Kaun Saa SanVidhik Nikay Hai कौन सा सांविधिक निकाय है

कौन सा सांविधिक निकाय है



Pradeep Chawla on 14-10-2018


वतंत्रता के बाद से भारत में नई एजेंसियों का तेजी से विस्तार हुआ है। सरकार के नए-नए उत्तरदायित्वों और कार्यों की जटिलता के कारण इन एजेंसियों का गठन आवश्यक हो जाता है। केंद्र और राज्य सरकारों ने ने परीक्षाएं आयोजित करने, लोक उपयोगी सेवाएं उपलब्ध कराने और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कई निकायों, जिनमें संवैधानिक, सांविधिक, नियामकीय, अर्ध-न्यायिक इत्यादि शामिल हैं, का गठन किया है। इन निकायों को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है।

सत्ता की प्रकृति के आधार पर सलाहकारी आयोग, नीति निर्धारक आयोग एवं नीति-निर्धारण एवं अधिशासी कृत्य वाले आयोग शामिल होते हैं। दूसरी ओर विधिक स्थिति के आधार पर संविधान द्वारा स्थापित निकाय, विशेष विधानों के तहत् स्थापित आयोग एवं सरकारी प्रस्तावों के आधार पर स्थापित आयोग शामिल किए जाते हैं।


संवैधानिक निकाय


ऐसे निकाय जिनका गठन स्वयं संविधान द्वारा या जिनके गठन के लिए राष्ट्रपति को सक्षम बनाया जाता है, संवैधानिक संस्था कहा जाता है। इन निकायों के सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इन्हें पर्याप्त पद सुरक्षा प्रदान की गई है, और इन्हें संविधान में निर्दिष्ट विधियों के अतिरिक्त किसी अन्य तरीके से अपने पद से नहीं हटाया जा सकता है। इनकी रिपोर्टों को संसद के दोनों सदनों में रखा जाता है। प्रमुख संवैधानिक निकाय इस प्रकार हैं-

  1. वित्त आयोग (अनुच्छेद-280)
  2. संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद-315)
  3. चुनाव आयोग (अनुच्छेद-324)
  4. पिछड़ा वर्ग आयोग (अनुच्छेद-340)
  5. राजभाषा आयोग (अनुच्छेद-344)
  6. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (अनुच्छेद-338)
  7. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (अनुच्छेद-338 (क))

संविधिक निकाय


संविधिक निकाय वह है जिसे संसद के अधिनियम या राज्य विधान द्वारा गठित किया जाता है। इसकी स्थापना प्रायः विशेष कार्यों को करने के लिए की जाती है जिनमें सरकार का मानना है कि परम्परागत विभागीय संरचना से बाहर अत्यधिक प्रभावपूर्ण तरीके से निष्पादन हो सके।


संविधिक निकायों में मंत्रिमण्डलीय नियंत्रण उनके अधिनियम में उल्लिखित प्रावधानों के अनुपात में होता है। मंत्रीगण सभी सरकारी बोर्ड एवं एजेंसियों के प्रचालन के लिए संसद के प्रति उत्तरदायी होते हैं और यह आवश्यक है कि उनके पोर्टफोलियो के भीतर संसद के समक्ष उनके कायों की वार्षिक रिपोर्ट रखी जाए।

हालाँकि यह मान्यता है की सांविधिक निकायों का गठन सरकार से एक स्तर तक स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है, लेकिन फिर भी, सरकार इन निकायों के प्रचालन पर करदाताओं के लगने वाले पैसों के प्रभावी, दक्ष एवं मितव्ययी तरीके को सुनिश्चित कर सकती है।


विभिन्न संविधिक निकायों की लागू विधियों में भी अंतर होता है। प्रत्येक संविधिक निकाय स्वयं के विधि द्वारा निर्देशित होता है, साथ ही अन्य विधानों के प्रावधानों से भी नियंत्रित होता है जो सभी संविधिक निकायों के लिए समान हैं।


एक सांविधिक निकाय का संसद के एक अधिनियम द्वारा सामान्य बहुमत सेउन्मूलन किया जा सकता है। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी), केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सीएटी), इत्यादि संविधिक निकायों के उदाहरण हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 323ए में उल्लिखित है कि, संसद, विधि द्वारा, प्रशासनिक न्यायाधिकरणों द्वारा अधिनिर्णयन या ट्रायल का प्रावधान कर सकती है। इसका आशय है कि संसद या केंद्र सरकार पर कैट की नियुक्ति के लिए विधि बनाने की कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है।


प्रसंगवश, संवैधानिक निकायों का संविधान द्वारा प्रावधान किया जाता है और इनका उन्मूलन संविधान के उस हिस्से का संशोधन किए बिना नहीं किया जा सकता। चुनाव आयोग, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक,पंचायत, अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग, इत्यादि संवैधानिक निकाय हैं।


नियामकीय निकाय


नियामक निकाय या नियामक एजेंसी एक सार्वजनिक प्राधिकरण या सरकारी एजेंसी होती है जो नियामकीय या पर्यवेक्षणीय क्षमता के तहतू मानव गतिविधियों के कुछ क्षेत्रों पर स्वायत्त प्राधिकरण हेतु उत्तरदायी होती है। एक स्वतंत्र नियामक एजेंसी वह एजेंसी है जो सरकार की अन्य शाखाओं या विभागों से स्वतंत्र होती है।


नियामक निकाय प्रायः सरकार की कार्यकारी शाखा का एक हिस्सा होती है, या उन्हें विधि शाखा से दृष्टि लेकर कार्य करने का संविधिक प्राधिकार होता है। उनके कृत्यों की आमतौर पर कानूनी समीक्षा हो सकती है। नियामक निकायों का गठन आमतौर पर मानकों एवं सुरक्षा लागू करने, या सार्वजनिक वस्तुओं के प्रयोग को देखने और वाणिज्य का नियमन करने के लिए किया जाता है।


नियामक निकायप्र शासनिक कानून-विनियमन या कानून-निर्माण (नियमों को संहिताबद्ध एवं लागू करना और पर्यवेक्षण का विनियमन एवं आरोपण करना या लोगों के हित एवं लाभ का ध्यान रखना) के क्षेत्र में कार्य करते हैं। प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई), बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) इत्यादि।


अर्द्ध-न्यायिक निकाय


एध न्यायिक निकाय ए ऐसा संगठन है जिसे क़ानूनी न्यायालय की शक्तियां प्राप्त होती हैं और समस्या का समाधान निकलने के योग्य होता है या एक व्यक्ति या संगठन पर कानूनी दंड आरोपित करता है। ऐसा निकाय प्रायः अनुशासन भंग करने आचार नियमों का उल्लंघन करने धन एवं अन्य मामलों में विश्वास भंग करने जैसे मामलों में अधिनिर्णयन की शक्ति रखता है। इनकी शक्तियां अक्सर एक क्षेत्र विशेष तक सीमित होती हैं।


पुरस्कार एवं निर्णय अक्सर पूर्व-निर्धारित निर्देशीं पर आधारित होते हैं या दंड दिए जाने वाले अपराध की प्रकृति एवं गहनता पर निर्भर होता है। ऐसे दंड को देश के कानून के तहत् लागू किया जा सकता है, इसे न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है, जो अंतिम निर्णायक प्राधिकरण है।


यह निकाय न्यायालयों पर काम के बोझ को कम करते हैं। न्यायालयों में लंबे समय से लंबित मामले और निपटान में अनावश्यक विलंब ने भारत की कानून-व्यवस्था की विश्वसनीयता का ह्रास किया है। इसके चलते कई अर्द्ध-न्यायिक निकायों का गठन किया गया। है। न्यायालयों की तुलना में इन निकायों में कम समय में केस का निपटान हो जाता है। असंतुष्ट पक्ष न्यायालय में अपील कर सकता है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई), आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण, इत्यादि अर्द्ध-न्यायिक निकायों के उदाहरण हैं।






Comments Sheetal on 30-01-2024

savedhik nikaye kon kon se he jese rashtriye mahila aayog aadi

Yalish hashmi on 02-10-2022

Syndicate maisie concert so with honey creek i guess we cry your nile youre amazing woman

अरुण कुमार on 09-03-2022

भारत मे सांविधिक निकाय कौन कौन से है


A on 21-02-2022

Alpdekar me hota hai

satyam singh on 15-01-2022

सविधान सभा का विचार सबसे पहले किसने दिया था





नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment