वडोदरा दर्शनीय स्थल
लक्ष्मी विलास पैलेस
लक्ष्मी विलास पैलेस वडोदरा रेलवे स्टेशन से केवल 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लक्ष्मी विलास पैलेस भारतीय वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है। इस पैलेस का निर्माण महाराजा सयाजीराव गायकवाड तृतीय ने करवाया था। सफेद संगमरमर, सुंदर पत्थरो, शीशे तथा लकडी से निर्मित यह पैलेस बडोदरा के प्रमुख आकर्षणो में से एक है।
प्रताप विलास पैलेस
प्रताप विलास पैलेस स्थापत्य कला का सुंदर नमूना है। इस पैलेस की रूप रेखा स्टीवेंस ने तैयार की थी। इस महल मे कांस्य, संगमरमर, टोराकोटा के सुंदर शिल्पो एवं प्राचीन शास्त्रो का अद्वितीय समन्वय देखने को मिलता है। वर्तमान में यहा भारतीय रेलवे का स्टाफ कॉलेज है। वडोदरा दर्शनीय स्थल में यह इमारत काफी प्रसिद्ध है।
लाल बाग
लाल बाग वडोदरा रेलवे स्टेशन से लगभग 10 किमलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह खुबसूरत बाग आनुधिनक शैली से निर्मित एक बेहतरीन गार्डन है। यहा हरी मखमली घास और सुंदर पौधो के बीच समय गुजारना बेहद आनंदमय होता है।
सियाजी बाग
सियाजी बाग रेलवे स्टेशन से एक किलोमीटर की दूरी पर विश्वामित्री नदी के तट पर स्थित है। इस बाग का निर्माण 1879 में कराया गया था। इस बाग को “कमाटी बाग” के नाम से भी जाना जाता है। यहा एक चिडियाघर और एक संग्रहालय भी है। यह दोनो स्थान देखने योग्य है।
कीर्ति स्तंभ
कीर्ति स्तंभ वडोदरा दर्शनीय स्थल में बहुत प्रसिद्ध है। यह स्तंभ शहर में प्रसिद्ध पोलो ग्राऊंड के पास स्थित है। गुलाबी सोनागढ पत्थर से निर्मित इस स्तंभ के टॉप पर शेर की प्रतिमा बनी है। इसे महाराजा शियाजी राव गायकवाड ने तीतृय ने सन् 1935 में विजय स्तंभ के रूप में बनवाया था
ईएमई मंदिर
वडोदरा शहर के मुख्य पर्यटन स्थलो में से एक है। ईएमई मंदिर वडोदरा शहर की एक आधुनिक संरचना में से है। सन् 1966 मे बनाया गया यह मंदिर एल्यूमिनियम शीट से निर्मित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर शहर की सैन्य छावनी के इलैक्ट्रिकल मैकेनिक्ल इंजिनियरिंग परिसर में स्थित है। जिसके कारण इसका नाम ईएमई मंदिर पड गया।
मकरपुरा पैलेस
मकरपुरा पैलेस की रेलवे स्टेशन से दूरी लगभग 12 किलोमीटर है। इस पैलेस का निर्माण महाराजा खंडेराव ने 1856 – 1870 के बीच करवाया था। इसका निर्माण उन्होने अपने निवास स्थान के रूप में करवाया था। इस महल की स्थापत्य कला देखने योग्य है।
वडोदरा म्यूजियम और आर्ट गैलरी
सन् 1894 में इसका निर्माण गायकवाड राजाओ द्वारा करवाया गया था। इस आर्ट गैलरी और म्यूजियम में आप इतिहास से संबंधित प्राचीन दुर्लभ वस्तुओ के साथ दुर्लभ चित्र भी देख सकते है।