आर्थिक नियोजन के लाभ
GkExams on 17-11-2018
डी0 आर0 गाडगिल के अनुसार - ‘‘आर्थिक विकास के लिए आयोजनका अर्थ योजना प्राधिकरण है, जो अधिकांश अवस्थाओं में राज्य कीसरकार ही होती है, जिसके द्वारा आर्थिक क्रिया का बाह्य निर्देशन कियाजाता है।’’ अधिकांश राष्ट्रों द्वारा आर्थिक नियोजन अपनाए जाने की आवश्यकतानिम्न कारणों से उत्पन्न हुर्इ-
- आर्थिक विचारधारा (Economic Outlook) - विश्व मेंसमाजवाद के विकास ने आर्थिक नियोजन के विचार को औरअधिक प्रभावित किया। वर्तमान समय में पूंजीवादी देशों मेंपूंजीवाद के दोषों को दूर करने के उद्देश्य से तथा समाजवादीराष्ट्रों में समाजवाद के सिद्धान्त अपनाने के उद्देश्य से आर्थिकनियोजन का उपयोग बढ़ रहा है। आर्थिक उच्चावचन(Economic Fluctuations) के द्वारा उत्पन्न हुर्इ आर्थिककठिनाइयों का निवारण करने हेतु राजकीय हस्तक्षेप (StateIntervention) की आवश्यकता होती है।
- अर्द्ध-विकसित राष्ट्रा्रें की स्वतन्त्रता (Freedom of UnderdevelopedCountries) - द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात्एशिया व अफ्रीका के कर्इ उपनिवेशों को स्वतन्त्रता प्राप्त हुर्इजिससे वहाँ की जनता में आर्थिक विकास की भावना जागृतहुर्इ इससे वहाँ सरकारी हस्तक्षेप एवं आर्थिक नियोजन कोमहत्व दिया गया। देश के तीव्र विकास के लिए नियोजनकी नीति को अपनाया जाना एक आवश्यक अंग बन गयाहैं।
- स्वतन्त्र उपक्रम एवं पूँजीवाद के दोष ;Defects of FreeEnterprise and Capitalism) - प्रारम्भ में पूँजीवादी आर्थिकप्रणाली विश्व के समस्त साधनों का अपव्यय, धन का असमानवितरण, व्यापारिक उतार-चढ़ाव आदि। इन्हीं दोषों के कारणनियोजन की आवश्यकता अनुभव की गयी। देश के आर्थिकविकास के लिए नियन्त्रण प्रणाली को अपनाना आवश्यक थाजो नियोजन द्वारा सम्भव हो सकता था। पूँजीवादी के दोषोंको दूर करने की दृष्टि से ही नियोजन की नीति का पालनकिया गया। प्रोव्म् डार्बिन के अनुसार-नियोजन की पूँजीवादके दोषों को दूर करने का एकमात्र साधन एवं आशा प्रस्तुतकरता है।’’ "Planning provides a hope and means ofremedying capitalism." - E.F,M. Durbin
आर्थिक नियोजन का महत्व
वर्तमान युग नियोजन का युग है। रोबिन्स ने स्पष्टत: कहा है-‘अभी हम भले ही समाजवादी न हो, परन्तु लगभग सभी निश्चित रूप से समर्थकहै।’’ डर्बिन के शब्दों में-’आज हम सभी योजना निर्माता है। वास्तव में नियोजनउन सभी विषयों में से एक हैं जिस पर आज कोर्इ वाद-विवाद नहीं किया जासकता है।’’आधुनिक समय में आर्थिक नियोजन का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ गया हैइसलिये विश्व के अधिकांश राष्ट्र तीव्र आर्थिक विकास के लिये नियोजन का हीसहारा लेते है। विशेष रूप से अविकसित एवं विकासशील देशों के लिये नियोजनका विशेष महत्व है जिसके प्रमुख कारण है :-
- सीमित साधनों का समुचित उपयोग (Proper Utilization of limitedResources)- अर्द्ध-विकसित देशों में साधन सीमित, अपूर्ण एवं आयोग्यहोते हैं जिससे तीव्र गति से विकास करना सम्भव नहीं हो पाता है।अत: सीमित साधनों का अधिकतम उपयोग करने के लिए योजनाबद्ध कार्यक्रमका निर्माण करना आवश्यक हैं।नियोजित अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत साधनों का उपयोग करते समय उनकीमाँग और पूर्ति में समन्वय स्थापित करने का प्रयास किया जाता है।प्रोव्म् चाल्र्स बैटल हीम के शब्दों में- ‘‘एक नियोजित अर्थव्यवस्था के अन्तर्गतस्त्रोतों के निर्धारण एवं शोषण के सम्बन्ध में सन्तुलित एवं विवेकपूर्ण दृष्टिकोणअपनाए रखना, नियोजन अधिकारी का प्रमुख कर्तव्य माना जाता है।’’
- निर्णय एवं कार्य प्रणाली में समुचित समन्वय (Proper Co-ordinationin Decision and Working)- एक नियोजित अर्थव्यवस्था में केन्द्रीयनियोजन सत्त्ाा द्वारा जो निर्णय लिए जाते हैं वे विवेकपूर्ण तथा अर्थिकदृष्टि से न्याय संगत होते हैं। साधनों का आवंटन पूर्व निश्चित उद्देश्योंएवं प्राथिमिकताओं के आधार पर किया जाता है। अनियोजित अर्थव्यवस्थाको बन्द आँखो वाली अर्थव्यवस्था ;Economy with closed Eyes) कहाजाता है। प्रो0 डर्बिन के अनुसार-’’अनियोजित अर्थव्यवस्था के अन्तर्गतलिए गये निर्णय पूर्णत: भ्रमात्मक, लघुदश्र्ाी, अविवेकपूर्ण तथा समाजिकपतन के समरूप होते हैं।’’ नियोजित अर्थव्यवस्था इन सब दोषों से मुक्तहोती है और इसलिए वह अनियोजित अर्थव्यवस्था से श्रेष्ठ है तथा इसकामहत्व ज्यादा होता है।"In this and a thousand other ways the decisions taken in anunplanned economy must be short-sighted, irrational, selffrustratingandsocially disastrous." - E.F.M. Durbin
- आर्थिक एवं सामाजिक विषमताओं पर रोक Check on Economicandsocial Inequality)- ( आर्थिक एवं सामाजिक विषमताओं को कमकरने की दृष्टि से भी नियोजित अर्थव्यवस्था का महत्व अधिक है। नियोजनसे अर्थव्यवस्था में आय एवं धन का समान एवं न्यायपूर्ण वितरण होताहैं जिसके कारण आर्थिक विषमताएँ कम होने लगती हैं। इसके अतिरिक्तशिक्षा एवं प्रगति के समान अवसर प्रदान किये जाते हैं।
- उत्त्पति के साधनों का समुचित वितरण्k (Proper Distributionof Resources)- नियोजन द्वारा अर्थव्यवस्था में उत्त्पति के साधनों कावितरण सामाजिक माँग को ध्यान में रखकर किया जाता है और निजीहित के स्थान पर सामाजिक हित को अधिक महत्व दिया जाता है।
- तीव्र आर्थिक विकास (Rapid Economic Growth)- आर्थिक नियोजनकी तकनीक को अपनाकर विकास की दर में तीव्र वृद्धि की जा सकतीहै। इसका कारण यह है कि नियोजन द्वारा अर्थव्यवस्था उत्पत्ति केसाधनों का आवंटन नियोजन अधिकारियों के विवकेपूर्ण निर्णयों केआधार पर ही होता है।
- संतुलित विकास (Balanced Growth)- किसी भी देश की अर्थव्यवथाके सन्तुलित विकास के लिए नियोजन का बहुत महत्व है। नियोजनद्वारा अर्थव्यवस्था में एक क्षेत्र का विकास दूसरे क्षेत्रों के विकास के साथइस प्रकार समन्वित होता है कि अर्थव्यवस्था का सन्तुलित विकास होसके।
- पूँजी निर्माण में वृद्धि (Increase in Capital Formation)- नियोजनद्वारा अर्थव्यवस्था में पूँजी निर्माण की दर अधिक होती है। इसका कारणयह हैं कि नियोजन द्वारा इसके लिए राष्ट्रीय आय का कुछ न कुछभाग बचत के रूप में अवश्य रखा जाता है जिससे पूंजी निर्माण कीदर में वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त सार्वजनिक उपक्रमों से प्राप्त बचतोंका पुर्नविनियोजन किया जाता है।
- सार्वजनिक वित्त ;Public Finance)- वर्तमान समय में आर्थिक तथासामाजिक कार्यों का अधिकाधिक उतरदायित्व सरकार के कन्धों पर होताहै। सरकार कर लगाकर जनता से प्राप्त धनराशि को सार्वजनिक वित्तके कार्यों में व्यय कर देती है। जनता से प्राप्त धन का उचित उपयोगयोजनाबद्ध ढंग से ही सम्भव हो सकता है।
- जनसंख्या में वृद्धि (Increase in Population) - विश्व में बढ़तीजनसंख्या की समस्या के समाधान के लिए आर्थिक विकास के महत्वको अनुभव किया जा सकता है तथा आर्थिक वृद्धि को समझा जा सकताहै। भोजन का प्रबन्ध करते समय जनसंख्या पर नियन्त्रण लगाने पर भीनियोजन द्वारा जोर दिया जाता है जिससे देश का आर्थिक विकास तीव्रगति से हो सके।
Comments
Answer de on 04-12-2023
Pooja on 19-11-2023
अ on 17-07-2023
Poonam Singh on 22-01-2023
Pranali bhoyar on 03-07-2022
Khushi mishra on 30-06-2022
Shaleeni on 23-05-2022
Kiran on 15-03-2022
Anju on 10-01-2020
Arthik niyojan ke kinhi 4 labh ka varnan kijiye
Anurag Mishra on 09-03-2020
Arthik niyojan ke quality and dos bateiye
Triveni rao on 23-04-2020
Arthik niyojan ke kinhi char labh ka varnan kijiye
Minakshi on 26-04-2020
Lata kon he usne Kiya sikayat Ki
Rina verma
on 08-10-2020
Aarthik niyojan ke labh bataiye
Anjali on 22-05-2021
Monika rajput on 30-05-2021
Arthik nivojan kiKi Koyi 4labh ka varnan kijiye
अभय on 07-06-2021
Arthik niyojan ke Labh on 06-03-2022
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Arthik niyojan ke labh 4