Prakriti Manushya Ki Mitra Hai Nibandh प्रकृति मनुष्य की मित्र है निबंध

प्रकृति मनुष्य की मित्र है निबंध



GkExams on 10-05-2022


प्रकृति मनुष्य की मित्र है निबंध (essay on nature in hindi) : इसमें कोई शक नही है की प्रकृति मनुष्य की मित्र है या नही। जैसा की आजकल के दौर में हम देख रहे है कोरोना काल (Covid-19) हो या फिर कोई और सब में हमने प्रक्रति से बहुत कुछ सिखा है। इससे सबसे बड़ी सिख तो ये मिली है की जब हम प्रकृति से खिलवाड़ करते है तो वो हमको आज नही तो कल उसका बुरा परिणाम जरूर देगी।


Prakriti-Manushya-Ki-Mitra-Hai-Nibandh


प्रकृति (short essay on nature) और मनुष्य के बीच बहुत गहरा संबंध है। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। मनुष्य के लिए धरती उसके घर का आंगन, आसमान छत, सूर्य-चांद-तारे दीपक, सागर-नदी पानी के मटके और पेड़-पौधे आहार के साधन हैं। इतना ही नहीं, मनुष्य के लिए प्रकृति से अच्छा गुरु नहीं है। आज तक मनुष्य ने जो कुछ हासिल किया वह सब प्रकृति से सीखकर ही किया है।


न्यूटन जैसे महान वैज्ञानिकों को गुरुत्वाकर्षण समेत कई पाठ प्रकृति (paragraph on nature in hindi) ने सिखाए हैं तो वहीं कवियों ने प्रकृति के सानिध्य में रहकर एक से बढ़कर एक कविताएं लिखीं। इसी तरह आम आदमी ने प्रकृति के तमाम गुणों को समझकर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव किए।


दरअसल प्रकृति हमें कई महत्वपूर्ण पाठ पढ़ाती है। जैसे-पतझड़ का मतलब पेड़ का अंत नहीं है। इस पाठ को जिस व्यक्ति ने अपने जीवन में आत्मसात किया उसे असफलता से कभी डर नहीं लगा। ऐसे व्यक्ति अपनी हर असफलता के बाद विचलित हुए बगैर नए सिरे से सफलता पाने की कोशिश करते हैं। वे तब तक ऐसा करते रहते हैं जब तक सफलता उन्हें मिल नहीं जाती।


प्रकृति का सौंदर्य (Beauty of nature) :




इसी तरह फलों से लदे, मगर नीचे की ओर झुके पेड़ हमें सफलता और प्रसिद्धि मिलने या संपन्न होने के बावजूद विनम्र और शालीन बने रहना सिखाते हैं। उपन्यासकार प्रेमचंद के मुताबिक साहित्य में आदर्शवाद का वही स्थान है, जो जीवन में प्रकृति का है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि प्रकृति में हर किसी का अपना महत्व है।


प्रकृति का महत्व (importance of nature) :


एक छोटा-सा कीड़ा भी प्रकृति के लिए उपयोगी है, जबकि मत्स्यपुराण में एक वृक्ष को सौ पुत्रों के समान बताया गया है। इसी कारण हमारे यहां वृक्ष पूजने की सनातन परंपरा रही है। पुराणों में कहा गया है कि जो मनुष्य नए वृक्ष लगाता है, वह स्वर्ग में उतने ही वर्षो तक फलता-फूलता है, जितने वर्षो तक उसके लगाए वृक्ष फलते-फूलते हैं।


प्रकृति की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह अपनी चीजों का उपभोग स्वयं नहीं करती। जैसे-नदी अपना जल स्वयं नहीं पीती, पेड़ अपने फल खुद नहीं खाते, फूल अपनी खुशबू पूरे वातावरण में फैला देते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि प्रकृति किसी के साथ भेदभाव या पक्षपात नहीं करती, लेकिन मनुष्य जब प्रकृति से अनावश्यक खिलवाड़ करता है तब उसे गुस्सा आता है। जिसे वह समय-समय पर सूखा, बाढ़, सैलाब, तूफान के रूप में व्यक्त करते हुए मनुष्य को सचेत करती है।


प्रकृति संरक्षण (nature conservation) :


इन सभी निम्नलिखित बिन्दुओं को अपनाकर आप प्रकृति का संरक्षण (nature conservation tips in hindi) कर सकते है...


  • पेड़ों की कटाई बंद करके।
  • वृक्षारोपण करके, मृदा अपरदन को रोक सकते हैं।
  • मृदा अपरदन को रोकने के द्वारा हम अपने प्रकृति के सुंदर समुद्र, नदियों, और ओज़ोन परत को सुरक्षित रख सकते हैं।
  • हमें अपने आसपास के प्रकृति को स्वच्छ रखने में अपना पूर्ण योगदान देना चाहिए।
  • सभी प्रकार के पर्यावरण प्रदूषणों को रोकने के लिए जरूरत के सभी कदम उठाने होंगे।
  • अपने स्वार्थ के लिए हमें प्रकृति के संतुलन को कभी भी नहीं बिगड़ना चाहिए क्योंकि अंत में यही मनुष्य के विनाश का सबसे बड़ा कारण बन सकता है।



  • निष्कर्ष :


    प्रकृति और मनुष्य एक दूसरे के पूरक है इसका मतलब यह नही कि मानव नहीं होगा तो पृथ्वी नहीं चलेगी बल्कि प्रकृति का मानव जीवन के लिए होना नितांत अनिवार्य हैं। अतः अभी भी समय है हमें मानव और प्रकृति के मित्रता पूर्ण रिश्ते को समझना होगा तथा हमारा जीवन पूर्ण अंधकारमय हो जाए इससे पूर्व नेचर के साथ सामजस्य बिठाना होगा।




    सम्बन्धित प्रश्न



    Comments Sanjay on 30-01-2024

    Prakruti manushay ki Mitra hain

    सानिका on 01-10-2021

    प्रकृति मनुष्य की मित्र है पर निबंध

    Krushna on 07-12-2020

    First hen comes or egg


    G on 05-07-2020

    प्रकृति मनुष्य की मित्र है निबंध





    नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

    Labels: , , , , ,
    अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






    Register to Comment