिय़ों पर भगवान शिव, मां काली, पंचमुखी हनुमान एवं काल भैरव के मंदिर हैं। इन मंदिरों में दर्शन आवश्यक माना जाता है। मान्यता है कि कुछ संकट का हल बालाजी के मंदिर में पूरी तरह से नहीं हो पाता है, उसे भगवान शिव, मां काली एवं काल भैरव दूर कर देते हैं। अत: कई भक्त रूटीन में ही बालाजी के दर्शन के बाद तीन पहाड़ी के मंदिरों का भी दर्शन करते हैं। इन मंदिरों में भी संकट से मुक्ति के दृश्य आम देखने को मिल जाते हैं। शिव मंदिर में जहां दीप जलाने का प्रावधान है, वहीं मां काली के मंदिर में पान के पत्ते पर कपूर, लौंग आदि रखकर जलाया जाता है। जले पान के पत्ते को पुजारी के माध्यम से मां को चढ़ाया जाता है। उसमें से थोड़ा हिस्सा पुजारी भक्तों को वापस दे देते हैं जिसे प्रसाद रूप में खाया जाता है। पंचमुखी हनुमान के मंदिर में छोटे लड्डू का भोग लगता है उसे खाया जा सकता है।
समाधि वाले बाबा
समाधि वाले बाबा का परिसर यहां का अत्यंत महत्वपूर्ण केंद्र है। इन्हीं बाबा की साधना के बल पर इस धार्मिक क्षेत्र का प्रचार-प्रसार हुआ। मान्यता है कि बाबा ने अपनी साधना के बल पर बालाजी के क्षेत्र को इस तरह से बांध दिया था। तब से भूत-प्रेत से पीडि़त जो भी लोग यहां आते हैं, उन्हें वापसी में उस भूत-प्रेत से मुक्ति मिल जाती है। बाबा के प्रयास से बालाजी ने इस क्षेत्र को ऐसा बांध रखा है कि जो भूत-प्रेत एक बार इस इलाके में आ जाता है, वह वापस नहीं जा पाता। उसे यहीं उसके कृत्य के लिए दंड से लेकर मुक्ति तक मिल जाती है। अभी भी बाबाजी की संतान ही बालाजी की सेवा कर रहे हैं। बालाजी का दर्शन करने वालों के लिए समाधि वाले बाबा का दर्शन करना अनिवार्य माना जाता है। समाधि वाले बाबा के मंदिर जाने वाले बाबा को जलेबी का प्रसाद चढ़ाते हैं। इस प्रसाद को वहीं रख दिया जाता है। इसके बाद ग्यारह बार बाबा के मंदिर की परिक्रमा की जाती है।
लगता है भूतों का मेला
प्रेतराज का दरबार
यहां का सबसे महत्वपूर्ण और चमत्कृत करने वाली चीज है-भूतों का मेला। इसमें भूत-प्रेत से पीडि़त लोगों को संकट से मुक्ति मिलती है। इस स्थान की खूबी यह है कि यहां पहुंचते ही भूत-प्रेत पर शिकंजा कसना शुरू हो जाता है। बालाजी, भैरव, प्रेतराज, दीवान सरकार, भगवान शिव एवं मां काली के मंदिर में दर्शन करने से ही भूत-प्रेत समेत, तांत्रिक प्रयोग, ग्रह-नक्षत्र आदि सभी समस्याओं का हल होने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। प्रेतराज के मंदिर में विशाल हाल बना हुआ है, जहां दिन में दो से चार बजे तक भूत-प्रेत से पीडि़त लोग बैठते हैं। मान्यता है कि इसी दौरान प्रेतराज उनका न्याय करते हैं। इसी तरह समाधि वाले बाबा के मंदिर प्रांगण में भी दिन में ऐसा ही एक विशाल दरबार लगता है। इसके लिए किसी पंडित-पुरोहित की आवश्यकता नहीं पड़ती है। पीडि़त सिर्फ वहां बैठता है और उसे परेशान करने वाले भूत-प्रेत का हिसाब होने लगता है और अंतत: पीडि़त व्यक्ति को राहत मिल जाती है। हालांकि वहां इस काम के लिए कुछ पंडे-पुरोहित भी घूमते रहते हैं और मदद के लिए तत्पर रहते हैं। यह संबंधित भक्तों पर निर्भर करता है कि वह उनकी मदद ले या खुद को भगवान पर छोड़ दे। अधिकतर लोग भगवान के न्याय पर ही भरोसा करते हैं और संकट से छुटकारा भी पाते हैं।
जाने का समय
यूं तो सालों भर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। स्कूलों-कालेजों व सरकारी दफ्तरों में छुट्टी के दौरान भीड़ चरम पर पहुंच जाती है। भीड़ से बचने के लिहाज से नवंबर दूसरे सप्ताह से फरवरी का समय सबसे उपयुक्त होता है। मौसम के हिसाब से देखें तो यहां गर्मी खूब पड़ती है। इसी तरह ठंड के दौरान जबर्दस्त ठंड भी पड़ती है। अत: मौसम के लिहाज यहां जाने का सबसे अच्छा समय सितबंर से नवंबर और फरवरी से मार्च तक का तक का है।
जाने का मार्ग
ट्रेन से जाने के लिए दिल्ली-जयपुर रूट में बांदीकुई रेलवे स्टेशन पर उतरना पड़ता है। यहां शताब्दी समेत तमाम प्रमुख ट्रेनों का ठहराव है। इसके साथ ही आगरा व मथुरा से भी बांदीकुई के लिए ट्रेन उपलब्ध है। बांदीकुई से मेंहदीपुर स्थित बालाजी मंदिर की दूरी लगभग 35 किलोमीटर है, जिसके लिए चौबीसो घंटे वाहन उपलब्ध रहता है। यदि आप निजी वाहन या बस से आना चाहें तो आगरा-जयपुर मार्ग के पास स्थित इस स्थान के लिए दिल्ली, जयपुर, मथुरा एवं आगरा से आसानी से पहुंच सकते हैं।
ठहरने का इंतजाम
यहां ठहरने का सस्ता और आरमदेह इंतजाम है। आधुनिक सुविधाओं से युक्त कई धर्मशालाएं हैं। इनमें पांच सौ से लेकर सात सात रुपये तक में चौबीस घंटे के लिए डबलबेड का ठीकठाक कमरा (अटैच्ड बाथरूम) उपलब्ध हो जाता है। एसी कमरे के लिए करीब हजार रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। मांग के अनुरूप उचित दर पर कमरे में ही चाय से लेकर भोजन तक उपलब्ध हो जाता है। यहां लोग सुविधानुसार एक से तीन दिन तक रहते हैं। यदि सभी मंदिरों के आराम से दर्शन करना चाहते हैं तो तीन दिन रुकना उचित रहेगा। अन्यथा एक दिन में ही बालाजी, श्रीराम दरबार और समाधि वाले बाबजी के दर्शन कर वापस लौटा जा सकता है। ऐसा करने वाले भक्तों की भी कमी नहीं है।
नोट—बालाजी क्षेत्र के किसी भी मंदिर का प्रसाद वहां से बाहर नहीं ले जाना चाहिए। मान्यता है कि उस प्रसाद को खाने वालों का संकट ज्यादा तेजी से उभरता है जिसका समाधान बालाजी के दर्शन करके ही हो पाता है। ऐसे में प्रसाद खाकर परेशान होने वाले लोग खिलाने वाले के प्रति कई बार गलत अर्थ निकालते हैं। अत: यही सलाह है कि वहां का प्रसाद थोड़ा सा खुद खाएं और बाकी उसी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को बांट दें। यदि उपहार के रूप में अपने दोस्त, रिश्तेदार आदि के लिए कुछ ले ही जाना चाहते हैं तो वहां स्थित दुकानों से अन्य उपहार सामग्री खरीद लें लेकिन ध्यान रहे कि उसमें से कोई भी सामग्री बालाजी या वहां के अन्य मंदिरों में होने वाले पूजन (यंत्र आदि) से संबंधित न हो। पूजन सामग्री व प्रसाद का प्रयोग सिर्फ खुद और वहां जाने वाले अन्य लोग ही कर सकते हैं।
पैसे की तगी तथा किराय के मकान बहुत दुख हैकोई भी काम बानता नही
Mera vyapar dhire dhire band ho raha he or din be din karja hota jara he
Jai bala ji
Me bahut bimar rahti hu or davai bhi nahi lagti pata ni mujhe kya ho gya ha main pahle thik thi 8 9 saal pahle
मे जिस काम मे हाथ डालता वहा पर मुझे हमेशा असफलताए ही मिलती है कभी भी कोई काम पुरा नही होता है जिसका मे अच्छा करता हूँ हमेशा मेरे उपर बुराई ही आती है जिसके कारण अपनो से तथा दुसरे लोगों से लडाई झगड़े रहते
जय श्री राम ⛳ जय मेंहदीपुर बालाजी की जय
SABHI PARESANI BUT SAMADHAN EK BALAJGI, 7217751681 jay shri raam
Kirpya sabamani ki rasi btaye.
Mere pati mujhe bahut marte h shak Karter h meri shadi love marriage hui h bahut Prashan hu kya kru
Pahle aise bilkul nhi the ab pta nhi kya ho gya kisi ne kuch kar diya h lagta
Balaji Maharaj Balaji Maharaj Mere bacche ko theek kar dijiye bus ko Lekar Aate Darshan karvane mein meri arji Meri arji Laga Lijiye
Balaji sarkar Mere bacchon Ko Dekhkar dijiye Balaji Maharaj mera baccha bahut Dinon bad mujhe maaf karna Ji Maharaj mere bacchon ko theek kar dijiye please
Mai bahut pareshan hun mere dukan nahi chalty hai mai karg se gir gaya hu kuch upaye bato bala ji sarkar ki jay
Balaji Maharaj mere bacchon ko theek kar dijiye please mera baccha bahut bimar hai 17-18 Din Se pata nahin kya hua Kuchh samajh Nahin a Raha theek kar dijiye bacche ko Darshan karane laenge Balaji Maharaj aapka बहुत-बहुत dhanyvad
Balaji Maharaj please Balaji Maharaj Balaji Maharaj mere bacchon ko theek kar do please Balaji Maharaj Mein Rahana Singh mera baccha Arpit Singh bahut bimar hai Balaji Maharaj Mere bacche ko theek kar do darshan karne aaenge Balaji Meri arji Sun Lo Balaji
yaha bhoot ka saya kitne din me thik hote hai
Bala ji maharaj mai 6 years se bahut pareshaan hu mai koi bhi kam karta hu success nhi hota h bahut jagah gaya hu to pandit ji batate h ki Shani ka prakop h plz kast ka nivaran kre mahraj ji.
Mera nukri cut gya ha dilwa digy baba
Mere ghar me bhaut dikat chal raha hai koi bhi achha se nhi hai padhne me man nhi lag raha hai mere bhai ko bhi
नौकरी
Mera karobar achcha nhi chal rha hai karj se mukt nhi ho PA rha hu mujhe Santan nhi hai lakxmi nhi Ruk rhi hai ghar me sbhee ke sarir me taklif rhti hai ghar me jhagde bhi hote hai hmara apna ghar hai use banva nhi pa the hai achahi job nhi hai kam kar the saflta nhi mil rhi hai
Meri behan ka Kan sunai nhi deta uski sadi bhee ho gayi hai Lekin in dono ke bich me mat bhed hai meree AAP se vinti hi Balaji sarkar in sab dukho ka nivarad kare jai sree Sitaram Jai Hanuman
राधे राधे महराज जी हमको एक दिक्कत है कि हम जो सोचते है वह नही होता है और हम सब पर बिश्वास कर लेते है पर हम पर कोई नही विश्वास नही करते है और हमारा जोब कब तक होगा
Bala ji ke darsan ke liye Argi kese lagae jate hai
Mai bahut pareshan rahta hu kab tak sab theek hoga
m
are pati Ghar chale gaye hai mai bhuth parsan hu mai chati hu o wapas aa jaye mare paas he bala ji kuch chmtkaar kariye mai unke bina tut si gayi hu unke dil me mare liye jagahe bana dijiye o muje kuch samje mai unke binaa nahi jina chahti par amare ynke diye huaa tiin baccho ko kyse maru kuch bhi kariye maraaj ji is jivan ki nayeya aap ke haath me hai
Jay mehandipur balaji maharaj meri arji swikar kijiye mere pati lene nahi a rahe hai lene aa jaye mai yahi chahti hun baba aur baat bhi kabhi kabhi karte hai balaji maharaj dimag achcha kijiye mere patidev ji ka sadbuddhi dijiye jo bhi ho sab dur ho jaye patidev ji upar se hum dono aapas me nayi jindagi suruaat kare meri arji aapke charno me hai balaji maharaj meri manokamna puri karen mere pati mujhe lene a jaye mai apne ghar jaldi se jaldi chali jau mai balaji maharaj aapka laddu ka bhog lagaungi sindur chadhaungi aur fool bhi chadhaungi jay mere balaji maharaj meri manokamna puri karo baba mai prasad bhi chadhaungi mehandipur balaji maharaj
बालाजी में बोहोत तकलीफ में हु मुझे मौत देदे सीता राम
arji lagane ke bad kya parhej kiya jata hai
Mere bete ko mujhe Dard rahata hai baen hath mein 2 sal se jis jagah Dard tha use jagah surgery Kiya gaya hai uske bad bich mein Dard theek Raha FIR udhar chalu ho gaya idhar laga raha hun mere bete Swastik Pande dar se pareshan rahata hai Jay Shri Ram Jay Shri Ram Sita Ram Sita Ram Sitaram
Mere upar tantra kriya Aghori kriya Kiya jata hai aur main usse pareshan rahata hun cal chalne firne dikkat hota hai sar ghumta hai body paint karta hai Aghori ko Saja Dene Ka kripa Karen Jay Shri Ram Jay Shri Ram Jay Shri Ram Sita Ram Sitaram Sitaram
Kya me neet me pass ho jaunga
Mere Pati mujhse talaak lena chahte hain per main apne pati ke paas wapis Jaana chahti hoon. Main unhein talaak nhin dena chahti. To kya nain mehandipur Balaji mein arji lga sakti hoon kya
Mera 3 sal ka baccha ho Gaya phone Nahin pata bahut pareshan hun Kya karunga
Ek Ladka ko बार-बार Mirgi Ki Tarah Aana Sapne dekhna Kali Mata ko dekhna tadpana Aise Sapne Aate Hain Inka kya kiya jaaye Ham Balaji per Aaye Koi Bhi Aaram nahin mila
Gruh pareshani
Ham koi bhi kam krte hai to nuksan hota hai eske liye kya kren
मैं जो भी काम करता हॅू वह पूरा नहीं हो पाता है। हमेशा मुझे नुकसान ही होता है।
bhai me agle sombar ko jaunga
Purani khasi aur sas fulne se paresan hai
Plz upay bataiye
Mare upar pata nahi kisne kya kar dia mera tabiat kharab rahti hai cakkar aa raha hath par thanda ho ja raha bechani ghabrahat inkome ka srot sabhi businuss band kar dia hai Bala ji maharaj mujhe mere bacche patni ko thik karie businuss chala dijie tarakki dijie mai aapke darsan karne aaunga, jai bala ji maharaj,
Mai to kabhi gya nhi mgar balaji mhraj ke darsan ke liye utsuk hu meri bhi manokamna balaji mhraj puri kare
Balaji mandir may pahuchtay hi arzi lagai jati haii ki dusray din lagai jati hai or arzi lagai nay k Lia koonsha din theek hota hai
Mai aik govt driver hoon lekin 1 sal se pata nahi mujhe gadi chalane me dar lagne laga hai our hamesha man ashant rehta hai hamesha ulte hi khayal man me aate rehte hai mai kya karoon
Kya ye dar bhi baha door ho jyega
Balaji ke dwar mein arji kaise lagaen
Jai balaji maharaj mere sare dukh door karo apse yhi prathna h
Hamare husband ko kisi ne kuch kara Diya hi sahi nahin rahte Balaji ke mandir Gaye thi arji lagai sasur khatam ho gaye the 40 dinner isiliye daru peene lag Gaya bahut maarte humko kuchh Kam nahin karte Hain
Rameshwari ko khi 25salo nind v beceni rhti h nind aate hi koi dra deta h
Mere bete ki death 22/8/20 me ho gai, jo 7 saal ka tha, usko blood cancer tha, kya vo fir se mera beta ban kr janm le sakta h kya..
Mera selection gov exam me hmesa 1 number se run jata hai. His ladke ko pyar krti thi usi ne dhokha de diya. Maa paa ka health issue hai. Kaise acha hoga?
Kis kis din me arji laga jata hai
arjikeselagaye
noukri samandhi samashya kaishe door hogi mujh par lage arop kaishe door honge kab tak door honge.
Mere husband ka Kam kisi ne bad diya he meri pray he ki Voh sare raste open ho jae Hussein ki unka Kam chl sake bhut preshan ho gyi he hmari family
mari sister ko kisi ne but pret atmao kra rkha hi hame kasi shri balla ji mandir me arji lagti hi
mera kaam pichale kai saal se theek nahi chal raha hai mai kya karu mai bahut hi preshan hu plz koi upaye batayen
मेहंदीपुर बालाजी में अर्जी कैसे लगाई जाती है देसी कैसे लेते हैं
Lpllll l
बालाजी में अर्जी कैसे लगाई जाती दरखास कैसे लगाई जाती है पैसे कैसे लेते हैं
हमारी औरत पर एक लडका वशीकरण करा रखा है
मे जिस काम मे हाथ डालता वहा पर मुझे हमेशा असफलताए ही मिलती है कभी भी कोई काम पुरा नही होता है जिसका मे अच्छा करता हूँ हमेशा मेरे उपर बुराई ही आती है जिसके कारण अपनो से तथा दुसरे लोगों से लडाई झगड़े रहते
जय श्री राम ⛳ जय मेंहदीपुर बालाजी की जय
Ek arji me family ke sabhi logo Ki smsya ka hal ho jata hai
Shree sitaram Jai hanuman ji maharaj ki jai shree Ram RAM ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram
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पैसा तथा कमरा