सांसी एक ख़ानाबदोश आपराधिक जनजाति है, जो मूलत:
HAMAARE GURU RISHHI VISHAWAMITRA JI HAI
HAMARE GURU VISHAWAMITRA JI HAI
Appko pura sahi itihaas nahi pata Sashi kom piche kyun rah gayi hai kyuki junglo me rahi hai junglo me kyun rahi Sashi kom ko mugl angraj gulam nahi bna paye the isliye Sashi hi ek asi kom hai Jo kisi ki gulam nhi hui appne lekh me bar bar sansi bol rakha sansi nahi hai) Sashi hai
(proud to be Sashi)
सासींयो को हाथ लगाना भी जान दवा है
Sansi samaj ka goru Kon
Mai sansi samaj ke bare mai likhna chahta hu
सांसी समाज सोवा सिमिती केसे बनाए
Sainsamal Raja or sansi Raja ka hitihaas batao
राजा सांसी का पुरा इतिहास
Sansi India ke bhaar bhi hey
Who was raja sansi
Pta ni
Bhatu are rajput or not
यह जो जानकारियां आपने प्राप्त की है यह जानकारियां इतिहास में पुख्ता नहीं है और जो लोग भाटियों से जोड़ कर देखने की कोशिश कर रहे हैं सांसी समाज को यह भी पार्टियों से नहीं है आपको बताने का प्रयास करें कि उस सांसी समाज हजारों सालों से है और यह भाटियों से प्राप्त नहीं है भाटियों से इसकी उत्पत्ति नहीं हुई यह 3000 साल पहले से यह जाती है और पूरी दुनिया में पाई जाती है आपको बताने की मैं कोशिश कर रहा हूं कि इस जाति का अपना एक धर्म था
Sansi Samaj Ke Raja kaun the
Raja sheshmal ka itihas kya hai
Sansi smaj ka guru kon h
Sansi guru kon
Sansi cast ke guru kon tha
Sansi Samaj ka Guru kaun hai
Saansi jaati एक veeron ki jaati hai
महाराजा रणजीत सिंह सांसी, सुल्ताना डाकू सांसी, राजा सांसी अमृतसर, राजा sansmal, इस जाति का पूरा इतिहास दबाया गया है इस इतिहास को दुनिया में दिखाने का काम करें, sach mein sultana daku nahin krantikari tha,
Sansi cast ka dhram kya hai. Ye kha se aaye the. Or in ko dabane ki kosis kyo ki gyi thi.
सांसी जनजाति अरब मूल की है। इस्लाम के बड़ते दबाब ने इन्हैं अरब भूमि छोड़ भारत की ओर खदेड़ दिया जहां ये लोग भूमिहीन खानाबदोश चोर लुटेरे बंजारे आदि के रुप में अंग्रेज सरकार द्वारा criminal tribe by birth or habitual offenders के रूप में कानूनबद्ध किऐ गऐ। कालांतर में अपनी लड़ाका प्रवृति से यह लोग सैनिक दलों में वदलते हुऐ कई स्थानों पर वर्तमान में शासक वर्ग के रूप में प्रत्यक्ष हैं। राजस्थान का भरतपुर का सिनसिनवार राजवंश इन्हीं सांसी बंजारों का है। यहां यह सांसी समुदाय बावरिया,कंजर,बेड़िया आदि उपनामों से अक्षूत व आपराधिक जनजाति के रूप में भी प्रत्यक्ष उपस्थित है। कहा जाता है कि शेरे-पंजाब महाराजा रणजीतसिंह इसी सांसी वर्ग के थे।
उक्त जानकारी मुझे पंजाब के मलेर कोटला स्थान पर कार्यरत रहते हुऐ वहां एक ग्रंथ हेतुप्रतिष्ठानके पढ़ने से प्राप्त हुई जो किसी आचार्य भागवत लोकशास्त्री द्वारा लिखित है।
उस ग्रंथ में यह भी वर्णन है कि बंदा बैरागी ने बढ़े जागीरदारों से कृषि भूमि जीत उन जमीनों को सांसी,चूढ़ा आदि निम्न जातियों को बांट दिया था जहां बंदा बैरागी की कृपा से जमींदार होकर यह लोग अब जाट कहे जाते हैं...।
Shashi samaj mein kitne jaati aati hai
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कृपया मुझे माफ़ कर देना इसका उद्देशय सिर्फ ये है आपस में कोई झगड़ा लड़ाई मत करों में ये हूँ में वो हूँ ये देश हमारा है जो हमारे पूर्वजो ने आपको दे दिया है और स्वम राजपाठ छोड़ अलग राह पर चले गए जब ये साहसी लोग अंग्रेजों के काबू नहीं आये तो इन पर तरह तरह के कानून बनाए और बनाते रहेंगे क्योंकि साहसी जाती का एक छोटा सा बच्चा भी इतना साहसी होता है जो कुछ कर जाने की चाह रखता है जय भारत जय हिंदुस्तान जय मेरे देश वासियों साहसी क्षत्रिय जाति के लोगो का रहष्य शायद किसी भी इंसान के पास नहीं परन्तु साहसी जाती के लोग सूर्यवंशी है जो इस देश की नींव रखने वाले हमारे पूर्वज क्षत्रिय जाति के लोग है जैसे १ महाराज शांतुनु के दरबार में एक वैश्य का घोडा लेकर आना और उसे क्षत्रिय जाति मिलाना जो कह देने की बात को लेकर एक वैश्य को ५० गॉव दान में दे देना २ अर्जुन भगवान श्री कृष्ण जी की बुआ के लड़के थे और वह मामा जी के फिर भी वह जीजा साला थे जो ये रिश्ते सिर्फ साहसी (क्षत्रिय ) जाति में आज भी होते है जो रिश्ते मामा के लड़को व् लड़कियो को फूफे की लड़कियों व् लड़कों की शादी दर्शाये जाती है जो किसी अन्य जाति में नहीं ३ धनुर्धारी अर्जुन का भगवान शिव जी के साथ युद्ध करना जो साहसी होने का प्रमाण है अर्जुन द्वारा भगवन शिव जी की पूजा ( तपस्या ) के दौरान एक शिकार को मार गिराना और उस शिकार के लिए युद्ध करना जो आज भी शिकार किया जाता है ४ साहसी क्षत्रिय जाति के लोगो में साले की पत्नि को बहन कहकर बोला जाता है जो ये सभ्यता साहसी जाति के रिश्तों में पाया जाता है ५ साहसी जाती के लोगो द्वारा किसी भी विवाह में ,जन्म में ,मरण में , ब्रह्मणो को नहीं बुलाया जाता क्योंकि भगवन परशुराम जी के द्वारा २१ बार क्षत्रियो सफाया कर दिया गया था और जो बुलाते है एकता व् सय्यम बनाने के लिए एक दुसरे के देखम देख ६ साहसी जाति के समुदाय में शादी के दौरान लड़ाई होना सवभाविक है क्योंकि क्षत्रिय जाति में सयंबर होना एक ठोस वजह रही है चाहे वो कोई भी कुल हो ७ अगर साहसी जाति के लोगो में किसी की मृत्यु हो जाती है तो साहसी जाति के लोगो द्वारा अर्थी नहीं बनाई जाती उसे खाट पर ले जाया जाता है क्योंकि श्री भीष्म पिता माह की बाणो की सैया ऐसी प्रक्रिया का कारण है जिसे हम कहते है किसी के मरने पर हमारी एक खाट कम हो गयी ऐसी बहुत से कारन जो साहसी को साहसी क्षत्रिय बनाते है