वर्षा जल संचयन के लाभ
आज की दुनिया में पानी का उपयोग घर, कृषि और व्यापार के क्षेत्र में अत्यधिक उपयोग में लाया जाने लगा है। अब ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में भी अत्यधिक बोरवेल स्थापित हो जाने पर भी मिट्टी के अंदर जल स्तर कम होने लगा है और कुछ जगहों पर तो कई बोरवेल बंद भी हो चुके हैं। ऐसे में पानी को संरक्षित यानी कि जल संरक्षण के विषय में हमें जल्द से जल्द सोचना होगा क्योंकि जल ही जीवन है। आज ना सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में बोरवेल बल्कि शहरी क्षेत्रों में कई बड़े कल कारखानों में पानी का उपयोग होने के कारण भी पानी की किल्लत होने लगी है।
ऐसे में घरेलू और व्यावसायिक उपयोग के लिए वर्षा जल को संरक्षित करना सबसे आसान और बेहतरीन तरीका माना जाता है। भगवान की कृपा से प्रतिवर्ष थोड़ी बहुत वर्षा हर क्षेत्र में होती है ऐसे में कुछ चीजों का ध्यान और प्रक्रियाओं के माध्यम से हम वर्षा के जल को संरक्षित करके रख सकते हैं।
वर्षा जल संचयन या रेन वाटर हारवेस्टिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिस में हम वर्षा के पानी को जरूरत की चीजों में उपयोग कर सकते हैं। वर्षा के पानी को एक निर्धारित किए हुए स्थान पर जमा करके हम वर्षा जल संचयन कर सकते हैं। इसको करने के लिए कई प्रकार के तरीके है जिनकी मदद से हम रेन वाटर हारवेस्टिंग कर सकते हैं। इन तरीकों में जल को मिट्टी तक पहुंचने (भूजल) से पहले जमा करना जरूरी होता है।
इस प्रक्रिया में ना सिर्फ वर्षा जल को संचयन करना बंद की साथ ही उसे स्वच्छ बनाना भी शामिल होता है। वर्षा जल संचयन कोई आधुनिक तकनीक नहीं है यह कई वर्षों से उपयोग में लाया जा रहा है परंतु धीरे-धीरे इसमें भी नई टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ते चले जा रहा है ताकि रेन वाटर हारवेस्टिंग आसानी और बेहतरीन तरीके से हो सके।
वर्षा जल संचयन करने के कई तरीके हैं। इनमें से कुछ तरीके वर्षा जल का संचयन करने में बहुत ही कारगर साबित हुए हैं। संचयन किए हुए वर्षा जल को हम व्यावसायिक और साथ ही घरेलू उपयोग में भी ला सकते हैं। इन तरीकों में कुछ तरीकों के जमा किए हुए पानी को हम घरेलू उपयोग में ला सकते हैं और कुछ तरीकों से बचाए हुए पानी का हम व्यापारी क्षेत्र में उपयोग में ला सकते हैं। चलिए रेन वाटर हारवेस्टिंग के इन बेहतरीन तरीकों को जानते हैं।
सतह जल वह पानी होता है जो वर्षा के बाद ज़मीन पर गिर कर धरती के निचले भागों में बहकर जाने लगता है। गंदी अस्वस्थ नालियों में जाने से पहले सतह जल को रोकने के तरीके को सतह जल संग्रह कहा जाता है। बड़े-बड़े ड्रेनेज पाइप के माध्यम से वर्षा जल को कुआं,नदी, ज़क तालाबों में जमा करके रखा जाता है जो बाद में पानी की कमी को दूर करता है।
2. छत प्रणाली Rooftop systemइस तरीके में आप छत पर गिरने वाले बारिश के पानी को संजय करके रख सकते हैं। ऐसे में ऊंचाई पर खुले टंकियों का उपयोग किया जाता है जिनमें वर्षा के पानी को संग्रहित करके नलों के माध्यम से घरों तक पहुंचाया जाता है। यह पानी स्वच्छ होता है जो थोड़ा बहुत ब्लीचिंग पाउडर मिलाने के बाद पूर्ण तरीके से उपयोग में लाया जा सकता है।
बड़े बड़े बांध के माध्यम से वर्षा के पानी को बहुत ही बड़े पैमाने में रोका जाता है जिन्हें गर्मी के महीनों में या पानी की कमी होने पर कृषि, बिजली उत्पादन और नालियों के माध्यम से घरेलू उपयोग में भी इस्तेमाल में लाया जाता है। जल संरक्षण के मामले में बांध बहुत उपयोगी साबित हुए हैं इसलिए भारत में कई बांधों का निर्माण किया गया है और साथ ही नए बांध बनाए भी जा रहे हैं।
यह भी एक बेहतरीन तरीका है जिसके माध्यम से हम भूमि के अंदर पानी को संरक्षित रख सकते हैं। इस प्रक्रिया में वर्षा जल को एक भूमिगत गड्ढे में भेज दिया जाता है जिससे भूमिगत जल की मात्रा बढ़ जाती है। साधारण रूप से भूमि के ऊपर ही भाग पर बहने वाला जल सूर्य के ताप से भाप बन जाता है और हम उसे उपयोग में भी नहीं ला पाते है परंतु इस तरीके में हम ज्यादा से ज्यादा पानी को मिट्टी के अंदर बचा कर रख पाते हैं। यह तरीका बहुत ही मददगार साबित हुआ है क्योंकि मिट्टी के अंदर का पानी आसानी से नहीं सूखता है और लंबे समय तक पंप के माध्यम से हम उसको उपयोग में ला सकते हैं।
यह साधारण प्रक्रिया है जिसमें बारिश के पानी को तालाबों और छोटे पानी के स्रोतों में जमा किया जाता है। इस तरीके में जमा किए हुए जल को ज्यादातर कृषि के कार्यों में लगाया जाता है क्योंकि यह जल दूषित होता है।
1. घरेलू काम के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी बचा सकते हैं और इस पानी को कपड़े साफ करने के लिए खाना पकाने के लिए, तथा घर साफ करने के लिए, नहाने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
2. बड़े-बड़े कल कारखाना में स्वच्छ पानी के इस्तमाल में लाकर बर्बाद कर दिया जाता है ऐसे में वर्षा जल को संचय करके इस्तमाल मैं लाना जल को सुरक्षित करने का एक बेहतरीन उपाय है। ज्यादा से ज्यादा पानी की बचत और जल संचयन करने के लिए ऊपर दिए हुए तरीकों का उपयोग कंपनियां कर सकती हैं।
3. कुछ ऐसे शहर और गांव होते हैं जहां पानी की बहुत ज्यादा कमी होती है और गर्मी के महीने में पानी की बहुत किल्लत होती है ऐसे में उन क्षेत्रों में पानी को भी लोग बेचा करते हैं। ऐसी जगह में वर्षा के महीने में जल संचयन करना गर्मी के महीने में पानी की कमी को कुछ प्रतिशत तक कम कर सकता है।
4. वर्षा जल संचयन के द्वारा ज्यादा से ज्यादा पानी एकत्र किया जा सकता है जिससे मुफ्त में गर्मी के महीनों में कृषि से किसान पैसे कमा सकते हैं तथा पानी पर होने वाले खर्च को भी बचा सकते हैं। इसकी मदद से साथ ही ज्यादा बोरवेल वाले क्षेत्रों में बोरवेल के पानी को सूखने से भी रोका जा सकता है। ऐसा तभी संभव हो सकता है जब वर्षा ऋतु में ज्यादा से ज्यादा वर्षा के पानी का उपयोग कृषि के लिए लगाया जाए और गर्मी के महीने में वर्षा ऋतु में बचाए हुए जल का इस्तेमाल किया जाए।
5. वर्षा जल संचयन या रेन वाटर हारवेस्टिंग से ज्यादा से ज्यादा पानी को अलग-अलग जगहों में इकट्ठा किया जाता है जैसे बांधों में, कुओं में और तालाबों में। अलग-अलग जगहों में पानी का संचयन करने के कारण जमीन पर बहने वाले जल की मात्रा में कमी आती है जिससे बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा को रोकने में मदद मिलती है। बाढ़ होने पर कई प्रकार से उस क्षेत्र को आर्थिक रूप से क्षति पहुंचती है इसलिए इस चीज को रोक पाना लोगों के लिए एक अच्छी सुविधा और लोगों की आर्थिक मजबूती को बनाए रखना है।6. आज दुनिया एक आधुनिक टेक्नोलॉजी से जुड़ी दुनिया बन चुकी है। ऐसे में लोगों के बढ़ती जनसंख्या के कारण आज विश्व के हर एक क्षेत्र मे बड़ी बड़ी इमारतों का निर्माण हो रहा है। यह बात तो साधारण है कि इन इमारतों के निर्माण के लिए सबसे ज्यादा पानी का उपयोग हो रहा है। ऐसे में वर्षा जल संचयन के माध्यम से बचाए हुए पानी को इन इमारतों के निर्माण मैं लगा कर कई प्रतिशत स्वच्छ पानी को बचा सकते हैं।
7. पूरे वर्ष लोग आसपास के जमीन में कचरा फेंकते हैं और बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां अपने कारखानों से निकली हुई जहरीली या रासायनिक पानी को पास के क्षेत्रों में निकाल देते हैं। परंतु मुश्किल तब आती है जब बारिश का महीना आता है क्योंकि बारिश होने पर वही रासायनिक पदार्थ और कचरा जमीन पर बहते हुए पानी से मिलता है और लोगों के खेतों, तालाबों और कुओं में जाकर गिरता है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा वर्षा के पानी को जमीन पर ना बहने देकर उसे किसी अन्य स्थान पर इकट्ठा करके हम उपयोग में ला सकते हैं और अपने आसपास के जल स्रोतों को भी इन जहरीले रासायनिक तत्वों से दूर रख सकते हैं।
8. वर्षा जल संचयन किसानों के लिए सबसे कारगर साबित हुआ है क्योंकि वर्षा के पानी को बचाकर आज ज्यादातर किसान गर्मियों के महीने में बहुत ही आसानी से पानी की कमी को दूर कर पाए हैं।
9. ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक पानी को इस्तेमाल करने से स्वच्छ पीने लायक पानी को हम ज्यादा से ज्यादा बचा सकते हैं। वर्षा पानी को शौचालय के लिए, नहाने के लिए और बर्तन धोने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
1. रेन वाटर हार्वेस्टिंग की मदद से जमा किए हुए पानी को इस्तेमाल करने से पहले अच्छे से फिल्टर किया जाना चाहिए जिससे कि इसमें मौजूद अशुद्धियां पानी से अलग हो जाए।
2. वर्षा के पानी को ऐसे बर्तन या पात्रों में रखना चाहिए जो धूप के संपर्क पर आने पर जहरीले तत्व ना बनाते हों
3. वर्षा जल संचयन द्वारा जमा किए हुए पीने के पानी को अच्छे से उबालना बहुत जरूरी है ताकि इसमें मौजूद जहरीले तत्व और बैक्टीरिया का सफ़ाया हो जाए।
Varsha JAL ka labh
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