मध्य प्रदेश और बीज फार्म विकास निगम ujjain madhya pradesh
प्रदे6ा के कृषकों को उनकी आव6यकतानुसार अधिक से अधिक मात्रा में उन्नत एवं उच्च गुणवत्ता का बीज उपलब्ध कराना।
बीज के उपार्जन और विक्रय मूल्यों में नियंत्रण कर कृषकों को उचित मूल्य पर बीज प्रदाय करना।
निगम की स्थापना
मप्रराज्य बीज एवं फार्म विकास निगम की स्थापना मप्रबीज अधिनियम 1980 (18) के अन्तर्गत 17 नवम्बर 1980 को की गई थी और निगम द्वारा जनवरी 1981 से कार्य प्रारम्भ किया गया।
निगम के मुख्य कामकाज
मध्यप्रदे6ा के कृषकों को पर्याप्त उन्नत एवं उच्च गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराकर कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना। इस कामकाज की पूर्ति के लिये निम्न कार्य किये जाते हैं :-
प्रजनक बीज से अधिक से अधिक आधार बीज का उत्पादन करना।
बीज निगम का संचालक मण्डल
बीज निगम के संचालक मण्डल का संचालन अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, प्रबंध निदे6ाक और 8 निदे6ाक मिलाकर कुल ग्यारह सदस्यों द्वारा संचालित किया जाता है जो राज्य शासन द्वारा नामांकित किये जाते हैं। वर्तमान में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, प्रबंधक निदे6ाक के साथ साथ पाँच निदे6ाकों के द्वारा संचालक मण्डल का कार्य संचालित किया जा रहा है।
निगम का संगठनात्मक स्वरूप
बीज निगम के अन्तर्गत 07 क्षेत्रीय कार्यालय-भोपाल, इन्दौर, उज्जैन, जबलपुर, सागर, सतना एवं ग्वालियर में स्थित है। बीज निगम का कार्यक्षेत्र मप्र में आच्छादित है। निगम के पास कुल 42 कृषि प्रक्षेत्र, 51 बीज प्रक्रिया केन्द्र हैं।
बीज निगम के स्वीकृत सेटअप के अनुसार कुल 521 पद स्वीकृत है जिनका श्रेणीवार विवरण निम्नानुसार है :-
क्रमांक | श्रेणी | कुल स्वीकृत पद | भरे पद |
1 | प्रथम श्रेणी | 22 | 03 |
2 | द्वितीय श्रेणी | 57 | 25 |
3 | तृतीय श्रेणी | 407 | 256 |
4 | चतुर्थ श्रेणी | 35 | 45 |
योग :- | 521 | 329 |
मप्रराज्य बीज एवं फार्म विकास निगम की स्थापना मप्रबीज अधिनियम 1980 (18) के अन्तर्गत 17 नवम्बर 1980 को की गई थी और निगम द्वारा जनवरी 1981 से कार्य प्रारम्भ किया गया।
नोट :- क्रमांक-4 में वर्णित चतुर्थ श्रेणी के स्वीकृत-35 पदों के विरूद्ध मा उच्च न्यायालय प्रकरण में आदे6ा अनुसार 14 कर्मचारियों का नियमितीकरण किया गया है। यह 14 पद डाइंग केडर के हैं।
वित्तीय स्थिति
निगम की प्राधिकृत अंशपूँजी 1500 लाख है। मध्यप्रदेश शासनभारत सरकार से राशि रूपये 1500 लाख प्रदत्त पूँजी प्राप्त हुई है। यह राशि निगम में नगद एवं सम्पत्ति के एवज में मिलाकर प्राप्त हुई है। व्यवसाय सम्पादन हेतु राशि रूपये 976 लाख मध्य प्रदेश शासन से अल्पकालीन ऋण के एवज में तथा व्यवसायिक बैंकों से बीज क्रय हेतु राशि रूपये 1695 लाख साख सीमा स्वीकृत है।
विगत पाँच वर्षों के प्रोविजनल लेखों के वित्तीय एवं लाभहानि के ऑंकड़े निम्नानुसार है :-
क्र. | विवरण | 2007-08 | 2008-09 | 2009-10 | 2010-11 | 2011-12 |
1 | अधिकृत पूँज | 150000 | 150000 | 150000 | 150000 | 150000 |
2 | प्रदत्त अंशपूँजी | 82700 | 82700 | 82700 | 112700 | 150000 |
3 | टर्न ओव्हर | 653860 | 845090 | 944191 | 892761 | 950000 |
4 | शुद्ध लाभहानि | 13247 | 27412 | 82109 | (-)41328 | 20000 |
5 | संचित लाभहानि | (-)26074 | ()1338 | 80400 | 39072 | 59072 |
क्र | वर्ष | बोया गया रकबा (हेक्टर में) | उत्पादित बीज (क्विटल में) | उत्पादन प्रति हेक्टर | |||||
खरीफ | रबी | योग | खरीफ | रबी | योग | खरीफ | रबी | ||
1 | 2006-07 | 1348 | 1539 | 2887 | 13929 | 24397 | 38326 | 1033 | 1591 |
2 | 2007-08 | 1529 | 1293 | 2822 | 12435 | 15668 | 28103 | 813 | 1212 |
3 | 2008-09 | 1524 | 1440 | 2964 | 10652 | 14788 | 25440 | 742 | 1022 |
4 | 2009-10 | 1695 | 1215 | 2910 | 8432 | 18264 | 26696 | 497 | 1503 |
5 | 2010-11 | 1300 | 1467 | 2707 | 11900 | 15963 | 27863 | 915 | 1088 |
म प्र राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम
वित्तीय वर्ष समाप्त होने में अभी दो माह का समय शेष है। वित्तीय वर्ष 2011-12 में दर्शाया गया लाभ रूपये 200 लाख में बढ़ौतरी होने की सम्भावना है। अन्तिम स्थिति वित्तीय वर्ष समाप्त होने के पश्चात् ज्ञात हो सकेगी।
बीज प्रक्रिया केन्द्र
म0प्र0बीज निगम के अधिनस्थ बीज संसाधन के लिये कुल 51 प्रक्रिया केन्द्र हैं, जिनकी बीज संसाधन क्षमता 800 लाख क्ंविटल कच्चे बीज की है। वर्तमान में 456 लाख क्ंविटल बीज का संसाधन किया जा रहा है जो कि संसाधन क्षमता का 57 प्रति6ात है।
निगम कृषि प्रक्षेत्र
बीज निगम के अधिनस्थ कुल 42 कृषि प्रक्षेत्र जिनका उपलब्ध रकबा 3472 हेक्टेयर है। उपलब्ध रकबे में से कास्त योग्य रकबा रबी एवं खरीफ दोनों सीजन में 2874 हैक्टेयर है:-
व्यावसायिक गतिविधियाँ :-
टर्न ओवर निम्नानुसार है :-
क्रमांक | वर्ष | टर्न ओवर | टर्न ओवर की रा6ाि में प्रतिवर्ष वृद्धि का प्रति6ात | |
बीज की मात्रा | रााि | |||
1 | 2005-06 | 243642 | 529741 | - |
2 | 2006-07 | 223525 | 637697 | 2037% |
3 | 2007-08 | 276595 | 653860 | 253% |
4 | 2008-09 | 276166 | 808396 | 2363% |
5 | 2009-10 | 302840 | 944191 | 1681% |
6 | 2010-11 | 313477 | 892761 | (-)990% |
आधारप्रमाणित की उपलब्धता, वितरण एवं अव6ोष बीज :-
क्रमांक | वर्ष | उपलब्धता | वितरण | अव6ोष |
1 | 2011-12 | 309297 | 302106 | 7191 सम्भावित |
2 | 2010-11 | 336344 | 313477 | 22867 |
3 | 2009-10 | 303346 | 302840 | 506 |
4 | 2008-09 | 278634 | 276166 | 2471 |
5 | 2007-08 | 289736 | 276595 | 13141 |
6 | 2006-07 | 228600 | 223525 | 5075 |
7 | 2005-06 | 262724 | 243642 | 19082 |
8 | 2004-05 | 389924 | 318627 | 28703 |
वित्तीय वर्ष 2009-10 के खरीफ सीजन में कुल बीज मात्रा 171 लाख क्ंविटल बीज की उपलब्धता रही है जिसमें सोयाबीन बीज मात्रा 158 लाख क्ंविटल शामिल है। सोयाबीन बीज की मात्रा अभी तक सर्वाधिक रही है।
अन्य गतिविधियाँ
मार्च 2008 की स्थिति में बीज निगम के वार्षिक लेखों का अंकेक्षण 2001-02 तक अंकेक्षित हुआ था। वित्तीय वर्ष 2008-09 में चार वर्ष के लेखे एवं वित्तीय वर्ष 2009-10 में दो वर्ष के लेखे इस प्रकार से कुल छ: वर्षों के लेखों का अंकेक्षण कार्य पूरा किया गया। वर्ष 2008-09 एवं 09-10 के लिए वैधानिक अंकेक्षक की नियुक्ति की जा चुकी है और इन दोनों वर्षों के लेखों का अंकेक्षण माह मार्च 2012 तक पूर्ण होने पर बीज निगम लेखों की दृष्टि से अद्यतन की स्थिति में आ सकेगा।
कृषकों के हितों को ध्यान में रखते हुये वर्ष 2011-12 में ग्वालियर एवं दतिया में प्रक्रिया केन्द्र की स्थापना की गई है तथा दोनों केन्द्रों पर 8000 क्ंवि प्रति वर्ष क्षमता के नवीन बीज संसाधन संयंत्र स्थापित कराये गये हैं। इसके अतिरिक्त केन्द्र शासन से प्राप्त सहायता राशि रूपये 2,7375 लाख में से बीज निगम के 10 प्रक्रिया केन्द्रों का उन्नयन किया गया है तथा इन केन्द्रों पर 16000 क्ंवि प्रतिवर्ष क्षमता की अद्यतन मशीनें स्थापित कराई जा चुकी है। केन्द्र शासन से प्राप्त सहायता राशि में से 1000 एमटी क्षमता के 13 गोदाम प्रदेश के विभिन्न निगम प्रक्रिया केन्द्रों के लिये निर्माण कराने की कार्यवाही की जा रही है।
क़ृषकों को बीज अनुदान की व्यवस्था
भारत सरकार की आईसोपाम योजना के अन्तर्गत बीज उत्पादन पर रू 1000- प्रति क्ंविटल एवं बीज वितरण पर रू 2000- प्रति क्ंविटल अथवा लागत का 50 प्रति6ात दोनों में से जो कम हो, अनुदान देने का प्रावधान है। तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मि6ान एवं आरक़ेवाय क़े अन्तर्गत अनाज फसलों पर रूपये 500- प्रति क्ंविटल अनुदान देने का प्रावधान है। यह रा6ाि भारत सरकार से राज्य शासन को प्राप्त होती है और राज्य शासन का कृषि संचालनालय जिला स्तर पर बीज निगम को भुगतान करता है।
आपके पास सोयाबीन बीज जे एस 2172 उपलब्ध है या नही।
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