Hameer Hath Ki Rachana Kisne Ki हमीर हठ की रचना किसने की

हमीर हठ की रचना किसने की



GkExams on 28-10-2018

हम्मीर हठ प्रंबधकाव्य के रचियता चन्द्रशेखर कवि थे। इनका जन्म संवत् 1855 में मुअज्जमाबाद जिला फतेहपुर मे हुआ था, इनके पिता मनीराम जी भी एक अच्छे कवि थे। चन्द्रशेखर कुछ दिनों तक दरभंगा और 6 वर्ष तक जोधपुर नरेश महाराज मानसिंह के यहाँ रहे और अंत में यह पटियाला नरेश कर्मसिंह के यहाँ गए और जीवन भर पटियाला में ही रहे। इनका देहांत संवत् 1932 में हुआ था। इनका हम्मीर हठ प्रंबधकाव्य हिन्दी के वीरगाथा काल की कालजयी अनमोल रचना मानी जाती है। हम्मीर हठ में चन्द्रशेखर ने श्रेष्ठ प्रणाली का अनुसरण करते हुए वास्तविकता को दर्शाया है, कवि ने हम्मीरशरणागतणागत के प्रति निष्ठावान होने का अच्छा खासा प्रभाव इस ग्रंथ डालाडाला है। कवि ने हम्मीर के लिए लिखा है कि महाकाव्य उनके लिखे जाते हैं जो महान होते है और तिरिया तेल हम्मीर हठ, चढ़े न दूजी बार जैसे वाक्य महान व्यक्तियों की शोभा बढ़ाते हैं। चन्द्रशेखर कवि द्वारा लिखित कुछ पद्य जो हम्मीर हठ प्रंबधकाव्य में अंकित है-
[1]
उदै भानु पच्छिम प्रतच्छ, दिन चंद प्रकासै।
उलटि गंग बरू बहै, काम रति प्रीति बिवासै।।
तजै गौरि अरधांग, अचल धारू आसन चलै।
अचल पवन बरू होय, मेरू मंदर गिरि हल्लै।।
सुर तरू सुखाय लौमस मरै, मीर संक सब परिहरौ।
मुख बचन वीर हम्मीर को, बोलि न यह कबहुँ टरौ।।
[2]
आलम नेवाज सिरताज पातसाहन के,
गाज ते दराज कोप नजर तिहारी है।
जाके डर डिगत अडोल गढ़धारी डग,
मगत पहार औ डुलति महि सारी है।
रंक जैसो रहत ससंकित सुरेश भयो,
देस देसपति में अतंक अति भारी है।
भारी गढ़ धारी सदा जंग की तयारी,
धाक मानै ना तिहारी या हम्मीर हठ धारी है।
[3]
भागै मीरजादे पीरजादे औ अमीरजादे,
भागै खानजादे प्रान मरत बचाय कै।
भागै गज बाजि रथ पथ न संभारै, परेै,
गोलन पै गोल सूर सहिम सकाय कै।
भाग्यो सुलतान जान बचत न जानि बेगि,
बलित बितुंड पै विराजि बिलखाय कै।
जैसे लगे जंहल में ग्रीष्म की आगि,
चलै भागि मृग महिष बराह बिललाय कै।
[4]
थोरी थोरी बैसवारी नवल किसौरी सबै,
भोरी भोरी बातन बिहँसि मुख मोरती।
बसन बिभुषन बिराजत बिमल वर,
मदन मरोरनि तरिक तन तोरती।
प्यारै पातसाह के परम अनुराग रंगी,
चाय भरी चायल चपल दृग जोरती।
काम अबला सी कलाधार की कला सी,
चारू चंपक लता सी चपला सी चित चोरती।


GkExams on 12-05-2019

हमीर हठ ग्रंथ के लेखक राव सुर्जन हाडा के आश्रित कवि चंद्रशेखर ने की थी।



सम्बन्धित प्रश्न



Comments Deepak Kumar on 15-07-2023

What a mean of shinh savan satpurush vachan, kadli falt ik Bar tiriya-tel,hamir Hath chade na duji bar

Amit kumar yadav on 01-09-2022

Hameer hath kiss prakar ki rachna hy?

Santosh on 08-08-2022

Thanks for you.


Hammir hatt ke rachiyta on 25-11-2021

Hammir hatt ke rachiyta chandrashekara the

Kalulal मीना on 05-04-2021

क्या बाबू हरिश्चन्द्र भारतेन्दु ने हम्मीर हठ नामक उपन्यास लिखा है?





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