मध्यप्रदेश राज्य के बारें में (About Madhya Pradesh In Hindi) : भारत के इस राज्य की राजधानी भोपाल शहर है। इस राज्य का कुल क्षेत्रफल 308,245 वर्ग किलोमीटर है। मध्य प्रदेश की सीमाऐं पाँच राज्यों की सीमाओं से मिलती है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात, तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है।
वर्ष 2011 के आंकड़ों के अनुसार यहाँ की कुल आबादी 7.33 करोड़ (MP Total Population) है। जिनमे से 90.9% लोग हिंदू धर्म को मानते हैं, जबकि अन्य में मुस्लिम (6.6%), जैन(1%),ईसाई (0.3%), बौद्ध (0.3%), और सिख (0.2%) आदि आते है।
आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की 01 नवंबर, 2000 तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इसके बाद इस दिन मध्यप्रदेश राज्य से 16 जिले अलग कर छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना हुई थी।
मध्यप्रदेश का नक्शा :
उपरोक्त तस्वीर के माध्यम से आप मध्यप्रदेश का नक़्शे
(mp map hd) को आसानी से समझ सकते है।
मध्यप्रदेश का इतिहास :
इस राज्य के इतिहास
(History Of Madhyapradesh In Hindi) के बारें में बात करें तो हमारे देश का संविधान लागु होने के बाद इसके बाद वर्ष 1951-1952 में देश में पहले आम चुनाव कराए गए। जिसके कारण संसद एवं विधान मण्डल कार्यशील हुए। प्रशासन की दृष्टि से इन्हें श्रेणियों में विभाजित किया गया। सन् 1956 में राज्यों के पुर्नगठन के फलस्वरूप 1 नवंबर, 1956 को नए राज्य के रूप में मध्य प्रदेश का निर्माण हुआ।
इस प्रदेश का पुर्नगठन भाषीय आधार पर किया गया था। इसके घटक राज्य मध्य प्रदेश, मध्य भारत, विन्ध्य प्रदेश एवं भोपाल थे जिनकी अपनी विधानसभाएं थीं। इस राज्य का निर्माण तत्कालीन सीपी एंड बरार, मध्य भारत, विंध्यप्रदेश और भोपाल राज्य को मिलाकर हुआ। इसे पहले मध्य भारत के नाम से भी जाना जाता था।
1 नवंबर, 1956 को प्रदेश के गठन के साथ ही इसकी राजधानी औऱ विधानसभा का चयन भी कर लिया गया। भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी के रूप में चुन लिया गया। दरअसल हुआ यूँ की राज्य के गठन के बाद सबसे बड़ी परेशानी यही सामने आ रही थी कि राज्य की राजधानी किस बड़े शहर को बनाया जाए।
इस दौड़ में मध्यप्रदेश के बड़े शहरों में कड़ी टक्कर हुई जिसमें ग्वालियर, इंदौर, भोपाल, एवं आखिर में जबलपुर जैसे शहरों का नाम जोरो से उठा। परंतु भोपाल शहर में सबसे ज्यादा सरकारी इमारतें होने और यहां के बढ़ते विरोध के कारण सरदार पटेल ने अंत में भोपाल शहर को मध्य प्रदेश की राजधानी घोषित किया गया।
राजधानी बनने के बाद 1972 में भोपाल को जिला घोषित कर दिया गया। सन् 1998 आते-आते मध्य प्रदेश ने अपनी जरूरत के अनुसार जिलों की संख्या बढ़ाकर 61 तक कर लिया था। परंतु अक्टूबर माह सन 2000 में मध्य प्रदेश से 16 जिलों को निकालकर छत्तीसगढ़ नाम के नए राज्य का निर्माण किया गया। ध्यान रहे की आज के समय में मध्य प्रदेश में कुल 52 जिले
(madhya pradesh districts) हैं।
मध्यप्रदेश के जिले :यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा मध्यप्रदेश के कुल 52 जिलों के नाम
(How many Districts In MP) से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...
1. अगर मालवा
2. अलीराजपुर
3. अनुपपुर
4. अशोक नगर
5. बलाघाट
6. बरवानी
7. बेतुल
8. भिंड
9. भोपाल
10. बुरहानपुर
11. छतरपुर
12. छिन्दवाड़ा
13. दमोह
14. दतिया
15. देवास
16. धर
17. दिंडोरी
18. गुना
19. ग्वालियर
20. हरदा
21. इंदौर
22. जबलपुर
23. झाबुआ
24. कटनी
25. खंडवा
26. खरगोन
27. मंडला
28. मंदसौर
29. मोरेना
30. नर्मदापुरम
31. नरसिंहपुर
32. नीमच
33. निवारी
34. पन्ना
35. रायसेन
36. राजगढ़
37. रतलाम
38. रेवा
39. सागर
40. सतना
41. सेहोरे
42. सोनी
43. शहडोल
44. शाजापुर
45. श्योपुर
46. शिवपुरी
47. सीधी
48. सिंगरौली
49. टीकमगढ़
50. उजैन
51. उमरिया
52. विदिशा
मध्य प्रदेश के स्टेडियम :
यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा मध्य प्रदेश के प्रमुख खेल स्टेडियम के नाम एवं उनके स्थान
(MP Stadium List) से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...
रानीताल क्रिकेट स्टेडियम - जबलपुर पंडित रविशंकर शुक्ल स्टेडियम - जबलपुर ऐशबाग स्टेडियम - भोपाल नेहरू स्टेडियम - इंदौर होल्कर स्टेडियम - इंदौर तात्या टोपे स्टेडियम - भोपाल अभय खेल प्रशाल - इंदौर ठाकुर रणमत सिंह स्टेडियम - रीवा रूप सिंह स्टेडियम - ग्वालियर