Vedon Me MrityuBhoj वेदों में मृत्युभोज

वेदों में मृत्युभोज



Pradeep Chawla on 23-09-2018


श्राद्ध करना इंसान की श्रद्धा का विषय है लेकिन कई लोग इसे एक ढोँग भी मानते है,उनके हिसाब से मौत के बाद कौन देखता है की हमने मृतात्मा के लिए क्या किया? उन विद्वानोँ से मैं कहना चाहूँगा की हिन्दू धर्म पुनर्जन्म में विश्वास करता है और ये एक आत्मावादी धर्म है।हमें पितृ ऋण से मुक्ति प्राप्त करने के लिए श्राद्ध करना ही होता है,सच कहा जाये तो ये संतति का कर्तव्य है की हम अपने पितरो के नाम से ये कर्म करे।

अब सब बात छोड़ के मुख्य विषय पर आता हूँ,हमारे समाज में ऐसे हज़ारो लोग है जो ताउम्र अपने माँ-बाप की न देखभाल करते है,न उन्हें खाने को पूछते है और न ही उनके पास बैठकर 2 मिनट बात भी करते है वे लोग सिर्फ पैसे कमाने में, रंगरलियों में और अपना ओहदा संभालने में ही अपनी उम्र गुजार देते है लेकिन जैसे ही उनके घर में माँ या पिता की मृत्यूँ होती है वो दुनिया के सबसे धार्मिक,आज्ञाकारी और सुलभ व्यक्तित्व बन जाते है,यही से मनुस्मृति अपना काम शुरू करती है।


आप लोग अक्सर देखते होंगे की कई जगह अपने पितरो की आत्मा की शांति के लिए अमीर लोग हज़ारों लोगो का खाना रहते है,सही मायनो में ये धन का अपव्यय है और धर्म का मज़ाक है।मनुस्मृति के अनुसार श्राद्ध में केवल वेदपाठी ब्राह्मणों को ही कव्य करने का हक़ है।वेद पाठी ब्राह्मण से तात्पर्य उस ब्राह्मण से है जो कम से कम एक छोटा सा यज्ञ करवाना तो जानता हो।



अगर आपके यहाँ श्राद्ध में कोई अयोग्य ब्राह्मण कव्य लेता है उसका दुष्परिणाम यजमान को भुगतना पड़ता है।
श्राद्ध के जरिये आप अपने रिश्तेदारो को और मित्रो को खुश करने का काम नहीं कर सकते,इसके लिए और भी कई शुभ काम हमारे घरों में आयोजित होते है।सही मायनो में मित्र या रिश्तेदार श्राद्ध के निमित्त भोजन के योग्य नहीं है और अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो इससे जिसके लिए आपने श्राद्ध रखा है वह आत्मा विचलित होती है। श्राद्ध में 2-3-5-7 या अधिकतम 11 ब्राह्मणों को ही भोजन करवाये इससे ज्यादा को भोजन करवाना और अपनी अमीरी का दम्भ भरने से मनुस्मृति अनुसार यजमान को आग के गोले निगलने पड़ते है।




सम्बन्धित प्रश्न



Comments Rana on 15-03-2022

Vedon mein mrutyu bhoj ke bare mein kya kaha Gaya

राजकिशोर पाठक ढाना on 12-05-2019

1-मृत्यु भोज के संबंध में वेदों में क्या दिया है?
2-गरुण पुराण के अध्याय170 के श्लोक37में क्या दिया है स्पष्ट करें?

Gaurav rathi on 12-05-2019

Punyatithi Mrityu Bhoj aati hai kya






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