Prithak Nirvaachan Pranali पृथक निर्वाचन प्रणाली

पृथक निर्वाचन प्रणाली



Pradeep Chawla on 12-05-2019

पृथक निर्वाचन-मंडल और आरक्षित चुनाव-क्षेत्र के बीच निम्नलिखित अंतर है:-



स्वतंत्रता के पूर्व भी इस विषय पर बहस हुई थी और ब्रिटिश सरकार ने‘पृथक-निर्वाचन मंडल’ की शुरूआत की थी। इसका अर्थ यह था कि किसी समुदाय के प्रतिनिधि के चुनाव में केवल उसी समुदाय के लोग वोट डाल सकेगें। संविधान सभा के अनेक सदस्यों को इस पर शंका थी। उनका विचार था कि यह व्यवस्था हमारे उद्देश्यों को पूरा नहीं करेगी।



इसलिए, आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों की व्यवस्था को अपनाया गया। इस व्यवस्था के अंतर्गत, किसी निर्वाचन क्षेत्रा में सभी मतदाता वोट तो डालेंगे लेकिन प्रत्याशी केवल उसी समुदाय या सामाजिक वर्ग का होगा जिसके लिए वह सीट आरक्षित है।



संविधान निर्माताओं ने पृथक निर्वाचन-मंडल को इसलिए स्वीकार नहीं किया क्योंकि :-



अनेक ऐसे सामाजिक समूह हैं जो पूरे देश में फैले हुए हैं। किसी एक निर्वाचन क्षेत्र में उनकी इतनी संख्या नहीं होती कि वे किसी प्रत्याशी की जीत को प्रभावित करसके। लेकिन पूरे देश पर नजर डालने पर वे अच्छे खासे बड़े समूह के रूप में दिखाई देते हैं। उन्हें समुचित प्रिनिधित्व देने के लिए आरक्षण की व्यवस्था जरूरी हो जातीहै। संविधान अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए लोक सभा और राज्य की विधान सभाओं में आरक्षण की व्यवस्था करता है। प्रारंभ में यह व्यवस्था 10वर्ष के लिए की गई थी पर अनेक सवैधानिक संशोधनों द्वारा इसे बढ़ा कर 2010 तक कर दिया गया है। आरक्षण की अवधि खत्म होने पर संसद इसे और आगे बढ़ाने का निर्णय ले सकती है। इन दोनों समूहों की आरक्षित सीटों का वही अनुपात है जो भारतकी जनसंख्या में इनका अनुपात है। आज लोकसभा की 543 निर्वाचित सीटों में 79अनुसूचित जाति और 41 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।



Q6. निम्नलिखित में कौन-सा कथन गलत है? इसकी पहचान करें और किसी एक शब्द अथवा पद को बदलकर, जोड़कर अथवा नये क्रम में सजाकर इसे सही करें।



(क) एक फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट प्रणाली (‘जो सबसे आगे वही जीते प्रणाली’) का पालन भारत के हर चुनाव में होता है।



उत्तर : यह कथन गलत है क्योंकि पी.टी.पी.प्रणाली का प्रयोंग हर समय नहीं होता हैं | राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, व राज्य सभा के सदस्यों का चुनाव एकल मत प्रणाली के द्वारा होता है | अन्य चुनावों में पी.टी.पी. प्रणाली का पालन होता है |



(ख) चुनाव आयोग पंचायत और नगरपालिका के चुनावों का पर्यवेक्षण नहीं करता।



उत्तर : यह कथन सही है |



(ग) भारत का राष्ट्रपति किसी चुनाव आयुक्त को नहीं हटा सकता।




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Comments Seema vishwas on 03-11-2022

Prithak nirvachan mandal Bharat me kisne prarmbh kiya

Radhika on 27-02-2022

Prthak nirvachika Ki mang ka Gandhi Ji na virodh kyon kiya

NAVRATAN JAT on 11-04-2021

पृथक निर्वाचन क्षेत्रो को प्रदान करने से हम ड्रेगन की दांतों कि बुआई कर रहें है और इसकी उपज कड़वी होगी किसका कथन है ?


खूशी on 30-03-2021

चूनाव किसे कहते है

सन्तोष on 25-03-2021

पृथक निर्वाचन प्रणाली क्या है





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