राजस्थान सामान्य ज्ञान-धातु मूर्ति कला

Dhatu Murti Kala

धातु मूर्ति कला

धातु मूर्ति कला को भी राजस्थान में प्रयाप्त प्रश्रय मिला। पूर्व मध्य, मध्य तथा उत्तरमध्य काल में जैन मूर्तियों का यहां बहुतायत में निर्माण हुआ। सिरोही जिले में वसूतगढ़ पिण्डवाड़ा नामक स्थान पर कई धातु प्रतिमाएं प्राप्त हुई हैं जिसमें शारदा की मूर्ति शिल्प की दृष्टि से द्रस्टव्य है। भरतपुर, जैसलमेर, उदयपुर के जिले इस तरह के उदाहरण से परिपूर्ण है।

अठाहरवी शताब्दी से मूर्तिकला ने शनै: शनै: एक उद्योग का रुप लेना शुरु कर दिया था। अतः इनमें कलात्मक शैलियों के स्थान पर व्यवसायिकृत स्वरूप झलकने लगा। इसी काल में चित्रकला के प्रति लोगों का रुझान दिखलाई देता है।


सम्बन्धित महत्वपूर्ण लेख
राजस्थानी स्थापत्य कला
मुद्रा कला
मूर्ति कला
धातु मूर्ति कला
धातु एवं काष्ठ कला
लोककला

Dhatu, Murti, Kala, Ko, Bhi, Rajasthan, Me, Prayapt, Prashray, Mila, Poorv, Madhy,, Tatha, उत्तरमध्य, Kaal, Jain, Murtiyon, Ka, Yahan, Bahutayat, Nirmann, Hua, Sirohi, Jile, वसूतगढ़, Pindwada, Namak, Sthan, Par, Kai, Pratimaein, Prapt, Hui, Hain, Jisme, Sharda, Ki, Shilp, Drishti, Se, द्रस्टव्य, Hai, Bharatpur, Jaisalmer, Udaipur, Ke, Is, Tarah, Udaharan, Paripurn, अठाहरवी, Satabdi, Murtikala, ne, Shanai, Ek, Udyog, Roop, Lena, Shuru, Kar, Diya, Tha, Atah, Inme, Kalatmak, Shailiyon, व्यवसायिकृत,