अलाउद्दीन को आर्थिक सुधारों की आवश्यता इसलिए महसूस हुई, क्योंकि उसे अपने साम्राज्य विस्तार की महात्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए एवं निरन्तर हो रहे मंगोल आक्रमणों के कारण एक विशाल सेना की आवश्यकता थी। फ़रिश्ता के अनुसार सुल्तान के पास लगभग 50,000 दास थे, जिन पर अत्यधिक ख़र्च होता था। इन तमाम ख़र्चों को दृष्टि में रखते हुए अलाउद्दीन ने एक नई आर्थिक नीति का निर्माण किया। अलाउद्दीन के आर्थिक सुधारों में सेना की भूमिका महत्त्वपूर्ण थी। अलाउद्दीन ख़िलजी की आर्थिक नीति के विषय में हमें व्यापक जानकारी जियाउद्दीन बरनी की कृति तारीख़े-फ़िरोजशाही से मिलती है। अलाउद्दीन ख़िलजी के आर्थिक सुधारों के अंतर्गत मूल्य नियंत्रण के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी अमीर खुसरों की पुस्तक ‘खजाइनुल-फुतूह’, इब्न बतूता की पुस्तक ‘रेहला’ एवं इसामी की पुस्तक ‘फुतूह-उस-सलातीन’ से भी मिलती है। अलाउद्दीन का मूल्य नियंत्रण केवल दिल्ली भू-भाग में लागू था या फिर पूरी सल्तनत में, यह प्रश्न काफ़ी विवादास्पद है। मोरलैण्ड एवं के.एस. लाल ने मूल्य नियंत्रण केवल दिल्ली में लागू होने की बात कही है, परन्तु प्रो. बनारसी प्रसाद सक्सेना ने इस मत का खण्डन किया है। अलाउद्दीन के बाज़ार व्यवस्था के पीछे कारणों को लेकर इतिहासकारों में मतभेद है। अलाउद्दीन के समकालीन इतिहासकारों ने उसकी इस व्यवस्था के बारे में जो उल्लेख किया, उनमें कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं।
(1) जियाउद्दीन बरनी - “इन सुधारों के क्रियान्वयन के पीछे मूलभूत उद्देश्य मंगोल लोगों के भीषण आक्रमण का मुक़ाबला करने के लिए एक विशाल एवं शक्तिशाली सेना तैयार करना था।”
(2) अमीर खुसरो - “सुल्तान ने इन सुधारों को जनकल्याण की भावना से लागू किया।” अलाउद्दीन ने एक अधिनियम द्वारा दैनिक उपयोग की वस्तुओं का मूल्य निश्चित कर दिया था। कुछ महत्त्वपूर्ण अनाजों का मूल्य इस प्रकार था - गेहूँ 7.5 जीतल प्रति मन, चावल 5 जीतल प्रति मन, जौ 4 जीतन प्रति मन, उड़द 5 जीतल प्रति मन, मक्खन या घी 1 जीतल प्रति 5/2 किलो। मूल्यों की स्थिरता अलाउद्दीन की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि थी। उसने खाद्यान्नों की बिक्री हेतु ‘शहना-ए-मंडी’ नामक बाज़ार की स्थापना की थी। प्राकृतिक विपदा से बचने के लिए अलाउद्दीन ने ‘शासकीय अन्न भण्डारों’ की व्यवस्था की थी। अपनी ‘राशन व्यवस्था’ के अन्तर्गत अनाज को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने के लिए सुल्तान ने दोआब क्षेत्र से लगान अनाज के रूप में वसूल किया पर पूर्वी राजस्थान के झाइनक्षेत्र से आधी मालगुज़ारी अनाज में और आधी नकद रूप में वसूल की जाती थी। अकाल या बाढ़ के समय अलाउद्दीन प्रत्येक घर को प्रति आधा मन अनाज देता था। राशनिंग व्यवस्था अलाउद्दीन की नवीन सोच थी। मलिक-कबूल को अलाउद्दीन ने खाद्यान्न या अन्न बाज़ार का ‘शहना-ए-मंडी’ नियुक्त किया था।
सराय-ए-अदल ऐसा बाज़ार होता था, जहाँ पर वस्त्र, शक्कर, जड़ी-बूटी, मेवा, दीपक जलाने का तेल एवं अन्य निर्मित वस्तुएँ बिकने के लिए आती थी। सराय-ए-अदल विशेष रूप से सरकारी धन से सहायता प्राप्त बाज़ार था। सराय-ए-अदल का निर्माण बदायूँ के समीप एक बड़े मैदान में किया गया था। इस बाज़ार में एक टके से लेकर 10,000 टके मूल्य की वस्तुएँ बिकने के लिए आती थीं। अलाउद्दीन ने कपड़े का व्यापार करने वाले व्यापारियों को खाद्यान्न व्यापारियों की तुलना में अधिक से अधिक प्रोत्साहन दिया।
दिल्ली में आकर व्यापार करने वाले प्रत्येक व्यापारी को दीवान-ए-रियासत में अपना नाम लिखवाना पड़ता था। अलाउद्दीन के बाज़ार नियन्त्रण की पूरी व्यवस्था का संचालन ‘दीवान-ए-रियासत’ नाम का अधिकारी करता था। उसके नीचे काम करने वाले कर्मचारी वस्तुओं के क्रय-विक्रय एवं व्यवस्था का निरीक्षण करते थे। प्रत्येक बाज़ार का अधीक्षक जिसे ‘शहना-ए-मंडी’ कहा जाता था, बाज़ार का उच्च अधिकारी होता था। उसके अधीन ‘बरीद’ होते थे, जो बाज़ार के अन्दर घूम कर बाज़ार का निरीक्षण करते थे। बरीद के नीचे ‘मुनहियान’ या गुप्तचर कार्य करते थे। अधिकारियों का क्रम इस प्रकार था - दीवान-ए-रिसायत, शहना-ए-मंडी, बरीद और मुनहियान। अलाउद्दीन ने मलिक याकूब को ‘दीवान-ए-रियासत’ नियुक्त किया था।
Agriculture policy of Alauddin khilji
Alauddin khilji k aarthikh sudhar
Alauddin khilji ki bhi rajasv niti
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity
Aaluddin khilji k aarthikh sudhar