Tapaman Ke Sath - Sath Varsha Aur Vanaspati Ke Ghatkon Ke Aadhaar Par Jalwayu Ka Vargikarann Kisne Kiya ? तापमान के साथ-साथ वर्षा और वनस्पति के घटकों के आधार पर जलवायु का वर्गीकरण किसने किया ?

तापमान के साथ-साथ वर्षा और वनस्पति के घटकों के आधार पर जलवायु का वर्गीकरण किसने किया ?



Kanha Kumar on 17-07-2020

जर्मन ब्लादिमीर कोपेन राइट Ans


Comments satveer yadav on 21-07-2020

हे भगवान...

Akbar Ali on 21-07-2020

Omg...

Adarsh Mavi on 20-07-2020

क्लाइमेट विश्व का भूगोल जलवायु और उसका वर्गीकरण क्लाइमेट एण्ड इट्स क्लासिफिकेशन जुलाई 2,2015 admin 13075 Views 2 Comments किसी स्थान के वायुमण्डलीय दाव,तापमान,आर्द्रता,वायुदाब,मेघ,वर्षा,पवन प्रवाह,पवन दिशा आदि की औसत दशा को जलवायु तथा मौसम के तत्व कहते हैं। मौसम और जलवायु वैदर एण्ड क्लाइमेट फिन्च और ट्रिवार्या ने अपनी पुस्तक एलिमेंट्स ज्योग्राफी में मौसम और जलवायु के अन्तर को स्पष्ट किया है । उनके अनुसार थोड़े समय के लिए किसी स्थान की वायुमण्डल की अवस्थाओं (तापमान,वायुदाब,आर्द्रता,वर्षा एवं हवाओं) के कुल योग को मौसम (वैदर) कहा जाता है । मौसम निरन्तर व प्रतिदिन परिवर्तनशील रहता है । इन बदलती हुई मौसम की अवस्थाओं की औसत दशा को जलवायु के अन्तर्गत सम्मिलित किया जाता है । वर्ष भर के मौसम की अलग-अलग अवस्थाओं के औसत निकालने और वर्षों के औसत से जलवायु का पता चलता है एक लम्बे समय तक मौसम के तत्वों का अध्ययन जलवायु के अन्तर्गत किया जाता है । मोंकहाऊस ने भी मौसम और जलवायु के अन्तर को निम्नलिखित शब्दों में व्यक्त किया है," जलवायु वस्तुतः किसी स्थान विशेष की दीर्घकालीन मौसमी दशाओं के वि


Monu Singh on 20-07-2020

climate विश्व का भूगोल जलवायु और उसका वर्गीकरण Climate And Its Classification July 2, 2015 admin13075 Views 2 Comments किसी स्थान के वायुमण्डलीय दाव, तापमान, आर्द्रता, वायुदाब, मेघ, वर्षा, पवन प्रवाह, पवन दिशा आदि की औसत दशा को जलवायु तथा मौसम के तत्व कहते हैं। मौसम और जलवायु Weather And Climate फिन्च और ट्रिवार्या ने अपनी पुस्तक Elements Geography में मौसम और जलवायु के अन्तर को स्पष्ट किया है। उनके अनुसार थोड़े समय के लिए किसी स्थान की वायुमण्डल की अवस्थाओं (तापमान, वायुदाब, आर्द्रता, वर्षा एवं हवाओं) के कुल योग को मौसम (weather) कहा जाता है। मौसम निरन्तर व प्रतिदिन परिवर्तनशील रहता है। इन बदलती हुई मौसम की अवस्थाओं की औसत दशा को जलवायु के अन्तर्गत सम्मिलित किया जाता है। वर्ष भर के मौसम की अलग-अलग अवस्थाओं के औसत निकालने और वर्षों के औसत से जलवायु का पता चलता है एक लम्बे समय तक मौसम के तत्वों का अध्ययन जलवायु के अन्तर्गत किया जाता है। मोंकहाऊस ने भी मौसम और जलवायु के अन्तर को निम्नलिखित शब्दों में व्यक्त किया है, “जलवायु वस्तुतः किसी स्थान विशेष की दीर्घकालीन मौसमी दशाओं के वि


Ritika pundir Soam on 17-07-2020

जर्मन व्लदीमिर कोपेन right ans





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