राणी सती मंदिर झुंझुनू : यह चमत्कारी मन्दिर (rani sati temple) भारत के राजस्थान राज्य के झुंझुनू जिले में स्थित है। कहा जाता है की राणी सती माता झुंझुनू में 13 वीं और 17 वीं शताब्दी के बीच रहती थी। और उन्होंने अपने पति की मृत्यु पर सती (आत्मदाह) किया था।
राणी सती (rani sati katha) का 400 साल पुराना धार्मिक एवं पर्यटन स्थल हैं। दूर से देखने पर विशाल क्षेत्र में बना यह मंदिर एक राजमहल की तरह प्रतीत होता है। सम्पूर्ण मंदिर का निर्माण संगमरमर के पत्थरों की कटाई करके बनाया गया हैं।
राणी सती का मेला :
यहाँ पर एक विशाल मेला भी लगता है जो प्रतिवर्ष भादो मास की अमावस्या को राजस्थान के झुंझुनू में राणी सती दादी मंदिर में मेला उत्सव मनाया जाता है।
इसके अलावा यहां प्रतिवर्ष भादो अमावस्या को भव्य मंगलपाठ का आयोजन होता है। जिसमें बड़ी संख्या में देश विदेश से श्रद्धालु शामिल होते हैं और अपनी मनोकामना मांगते है।
रानी सती के बारें में :
पौराणिक इतिहास से पता चलता है की महाभारत के युद्ध में चक्रव्यूह में वीर अभीमन्यु वीर गति को प्राप्त हुए थे। उस समय उत्तरा जी को भगवान श्री कृष्णा जी ने वरदान दिया था की कलयुग में तू “नारायाणी” के नाम से श्री सती दादी के रूप में विख्यात होगी और जन जन का कल्याण करेगी, सारे दुनिया में तू पूजीत होगी।
और उसी वरदान के स्वरूवप श्री सती दादी जी आज से लगभग 715 वर्ष पूर्वा मंगलवार मंगसिर वदि नवमीं सन्न 1352 ईस्वीं 06.12.1295 को सती हुई थी।
श्री दादी सती का जन्म संवत 1638 वि. कार्तिक शुक्ला नवमीं दिन मंगलवार रात 12 बजे के पश्चात डोकवा गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम सेठ श्री गुरसामल जी था।
इनका नाम नारायाणी बाई रखा गया था। ये बचपन में धार्मिक व सतियो वाले खेल खेलती थी। बड़े होने पर सेठ जी ने उन्हे धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ शस्त्र शिक्षा व घुड़सवारी की शिक्षा भी दिलाई थी। बचपन से ही इनमे दैविक शक्तियाँ नज़र आती थी, जिससे गाँव के लोग आश्चर्य चकित थे।
नारायाणी बाई का विवाह हिस्सर राज्य के सेठ श्री ज़ालीराम जी के पुत्रा तनधन दास जी के साथ मंगसिर शुक्ला नवमीं सन्न 1352 मंगलवार को बहुत ही धूम धाम से हुआ था।
राणी सती ऐसे पहुंचे :
झुंझुनू बस स्टैंड से रानी सती मंदिर के लिए ऑटो रिक्शा लें। दूरी तीन किलोमीटर है। ऑटो रिक्शा वाले 10 रुपये किराया लेते हैं। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 2 किलोमीटर है। वहीं शहर के गांधी चौक से मंदिर की दूरी महज एक किलोमीटर है। आप ऑटो रिजर्व करके भी मंदिर जा सकते हैं। अगर एक दिन रुकना है तो रानी सती मंदिर के स्वागत कक्ष पर आवास के लिए भी आग्रह कर सकते हैं।
Shree Rani Sati Dadi Mandir, Jhunjhunu Address :
Rani sati mandir, Chobari Mandi Colony, Jhunjhunu, Rajasthan 333001
राणी सती आरती :
यहाँ हम आपको
राणी सती दादी की आरती बता रहे है जिसे आप सुबह - शाम मन में दोहराएंगे तो आपको शीघ्र ही लाभ का अवसर मिलने लगेगा और मन को शांति मिलेगी।
ॐ जय श्री राणी सती माता,
मैया जय राणी सती माता ।
अपने भक्त जनन की,
दूर करन विपत्ती ॥
ॐ जय श्री राणी सती माता,
मैया जय राणी सती माता ॥
अवनि अननंतर ज्योति अखंडीत,
मंडितचहुँक कुंभा ।
दुर्जन दलन खडग की,
विद्युतसम प्रतिभा ॥
ॐ जय श्री राणी सती माता,
मैया जय राणी सती माता ॥
मरकत मणि मंदिर अतिमंजुल,
शोभा लखि न पडे ।
ललित ध्वजा चहुँ ओरे,
कंचन कलश धरे ॥
ॐ जय श्री राणी सती माता,
मैया जय राणी सती माता ॥
घंटा घनन घडावल बाजे,
शंख मृदुग घूरे ।
किन्नर गायन करते,
वेद ध्वनि उचरे ॥
ॐ जय श्री राणी सती माता,
मैया जय राणी सती माता ॥
सप्त मात्रिका करे आरती,
सुरगण ध्यान धरे ।
विविध प्रकार के व्यजंन,
श्रीफल भेट धरे ॥
ॐ जय श्री राणी सती माता,
मैया जय राणी सती माता ॥
संकट विकट विदारनि,
नाशनि हो कुमति ।
सेवक जन ह्रदय पटले,
मृदूल करन सुमति ॥
ॐ जय श्री राणी सती माता,
मैया जय राणी सती माता ॥
अमल कमल दल लोचनी,
मोचनी त्रय तापा ।
त्रिलोक चंद्र मैया तेरी,
शरण गहुँ माता ॥
ॐ जय श्री राणी सती माता,
मैया जय राणी सती माता ॥
या मैया जी की आरती,
प्रतिदिन जो कोई गाता ।
सदन सिद्ध नव निध फल,
मनवांछित पावे ॥
ॐ जय श्री राणी सती माता,
मैया जय राणी सती माता ।
अपने भक्त जनन की,
दूर करन विपत्ती ॥
Vishva ki Pratham sacchi kaun si thi