पालीवाल समाज गोत्र
जिन गौड ब्राम्हणों का सम्बन्ध गौडवाड क्षेत्र के पाली से रहा वे ब्राम्हण, पालीवाल ब्राम्हण कहे गए | इस प्रकार पालीवाल मूलतः गौड ब्राम्हण हे गौड वंश कि शाखा के एक विशिष्ट गौत्री विद्वान मंडोवर के राजघराने के शाहक नियुक्त हुए | मंडोवर के परिहार वंश के शाहक महाराज लक्ष्मण राव ने संवत 534 में अपने गुरु को दान मे दे दी| गुरूजी पाली में बस गये | उन्होंने अपने सगे सम्बन्धियों एवं बंधुओं पाली में बुला लिया | धीरे धीरे पाली में बसने वाले ब्राम्हणों कि संख्या एक लाख हो गयी | इनके 12 गोत्र थे, मुद्गल, विशिष्ठ, गर्ग, पाराशर, उपमन्यु, जातुकर्ण , सांडिल्य, कौणडिल्या, भारद्वाज, वामदेव, वैन्य, और कौशिक इन लोगों के बीच अगाध प्रेम था | ये बाहर से आने वाले अपने सजातीय भाई हो एक रुपया ईट देकर लखपति तथा गृहपति बना देते थे | इस समाज में सर्वत्र वैभव एवं सम्पन्नता थी | ये ब्राम्हण अपनी विद्या, बुद्धि एवं चातुर्य से - देश विदेश तक व्यापार करते थे | उस समय यह नगर व्यापार का एक प्रसिद्द केंद्र था | मुसलमानों के आने तक पाली पर पालीवालों का प्रभुत्व रहा | इस प्रदेश में परिहार, पवार, सोलंकी, चौहान तथा सोनगिर आदि जाती के राजपुत एक के बाद एक शासक रहे | लेकिन पली की और किसी ने एक आँख उठाकर नहीं देखा | इसके शासक पालीवाल ही बने रहे | इस नगर का व्यापर फ्रांस, अफ्रीका, अरब और यूरोपे के देशों में होता था | पालीवाल गढ बाध्यो प्रकट आछी छिव आँणी.... सहर काँट दस काँस में, बाजार बसाणी.... सवा लाख घर सांवण, जुग सारा जाणी.... विप्र निधन जो आवस्या, संचत, समपाणी.... पालीवाल गौड़ कहलाते थे | पाली से धर्म रक्षार्थ इनका अथार्त " पाली नगर किसका कोट दस कोस के घेरे का था और जिनमें वैभवशाली बाज़ार भी बसा था, में सवा लाख घर ब्राम्हणों के बसे थे | इसे सारा संसार जागता हे | जो भी निर्धन ब्राम्हण यहाँ आ बसा, उसे धनादि देकर अपने सामान संपत्तिशाली बनाया |" सुप्प्रसिध्द इतिहासकार कर्नल जेम्स टांड ने पालीवाल ब्राम्हण के विषय में लिखा है - "राजघराने के राजपूतों से दुसरे नम्बर पर पालीवाल जाती ही ऐसी जाती हे जो संख्या में इनके बराबर और धन सम्पत्ति में इनसे भी आगे बढ़ी हुए है | वे ब्राम्हण हैं और पाली तथा आस-पास की भूमि पर राज्य कर चुकने के कारण पालीवाल कहलाए |"पालीवालों के आचार-व्यवहार के बारे में जेम्स टांड ने लिखा है - "पालीवाल स्मार्ट ब्राम्हण है और मांसादी अभक्ष्य पदार्थों का प्रयोग नहीं करते | ये अपनी कन्या के घर का पानी नहीं पीते |" " पाली नगर वही हे जहा आज से एक हजार वर्ष पूर्व एक लाख पच्चीस जहार गौड़ ब्राम्हण रहते थे } इनमें प्रथा थी कि नवागत गृहस्थी को एक मोहर एक ईट देके अपने समान व्यवसायी और मकानवाला बना देते थे | ऐसा था वहां उस समय का समाजवाद | चौदहर्वी शताब्दी में नसीरुद्दीन कि फोज से युद्ध कर शहीद होने के बाद जो बचे थे वे पली छोड़कर चले गए वे ही पालीवाल ब्राम्हण कहलाए |"पाली का विध्वंस पाली में बसे पालीवाल ब्राह्मणों के धन और वैभव को देखकर आरावली पर्वत श्रेणियों में निवास करने वाली असभ्य और लुटेरी जातियों ने इन्हें परेशान करना प्रारंभ कर दिया | उन्ही दिनों राठोर वंश की नींव डालनेवाले कन्नोज के राजकुमार सीहा जो व्दारका से तीर्थ यात्राकरके लौट रहे थे | पाली के ब्राम्हणों ने लुटेरो से अपनी रक्षा के लिये सीहाजी से प्रार्थना की | सीहाजी ने इस लुटेरों से पालीवालों की रक्षा की पालीवाल इसके बदले में सीहाजी को काफी धनराशी दे थे .पालीवालो का वैभव देखकर सीहाजी की नीयत खराब हो गयी और इन्होने ही पालीवाल ब्राम्हणों पर आक्रमण कर दिया . "वि. स. 1292 में एक दुखःद समय आया जब दिल्ली के बादशाह नसुरुद्दीन ने पाली की सम्पन्नता और वैभव को देखकर इस पर चढ़ाई करने की सोची | उसने एक बड़ी भारी फौज, जिसमे मुग़ल, पठान, शेक सय्यद आदी थे को इधर भेजा और गढ़ पाली को घेर लिया | दोनों तरफ से मोर्चाबंदी हो गयी | उधर ब्राम्हण किसानो ने भी तलवार उठा ली | वे सभी एक हो गये तथा आमने सामने मोर्चाबंदी हो गयी | दुए से सारा प्रकाश ढक गया | दिन भी रात जैसा लगने लगा | इस प्रकार 12 वर्ष तक विप्र हारे नहीं लगातार संघर्ष होता रहा | तब मुसलमानों ने पाली के ' बिझडा ' सरोवर में लाल रंग का गेरू घोलकर डाल दिया जिसे ब्राम्हणों ने गो रक्त समझ लिया और अंत में कोट का दरवाजा खोल दिया | " ब्राम्हण धर्म रक्षार्थ युद्ध में लडते कटते मरते शत्रु का सर्वनाश करते वहा से निकले | इसके बाद ब्राम्हण पाली को त्याग कर यहाँ से पश्चिम दिशा के ओर हमेशा हमेशा के लिये रवाना हो गये |
Kuldhar paliwal ki kuldevi konsi mata hai Puri kahani bataye plz
TRUPTESH Mahesh bhai dave gotra madhugal Paliwal brahmin kudevi and gotra
DHANDHLA konse gotra me ate he
Mudgal gotra ki kuldevi ka naam kya hai
समलेश भट्ट कोन सी गोत्र में आती हे। पालीवाल
Paliwal gotr
Samadhiya kaha se aaye or gotra or kul devi or dev kon hai
Doliya konsi gotr me aati hai
Peplewal gotra
Mewad ke a Paliwal samaj Aaj 24 Kheda Chambal is Kheda ke bare mein jankari
Gotra aur shashk btaye
Paliwar rajput ka itihash or gotra bataye
Paliwarrajputbansajandgotr
Bhatt gotra rushi name
Paliwal name kisne siya
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