गोंड
भारत की अति प्राचीन जाति है गोंड। प्राचीन समय से ही इसकी बस्तियाँ छोटे छोटे राज्यों में बँटी हुई थी। सारे गोंडवाना प्रदेश में जाति के सरदारों का बहुत महत्व था। ऐसा कहा जाता है कि इनके राजा संग्रामसिंह अत्यन्त साहसी राजा थे। उनके 42 गड़ थे। अठारवीं शताब्दी में तीन राज्यों को नागपुर के भोंसला राजा ने अपने राज्य में मिला लिया था।
गोंड लोग 12 उपशाखाओं में विभाजित है - राजगोंड़, रघुवलि, ददेव, कललिया, पादल, धोली, ओझयाल, थोटयाल, कोयला मूतुप्ले, कोइकोयाल, कोलाम, मुदयाल।
इन लोगों के वंश या तो किसी पेड़ पौधें के नाम पर होते हैं या किसी जानवर के नाम पर - जैसे कच्छवंश, नागवंश, बकुलवंश, तेंदुवंश, प्रकृति के नजदीक रहते है ये लोग और इसी कारण से वे निर्लोभी होते है, निर्मल चरित्र के होते है।
गोंड लोग स्वभाव से कार्यप्रिय होते है। दिनभर किसी न किसी प्रकार के कार्य में लगे रहत् है। पुरुष और स्री, दोनों में शारीरिक शक्ति है। वे लगातार कुछ न कुछ करते रहते है जैसे जंगली भूमि साफ करना, खेती करना, टोकरी बनाना, शहत और लाख खोजना और फिर जमा करना, शिकार करना, बीज फल इक्ट्टा करना, गोंद इक्ट्टा करना, चटाई बुनना, झोपड़ी बनाना, वाद्य यन्त्र बनाना, मुर्गी, सुअर, गाय, भैंस आदि पालना, पानी भरना, खाना पकाना, उपले बनाना, रंग बनाना आदि। जाति के लोग बड़े ही सृजनशील होते है। अपनी झोपड़ियों को भिन्न रंग की मिट्टी से लीपती हैं। बड़े आकर्षक दिखते है ये झोपड़ियाँ।
गोंड जाति के बच्चों तक को चिड़ियों और पेड़ो का बहुत ज्ञान होता है। चिड़ियों की बोली को वे समझते है। इनके वैद्य को वनस्पतियों का ज्ञान होने के कारण वे वनस्पतियों की औषधि देते है।
गोंड जाति के लोग प्रकृति के बारे में बहुत जानकारी रखते है। प्रकृति के साथ मिल जूलकर रहने के कारण बादलों को देखकर बता देते है कि पानी कब बरसेगा। तारे देखकर रात्रि के प्रहरों का ज्ञान लगा लेते है।
इनके महीनों के नाम इस प्रकार होते है - पूस, माघ, फागुन, चैत, मूर, नई, हाध, इरन्ज, इयाम, ओरका, पन्दी।
गोंड लोग वन देवी की उपासना करते है। जंगल में इनका ज्यादा समय अतीत होने के कारण वे वन देवी पर प्रगाढ़ आस्था रखते है और इसी कारण वे बिना डर के जीते है।
भिन्न भिन्न स्थानों में भिन्न भिन्न देवों की पूजा होती है। जैसे - इल्दा देव, नराइन देव, सूरज देव, बढ़ा देव, डूँगर देव, भीम देव, ठाकुर देव, 2 बैर।
गोंड जाति में विधवा विवाह की प्रथा है जिससे पता चलता है वे कितने उन्नत मन के है। बहुत बार पति के मर जाने पर पत्नी अपने पति के छोटे भाई से सम्बन्ध कर लेती है। लोगों में बहु पत्नी की भी प्रथा है।
गोतुल गृह
गोतुल गृह लोगों के जीवन के लिए बहुत आवश्यक अंग है। गोतुल गृह एक प्रकार के विशेष मकान होते हैं - इस मकान में बस्ती के सारे अविवाहित युवक और युवतियां रात्रि में रहते है। यहां एक बड़ा हाल होता है जहां सभी रहते है और सामने एक बड़ा आँगन होता है जिसमें नाच गाना खेल आदि की व्यवस्था की जाती है। बाँस के बड़े बड़े खम्भों पर घास की छत छाई जाती है। बाँस के बड़े बड़े खम्भों को धारन कहते है। अन्दर जाने का एक दरवाजा होता है। खिड़की नहीं होती है। इन गोतुल गृह में रहने वाले युवकों को चेतिक कहते है और युवतियों को कहते है मोतियारी। गोतुल का एक नेता होता है। इस नेता को युवक युवतियों सभी मिलकर चुनते है। इस नेता को कहते है चलाऊ या सिल्लेदार। सिल्लेदार जैसी ही शादी कर लेता है, उसे गोतुल छोडना पड़ता है। गोतुल छोड़कर अलग मकान बनाकर रहता है।
गोंड़ की जन्म कहाँ हुआँ?
गोंडवाना के राजाओ को बंशावली बताइए।
बशावली क्या है
Bana pankhahai yapavabana
Rial me gond st me Rajwans tha to etne pichhre kyo an jangal me kyo rahe
जैसे राजपूत हे रघुवंशी
यादव हे यदुवंशी
तो हम वंशज हे
Mo 7257080744
राजगौड़ कहाँ से आये कैसें हुए कब हुए?
राजगोंड कि उत्पती कब हुई
Gond jatti kis bans se atey hai
राजगोंड कहा से आऐ कैसे हुए कब हुए? ??
कहा कहा शासन किऐ ।
कितने गौत्र के होते हैं टोटुम क्या है।???
किसके कितने देव होते है ।
Rajgond kon h
Gond jatti kis bans se atey hai,Gond jaty kautpaty kaise hui
NARAVI KA KYA MEAONING HAI
ओर राज को लोग क्यों बोलते हैं कि गोंडवा
Main gond (st)pariwaar se hun,meri shadi kumhar jati(obc) me hui hai,to mere bacchon ka jaati kon si hogi.
पुट्टे
गोंडवाना के राजाओ को बंशावली बताइए
Gond jati ka rojigar kya hai
Jaise ki Yadav ka dudh bechna
Naai ka hai Baal katna
Goad janjati ke 18tekam bhaion ke name batayen
Meta sàwal hai ki gond ke vanshavli Ko btaiaye
Warti rajwansh bhi tha kya
Gond jati vanshavli
Durave kish me katati hai kish se sadi kar sakati hai
what is the dev markam
अलाम के देव कितने माने जाते है ?
Durave
पुट्टे गौत्र कोन सा है
राजगोंड का परिवार
Rajgound raja
Durave kish me katati hai
गौड जाति की उत्पत्ति कहा से हुई है बताये
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Kya Gond or rajgond me shaadi ho sakti hai