SanKalp Yojana Kya Hai संकल्प योजना क्या है

संकल्प योजना क्या है



Pradeep Chawla on 19-10-2018

  • केंद्र सरकार द्वारा विश्व आजीविका संवर्द्धन के लिये दक्षता हासिल करने और ज्ञान बढ़ाने (संकल्प) तथा औद्योगिक मूल्य संवर्द्धन हेतु दक्षता सुदृढ़ीकरण (स्ट्राइव) योजनाओं को दी गई हालिया मंज़ूरी।

पृष्ठभूमि


दक्षता प्रशिक्षण के प्रभावी सुशासन और विनियमन शुरू करने के लिये व्यावसायिक शिक्षा में औद्योगिक प्रयासों को चिन्हित करने के दृष्टिगत काफी लंबे समय से एक राष्ट्रीय रूपरेखा की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। पिछली अनेक सरकारी योजनाओं जैसे-व्यावसायिक प्रशिक्षण सुधार परियोजना में आईटीआई को मजबूत बनाने पर जोर दिया गया था और इन योजनाओं के अतंर्गत 1600 से अधिक आईटीआई का पहले ही उन्नयन किया जा चुका है।

  • इन दोनों योजनाओं का उद्देश्य दक्षता विकास, प्रशिक्षण के लिये दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक दोनों ही मामलों में गुणवत्ता एवं बाज़ार की सार्थकता के दृष्टिगत संस्थागत सुधार लाना है।
  • ‘संकल्प‘ और ‘स्ट्राइव’ योजनाएँ निष्कर्ष आधारित हैं, जिनमें व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण में सरकार की कार्यान्वयन रणनीति को आदानों के साथ परिणामों से जोड़ा गया है।
विश्व बैंक समर्थित 6,655 करोड़ रुपए की दो नई योजनाएँ–आजीविका संवर्द्धन के लिये दक्षता हासिल करने और ज्ञान बढ़ाने के लिये ‘संकल्प‘ तथा औद्योगिक मूल्य संवर्द्धन हेतु दक्षता सुदृढ़ीकरण के लिये ‘स्ट्राइव’ के माध्यम से सरकार अपने एक प्रमुख कार्यक्रम मिशन स्किल इंडिया को बढ़ावा देने जा रही है।

संकल्प: 4,455 करोड़ रुपए की केंद्र प्रायोजित योजना संकल्प (पूरा नाम Skills Acquisition and Knowledge Awareness for Livelihood Promotion-SANKALP) में विश्व बैंक द्वारा 3,300 करोड़ रुपए की ऋण सहायता शामिल है| संकल्प योजना में प्रशिक्षकों एवं मूल्यांकनकर्त्ता अकादमियों के स्वत: धारणीय (Self Sustainable) मॉडलों की स्थापना पर विचार किया जाएगा। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में 50 से अधिक ऐसी अकादमियों की स्थापना की जानी है। संकल्प का उद्देश्य महिलाओं, अजा./अजजा. और दिव्यांगों सहित हाशिये पर पड़े समुदायों को बड़े पैमाने पर दक्षता प्रशिक्षण का अवसर प्रदान करना है।


स्ट्राइव: 2,200 करोड़ रुपए की केंद्र प्रायोजित योजना स्ट्राइव (पूरा नाम Skill Strengthening for Industrial Value Enhancement-STRIVE) के लिये विश्व बैंक द्वारा आधी राशि ऋण सहायता के रूप में दी जाएगी। इस योजना में आईटीआई के कार्य निष्पादन में संपूर्ण सुधार को प्रोत्साहित करना है, जिसमें एसएमई, व्यावसायिक संगठनों तथा औद्योगिक समूहों को शामिल करके अप्रेंटिसशिप शामिल है।


ये योजनाएँ दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक दोनों में ही प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के लिये ऐसे संस्थानों को गति प्रदान करेंगी, जिससे अपेक्षित बदलाव आ सकेंगे। चुने हुए क्षेत्र एवं भौगोलिक अंतर के आधार पर अतिरिक्त प्रशिक्षण अकादमियों की स्थापना की जाएगी।


नया क्या है इन योजनाओं में?

  • इन दोनों योजनाओं में मान्यता और प्रमाणीकरण के लिये राष्ट्रीय निकायों की संस्थापना द्वारा इस आवश्यकता को पूरा किया जाएगा।
  • मान्यता एवं प्रमाणीकरण के लिये निकाय दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक दोनों ही व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण की मान्यता और प्रमाणनन का कार्य करेगा।
  • यह संरचना भारत में व्यावसायिक इतिहास में पहली बार विभिन्न केंद्रीय, राज्य और निजी क्षेत्र के संस्थानों पर ध्यान देगी, जिसके फलस्वरूप गतिविधियों का दोहराव नहीं होगा तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण में एकरूपता आने से इसका बेहतर प्रभाव होगा।
  • इन योजनाओं का उद्देश्य राज्य दक्षता विकास मिशन, राष्ट्रीय दक्षता विकास निगम, क्षेत्रीय दक्षता परिषद, आईटीआई और राष्ट्रीय दक्षता विकास एजेंसी आदि जैसी संस्थाओं के दक्षता विकास प्रशिक्षण की गुणवत्ता के लिये सुदृढ़ पद्धति का विकास करना है।
  • ये योजनाएँ राष्ट्रीय गुणवत्ता अश्योरेंस फ्रेमवर्क सहित राष्ट्रीय दक्षता अर्हता फ्रेमवर्क के केंद्र एवं राज्य सरकारों की दक्षता विकास योजनाओं के सापेक्ष इनके वैश्वीकरण को सहायता प्रदान करेंगी और इस प्रकार दक्षता, विषयवस्तु एवं उत्पाद के मानकीकरण को सुनिश्चित किया जाएगा।
  • ये योजनाएँ राष्ट्रीय दक्षता विकास मिशन 2015, और इसके विभिन्न उप-मिशनों को अपेक्षित महत्त्व प्रदान करेंगी।
  • ये योजनाएँ ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्वच्छता अभियान’ जैसे भारत सरकार के महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों के अनुरूप हैं और इनका उद्देश्य घरेलू एवं विदेशी आवश्यकताओं के लिये अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी कार्यबल को विकसित करना है।
  • 700 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान महत्त्वाकांक्षा रखने वाले लाखों लोगों को रोजगार उन्मुख दक्षता प्रशिक्षण देने के लिये स्थापित किये जा रहे हैं।
  • चुने हुए क्षेत्रों एवं भौगोलिक स्थानों पर ऐसे संस्थानों की स्थापना हेतु प्रस्तावों का चयन करने के लिये नवाचार चुनौती निधि मॉडल को लागू किया गया है।
  • विदेशों में प्लेसमेंट के लिये अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार दक्षता प्रशिक्षण को केंद्र में रखकर 66+ इंडिया इंटरनेशनल स्टॉलिंग संस्थानों को प्रोन्नत किया जा रहा है। इनमें 30,000 से ज़्यादा इच्छुक लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जो अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकन निकायों से प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे।
  • देशभर में 500 आईटीआई को मॉडल आईटीआई के रूप में प्रोन्नत करके तथा उनकी उद्योग सम्बद्धता पर विचार किया जा रहा है, जिनमें ऑनलाइन परीक्षा, केंद्रीकृत दाखिला, दक्षता में सुधार और प्रणाली में पारदर्शिता जैसे सुधारों का उपयोग किया जाएगा।

ये योजनाएँ दक्षता के विकास में प्रणाली के माहौल को अनुकूल बनाएँगी और उद्योगों को दक्षता प्राप्त कार्यबल की सतत आपूर्ति द्वारा देश के ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ सूचकांक में वृद्धि करेंगी। बेहतर उद्योग संबंध और गुणवत्ता विश्वास के माध्यम से ये योजनाएँ दक्षता विकास कार्यक्रमों के प्रति आकांक्षाओं के महत्त्व की दिशा में भी काम करेंगी।


मिशन स्किल इंडिया


देश के कामगारों को दक्ष और कुशल बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जुलाई 2015 को लगभग 40 करोड़ भारतीयों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत, 2022 तक प्रशिक्षित करने के लिये मिशन स्किल इंडिया मिशन की शुरुआत की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षित करके उनकी कार्यक्षमता बढ़ाना है।


प्रमुख विशेषताएँ

  • गरीबी के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह गए बच्चों के भीतर छिपे कौशल को विकसित करना।
  • योजनाबद्ध तरीके से गरीबों और गरीब नौजवानों को संगठित करके उनके कौशल को सही दिशा में प्रशिक्षित करके गरीबी उन्मूलन करना।
  • गरीबी को दूर करने के साथ-साथ गरीब लोगों, परिवारों तथा युवाओं में आत्मविश्वास जगाना तथा देश में नई ऊर्जा लाने का प्रयास करना।
  • भारत की लगभग 65% जनसंख्या (जिनकी आयु 35 वर्ष से कम है) को वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिये कौशल एवं अवसर प्रदान करना।
  • देश के युवाओं और नौजवानों को रोज़गार उपलब्ध कराने और उन्हें रोज़गार के योग्य बनाने के लिये एक व्यवस्था के निर्माण को प्राथमिकता देना।
  • आने वाले दशकों में विश्व में कार्यकुशल जनसंख्या की आवश्यकता को पूरा करने के लिये विश्व के रोज़गार बाज़ार का अध्ययन करके उसके अनुसार देश के युवाओं को प्रत्येक क्षेत्र में कुशल बनाना।
  • देश के युवा जिस कौशल (जैसे-ड्राइविंग, टेलरिंग, कुकिंग, क्लीनिंग, मैकेनिक, हेयर कटिंग, आदि) को परंपरागत रूप से जानते हैं, उसे और निखारकर व प्रशिक्षित कर सरकार द्वारा मान्यता प्रदान करना।
  • कौशल विकास के साथ उद्यमिता और मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना।
  • सभी तकनीकी संस्थाओं को विश्व में बदलती तकनीकी के अनुसार गतिशील बनाना।





सम्बन्धित प्रश्न



Comments Pradeep paswan on 22-12-2023

Mere ghar mai koi government job nhi hai

Vinay on 23-10-2022

Kya sankalp yojna se iit ki taiyaari ki jaa sakti hai

Monika on 24-12-2020

संकल्प स्कीम किस तरह से एक गरीब की मदद के सकती हैं और कैसे हम इसमें हिस्सा ले सकते हैं।


Sunil on 12-05-2019

Sankalp yojana kya hai





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