मेवात का इतिहास
मेव वंशियों और मेवात का इतिहास :-
__________________
पश्चिमी यूपी, अहीरवाल( हरियाणा और पूर्वी राजस्थान) और दिल्ली में लगने
वाले मेवात जिसे भारत का इरान भी कहा जाता है यह यहाँ रहने वाले मेव
वंशियों के निवास के कारण मेवात नाम से प्रसिद्ध है।
मेवों ने मुस्लिम आक्रमण के बाद इस्लाम कबूल कर लिया था ।
मेव वंश मूलतः एक संगठन है जिनमें हिंदुओं की चार क्षत्रिय जातियां (अजगर) अहीर, जाट, गुर्जर और राजपूत पाए जाते हैं।
मेव हिंदू या मुस्लिम
दिल्ली की नाक के नीचे बसने वाली मेव जाति 1980-90 तक हमारी तरह
तीज-त्यौहार मनाती थी, हमारी तरह ही पित्तरों की पूजा करते थे। फसल कटाई पर
मनाए जाने वाले त्यौहार जैसे होली दिवाली भी मनाते थे।
जैसे अहीरों और जाटों में खाप पंचायत होती हैं, वैसे ही मेवों में भी खाप होती हैं।
मेवों में कुल 12 खापे और 52 गोत्र हैं जिनमें से आधी, यानि 6 खापो में
अहीरों से 18 गोत्र हैं, बाकि 6 खापों में जाटों से 14 गोत्र , 10 गोत्र
राजपूतों से और 10 गुज्जरों से हैं।
आज मेव एक जाति बन चुकी है।
जिस प्रकार अहीर अपने खाप में चौधरी को भगवान कृष्ण जी की शपथ दिलाया करतें है ठीक इसी प्रकार ये परंपरा मेवों की भी है।
मेवों ने राणा सांगा के साथ मिलकर आक्रमणकारी बाबर के खिलाफ युद्ध लडा़ था।
मेवों ने 14वी सदी में मुस्लिम आक्रमण को विध्वंस किया था एवं मुस्लिम आक्रमणकारियों से युद्ध भूमि में लोहा लिया था।
एक बार दिल्ली के फ़िरोज़शाह तुगलक ने मेवात पर हमला कर दिया।
मेवों ने बड़ी बहादुरी से डटकर मुकाबला किया और हारकर भी हार नहीं मानी।
फ़िरोज़शाह के खिलाफ शमशीर हाथ में ले रण का बिगुल बजा रखा था।
इसके
लगभग 200 साल बाद बैरम खान ने जब दिल्ली पर हमला किया (इतिहास में अकबर
लिखा है लेकिन उस समय अकबर 10-12 साल का था) और हेमूं को हरा कर मार दिया।
तब मेव सरदारों ने बैरम खान से देस पर हमले और हेमू की हत्या का बदला लिया और उसका पीछा करके उसको गुजरात में मार डाला था।
__________________________________
14वी सदी में मुस्लिम आक्रमणकारियों से संघर्ष के बाद मुस्लिम शासकों के दबाव में वीर मेवों ने इस्लाम कबूल कर लिया।
मेव पूरी दुनिया के मुसलमानों से अलग तरह का है । जो अपने देश के culture
से पूरी तरह जुड़ा हुआ है , जो बाक़ी मुसलमान से मेल नहीं खाता ।
जैसे मेवात में बुर्क़ा नहीं पहना जाता ।
मेव आज भले ही मुस्लिम बना दिए गए हों लेकिन मेव अपनी आर्य संसकृति और अपनी परंपरा को आज भी नहीं भूलें हैं।
॥ कृण्वन्तो विश्वमार्यम् ॥
पर अब तो मेव पक्के मुसलमान बन गये हैँ।
Ab to meo ki apni ho chuki hab meo islam dharm ke liye mar mitne ke liy tyar h abye murti pooja me viswas nahi karte
आप यहाँ पर gk, question answers, general knowledge, सामान्य ज्ञान, questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं।
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें
Culture
Current affairs
International Relations
Security and Defence
Social Issues
English Antonyms
English Language
English Related Words
English Vocabulary
Ethics and Values
Geography
Geography - india
Geography -physical
Geography-world
River
Gk
GK in Hindi (Samanya Gyan)
Hindi language
History
History - ancient
History - medieval
History - modern
History-world
Age
Aptitude- Ratio
Aptitude-hindi
Aptitude-Number System
Aptitude-speed and distance
Aptitude-Time and works
Area
Art and Culture
Average
Decimal
Geometry
Interest
L.C.M.and H.C.F
Mixture
Number systems
Partnership
Percentage
Pipe and Tanki
Profit and loss
Ratio
Series
Simplification
Time and distance
Train
Trigonometry
Volume
Work and time
Biology
Chemistry
Science
Science and Technology
Chattishgarh
Delhi
Gujarat
Haryana
Jharkhand
Jharkhand GK
Madhya Pradesh
Maharashtra
Rajasthan
States
Uttar Pradesh
Uttarakhand
Bihar
Computer Knowledge
Economy
Indian culture
Physics
Polity
इस टॉपिक पर कोई भी जवाब प्राप्त नहीं हुए हैं क्योंकि यह हाल ही में जोड़ा गया है। आप इस पर कमेन्ट कर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।