Musalmanon Ki असलियत मुसलमानों की असलियत

मुसलमानों की असलियत



GkExams on 08-02-2019

इस्लाम की असलियत और विज्ञान ??
मुस्लिम खुद को वैज्ञानिकता की कसौटी पर
क्यों नहीं परखना चाहते हैं ????
मुस्लिम और उनके सरपरस्त मनहूस सेक्यूलर
अक्सर हम हिन्दुओं को हमारे हिन्दू धर्म हमारी मान्यताओं
तथा, हमारे भगवान् को विज्ञान की वैज्ञानिकता एवं तर्क
की कसौटी पर प्रमाणित करने को बोलते रहते हैं हालाँकि हम जैसे
लोग हमारे हिन्दू धर्म की वैज्ञानिकता को समय समय पर अपने
लेखों में प्रमाणित करते ही रहते हैं
परन्तु जैसे ही
हम मुस्लिमों से
वैज्ञानिकता की बात पूछते हैं वो ऐसे बिदक जाते हैं जैसे कि..
किसी सांढ़ को लाल कपडा दिखा दी गयी हो
आखिर... हमेशा दूसरों से वैज्ञानिकता का प्रमाण माँगने वाले
मुस्लिम खुद को वैज्ञानिकता कि कसौटी पर क्यों नहीं परखना चाहते
हैं.... ???
इसका भी एक बहुत ही ठोस एवं वैज्ञानिक आधार है
और इसका प्रमुख कारण यह है कि इस्लाम के प्रतिपादक और
अल्लाह के तथाकथित दूत महम्मद एक अज्ञानी एवं पेशे से
लुटेरे
एवं बलात्कारी व्यक्ति थे जिस कारण उनमे वैज्ञानिक ज्ञान
का घोर अभाव था और, उन्होंने अपने कुरान में ऐसी ऐसी उल
जलूल बातें लिख रखी है जिसका वैज्ञानिकता एवं सच्चाई से दूर-दूर
तक कोई वास्ता नहीं है !
अगर कुरान में लिखी बातों को वैज्ञानिकता के आधार पर परखा जाए
तो आपको तनिक भी ख़ुशी महसूस नहीं होगी और,
आपको आश्चर्य होगा कि आखिर किस आधार पर अल्लाह या रसूल
मुहम्मद को सर्वज्ञानी माना जाए ?????
आएं आप भी कुरान का थोडा अध्धयन कर ... अपने सामान्य
ज्ञान में थोडा वृद्धि करें और, उसमे वैज्ञानिकता ढूँढने का प्रयास
करें
1) - कुरान कहता है कि सूर्यास्त नहीं होता है बल्कि, शाम के
समय सूरज दलदल में ड़ूब जाता है.। "यहाँ तक कि वह सूर्यास्त
की जगह पहुँच गया,
उसने देखा कि सूरज एक काले कीचड़ (muddy
spring ) में ड़ूब रहा था सूरा .अल कहफ़
18 :86

2) - अल्लाह ने प्रथ्वी को ठहरा रखा है. "वह कौन है ,जिसने
प्रथ्वी को एक स्थान पर ठहरा दिया है. (made the earth
fixed सूरा - अन नमल 27 :61

3) - धरती पालना की तरह झूलती रहती है.
"वही है जिसने तुम्हारे लिए धरती को पालना बनाया (restling
झूला) सूरा - अज जुखुरुफ़ 43 :10

4) - धरती फैलायी जा सकती है."और
धरती को जैसा चाहा फैलाया (spread the earth ) सूर
-अस शम्श 91 :6
नोट:--- शायद जब इस धरती पर
मुस्लिमों की जनसँख्या ज्यादा हो जाएगी तो....अल्लाह उनके लिए
धरती को फैला कर दुगुना.तिगुना कर देंगेजिससे मुस्लिम इस
धरती पर आराम से रह सकें !

5) रात और दिन लपेटे जा सकते है."और वह रात को दिन पर लपेटता है
एवं दिन को रात पर लपेटता है सूरा - अज जुमुर 39 :5

6) सूरज अल्लाह से निकलने की आज्ञा लेता है."सूरज रात को गंदे
कीचड़ में डूबा रहता है,
और अजान से पहले अल्लाह से निकलने
की अनुमति लेता है सही बुखारी - जिल्द
4 किताब 54 हदीस 441

ऊपर के उदाहरण से यह बिलकुल ही स्पष्ट है कि
कुरान में विज्ञान को ढूँढ़ना उसी तरह असंभव है जैसे, किसी गधे के
सिर पर सींग ढूँढ़ना क्योंकि कुरान और विज्ञान
परस्पर एक दूसरे के विरोधी हैं या फिर कहें
कि जानी दुश्मन है
यही कारण है कि कुरान को पढाया नहीं
बल्कि बल्कि रटाया जाता है और, किसी को भी कुरान
की वैज्ञानिकता पर प्रश्न उठाने की इजाजत नहीं है
साथ ही
कुरान के इन अध्धयनों से यह बात
आईने की तरह बिल्कुल साफ़ है कि क्यों मुस्लिम मदरसे में पढ़
कर कोई डॉक्टर, इंजीनियर या वैज्ञानिक के बदले सिर्फ
जेहादी ही बनते हैं !!!!!
जाकिर नाईक जैसे इस्लाम के प्रचारक
जो हम हिन्दुओं को भगवान् गणेश की वैज्ञानिकता साबित करने
का चैलेन्ज करते हैं

उनको मेरी यह सलाह है कि जब अल्लाह
को प्रकृति की इतनी सामान्य सी जानकारी भी नहीं है तो आप
चाहे मस्जिद में 5 बार नमाज पढो या 25 बार नमाज पढो
या फिर मस्जिद में सो ही जाओ आपका कोई भला होने
वाला नहीं है



रामदेव on 12-05-2019

मुसलमान से दस सवाल

यह एक कटु सत्य है कि आज भारतीय महाद्वीप में जितने भी मुसलमान हैं , उनके पूर्वज कभी हिन्दू थे , जिनको मुस्लिम बादशाहों ने जबरन मुसलमान बना दिया था . लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि विदेशी पैसों के बल पर इस्लाम के एजेंट ऐसे हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन कराने में लगे रहते हैं , जो इस्लाम की असलियत से अनभिज्ञ हैं , या जिनको हिन्दू धर्म का आधा अधूरा ज्ञान होता है , और दुर्भाग्य से ऐसे हिन्दू युवक , युवतियां सेकुलर विचार वाले होते हैं , तो इस्लाम के प्रचारक आसानी से उनको इस्लाम जाल में फसा लेते हैं , इसलिए इस्लाम के चक्कर में फसने से बचने का एक ही उपाय है ,कि इस्लाम के एजेंटों से तर्कपूर्ण सवाल किये जाएँ . क्योंकि इस्लाम सिर्फ ईमान लाने पर ही जोर देता है , और अगर कोई इस्लाम के दलालों से सवाल करता है , तो यातो वह भड़क जाते हैं , या लड़ने पर उतारू हो जाते हैं .

अक्सर देखा गया है कि कुछ उत्साही हिन्दू इस्लाम के समर्थकों के साथ शाश्त्रार्थ किया करते हैं , इसलिए उनकी सहायता के लिए दस ऐसे सवाल दिए जा रहे हैं , जिनका सटीक , प्रमाण सहित और तर्कपूर्ण जवाब कोई मुल्ला मौलवी नहीं दे सकता .



1-.मुसलमानों का दावा है कि कुरान अल्लाह की किताब है ,लेकिन कुरान में बच्चों की खतना करने का हुक्म नहीं है , फिर भी मुसलमान खतना क्यों कराते है ? क्या अल्लाह में इतनी भी शक्ति नहीं है कि मुसलमानों के खतना वाले बच्चे ही पैदा कर सके ?और कुरान के विरद्ध काम करने से मुसलमानों को काफ़िर क्यों नहीं माना जाए ?



2-मुसलमान मानते हैं कि अल्लाह ने फ़रिश्ते के हाथो कुरआन की पहली सूरा लिखित रूप में मुहम्मद को दी थी , लेकिन अनपढ़ होने से वह उसे नहीं पढ़ सके , इसके अलावा मुसलमान यह भी दावा करते हैं कि विश्व में कुरान एकमात्र ऐसी किताब है जो पूर्णतयः सुरक्षित है , तो मुसलमान कुरान की वह सूरा पेश क्यों नहीं कर देते जो अल्लाह ने लिख कर भेजी थी , इस से तुरंत पता हो जायेगा कि वह कागज कहाँ बना था ? और अल्लाह की राईटिंग कैसी थी ?वर्ना हम क्यों नहीं माने कि जैसे अल्लाह फर्जी है वैसे ही कुरान भी फर्जी है



3. इस्लाम के मुताबिक यदि 3 दिन/माह का बच्चा मर जाये तो उसको कयामत के दिन क्या मिलेगा.-जन्नत या जहन्नुम ? और किस आधार पर ??

4. मरने के बाद जन्नत में पुरुष को 72 हूरी (अप्सराए) मिलेगी...तो स्त्री को क्या मिलेगा...... 72 हूरा (पुरुष वेश्या) .??और अगर कोई बच्चा पैदा होते ही मर जाये तो क्या उसे भी हूरें मिलेंगी ? और वह हूरों का क्या करेगा ?



5.- यदि मुसलमानों की तरह ईसाई , यहूदी और हिन्दू मिलकर मुसलमानों के विरुद्ध जिहाद करें , तो क्या मुसलमान इसे धार्मिक कार्य मानेंगे या अपराध ? और क्यों ?



6-.यदि कोई गैर मुस्लिम (काफ़िर) यदि अच्छे गुणों वाला हो तो भी. क्या अल्लाह उसको जहन्नुम की आग में झोक देगा....? और क्यों ?और, अगर ऐसा करेगा तो.... क्या ये अन्याय नहीं हुआ ??



7.कुरान के अनुसार मुहम्मद सशरीर जन्नत गए थे , और वहां अल्लाह से बात भी की थी , लेकिन जब अल्लाह निराकार है , और उसकी कोई इमेज (छवि) नहीं है तो..मुहम्मद ने अल्लाह को कैसे देखा ??और कैसे पहिचाना कि यह अल्लाह है , या शैतान है ?

8- मुसलमानों का दावा है कि जन्नत जाते समय मुहम्मद ने येरूसलम की बैतूल मुक़द्दस नामकी मस्जिद में नमाज पढ़ी थी ,लेकिन वह मुहम्मद के जन्म से पहले ही रोमन लोगों ने नष्ट कर दी थी . मुहम्मद के समय उसका नामो निशान नहीं था , तो मुहम्मद ने उसमे नमाज कैसे पढ़ी थी ? हम मुहम्मद को झूठा क्यों नहीं कहें ?



9-.अल्लाह ने अनपढ़ मुहम्मद में ऐसी कौनसी विशेषता देखी . जो उनको अपना रसूल नियुक्त कर दिया ,क्या उस समय पूरे अरब में एकभी ऐसा पढ़ालिखा व्यक्ति नहीं था , जिसे अल्लाह रसूल बना देता , और जब अल्लाह सचमुच सर्वशक्तिमान है , तो अल्लाह मुहम्मद को 63 साल में भी अरबी लिखने या पढने की बुद्धि क्यों नहीं दे पाया



10.जो व्यक्ति अपने जिहादियों की गैंग बना कर जगह जगह लूट करवाता हो , और लूट के माल से बाकायदा अपने लिए पाँचवाँ हिस्सा (20 %० ) रख लेता हो , उसे उसे अल्लाह का रसूल कहने की जगह लुटरों का सरदार क्यों न कहें ?




सम्बन्धित प्रश्न



Comments Shiva on 30-04-2022

जब अल्लाह को कोई देखा ही nhi to मुसलमान लोग क्यों
उनको भगवान मानते है nahi koi unhe dekha hi hai agar koi dekha hi hai to photo dikhaye





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