Aadhunik Kaal Ke Kavi Aur Unki Rachnayein आधुनिक काल के कवि और उनकी रचनाएँ

आधुनिक काल के कवि और उनकी रचनाएँ

Pradeep Chawla on 12-05-2019

अल्मोड़ा निवासी सुमित्रानंदन पंत छायावादी युग के प्रवर्तक के रूप में हिन्दी साहित्य में अभिहित हुये। इस युग को जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ और रामकुमार वर्मा जैसे छायावादी प्रकृति उपासक-सौन्दर्य पूजक कवियों का युग कहा जाता है। सुमित्रानंदन पंत का प्रकृति चित्रण इन सबमें श्रेष्ठ था। उनका जन्म ही बर्फ़ से आच्छादित पर्वतों की अत्यंत आकर्षक घाटी अल्मोड़ा में हुआ था, जिसका प्राकृतिक सौन्दर्य उनकी आत्मा में आत्मसात हो चुका था। झरना, बर्फ, पुष्प, लता, भंवरा गुंजन, उषा किरण, शीतल पवन, तारों की चुनरी ओढ़े गगन से उतरती संध्या ये सब तो सहज रूप से काव्य का उपादान बने। निसर्ग के उपादानों का प्रतीक व बिम्ब के रूप में प्रयोग उनके काव्य की विशेषता रही। उनका व्यक्तित्व भी आकर्षण का केंद्र बिंदु था, गौर वर्ण, सुंदर सौम्य मुखाकृति, लंबे घुंघराले बाल, उंची नाजुक कवि का प्रतीक समा शारीरिक सौष्ठव उन्हें सभी से अलग मुखरित करता था।

जन्म और परिवार

सुमित्रानंदन पंत (मई 20 1900 – 1977) हिंदी में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। उनका जन्म अल्मोड़ा ज़िले के कौसानी नामक ग्राम में मई 20 1900 को हुआ। जन्म के छह घंटे बाद ही माँ को क्रूर मृत्यु ने छीन लिया। शिशु को उसकी दादी ने पाला पोसा। शिशु का नाम रखा गया गुसाई दत्त।वे सात भाई बहनों में सबसे छोटे थे।

शिक्षा

गुसाई दत्त की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा अल्मोड़ा में हुई। सन् १९१८ में वे अपने मँझले भाई के साथ काशी आ गए और क्वींस कॉलेज में पढ़ने लगे। वहाँ से मैट्रिक उत्तीर्ण करने के बाद वे इलाहाबाद चले गए। उन्हें अपना नाम पसंद नहीं था, इसलिए उन्होंने अपना नाम रख लिया – सुमित्रानंदन पंत। यहाँ म्योर कॉलेज में उन्होंने इंटर में प्रवेश लिया। महात्मा गांधी के आह्मवान पर अगले वर्ष उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया और घर पर ही हिन्दी, संस्कृत, बँगला और अंग्रेजी का अध्ययन करने लगे।

कार्यक्षेत्र

सुमित्रानंदन सात वर्ष की उम्र में ही जब वे चौथी कक्षा में पढ़ रहे थे, कविता लिखने लग गए थे। सन् १९०७ से १९१८ के काल को स्वयं कवि ने अपने कवि-जीवन का प्रथम चरण माना है। इस काल की कविताएँ वीणा में संकलित हैं। सन् १९२२ में उच्छवास और १९२८ में पल्लव का प्रकाशन हुआ। सुमित्रानंदन पंत की कुछ अन्य काव्य कृतियाँ हैं – ग्रंथि, गुंजन, ग्राम्या, युंगात, स्वर्ण-किरण, स्वर्णधूलि, कला और बूढ़ा चाँद, लोकायतन, चिदंबरा, सत्यकाम आदि। उनके जीवनकाल में उनकी २८ पुस्तकें प्रकाशित हुईं, जिनमें कविताएं, पद्य-नाटक और निबंध शामिल हैं। श्री सुमित्रानंदन पंत अपने विस्तृत वाङमय में एक विचारक, दार्शनिक और मानवतावादी के रूप में सामने आते हैं किंतु उनकी सबसे कलात्मक कविताएं ‘पल्लव’ में संकलित हैं, जो 1918 से 1925 तक लिखी गई ३२ कविताओं का संग्रह है।

समालोचना

उनका रचा हुआ संपूर्ण साहित्य ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ के संपूर्ण आदर्शों से प्रभावित होते हुए भी समय के साथ निरंतर बदलता रहा है। जहां प्रारंभिक कविताओं में प्रकृति और सौंदर्य के रमणीय चित्र मिलते हैं वहीं दूसरे चरण की कविताओं में छायावाद की सूक्ष्म कल्पनाओं व कोमल भावनाओं के और अंतिम चरण की कविताओं में प्रगतिवाद और विचारशीलता के। उनकी सबसे बाद की कविताएं अरविंद दर्शन और मानव कल्याण की भावनाओं सो ओतप्रोत हैं।

पुरस्कार व सम्मान

हिंदी साहित्य की इस अनवरत सेवा के लिए उन्हें पद्मभूषण(1961), ज्ञानपीठ(1968), साहित्य अकादमी , तथा सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार

जैसे उच्च श्रेणी के सम्मानों से अलंकृत किया गया। सुमित्रानंदन पंत के नाम पर कौशानी में उनके पुराने घर को जिसमें वे बचपन में रहा करते थे, सुमित्रानंदन पंत वीथिका के नाम से एक संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। इसमें उनके व्यक्तिगत प्रयोग की वस्तुओं जैसे कपड़ों, कविताओं की मूल पांडुलिपियों, छायाचित्रों, पत्रों और पुरस्कारों को प्रदर्शित किया गया है। इसमें एक पुस्तकालय भी है, जिसमें उनकी व्यक्तिगत तथा उनसे संबंधित पुस्तकों का संग्रह है।

उनका देहांत 1977 में हुआ। आधी शताब्दी से भी अधिक लंबे उनके रचनाकर्म में आधुनिक हिंदी कविता का पूरा एक युग समाया हुआ है।

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Comments Ansh on 25-05-2023

आधुनिक काल प्रमुख कवि और उनकी रचनाएं

Naitik on 20-05-2023

आधुनिक काल के चार कवि ओर उनकी रचनाओं

Mohan on 05-04-2023

Aadhunik kal ke do Kavi ke naam aur unki rachnaen

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Bushra on 17-03-2023

Aadhunik Kal ke do Kavi aur Unki rachnaen

Jawab den on 16-02-2023

Hindi sahitya ke aadhunik kal ki Rachna

पूछे on 13-02-2023

आधुनिक काल के कवि एवं उनके रचनाऐ बताओ

आशीष on 13-01-2023

आधुनिक काल के पांच लेखक एवं उनकी रचनाएं

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Aadhunik kal ki rachna hai on 01-11-2022

Aadhunik kal ki rachna hai

Unknown boy on 16-09-2022

आधुनिक काल के कवि और रचनाएँ

Atul Patel on 22-03-2022

Kal ke kavi AVN unki rachnaen

अनिल on 22-03-2022

अाधुनिक काल के कवि एवं उनकी रचनाएं

Shrikant painkra on 17-03-2022

तत्कालीन कवि और उसकी कृतियाँ क्या क्या है सुमित्रानंदन पंत क्या तत्कालीन कवि है

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Arun on 05-09-2021

Dyubtt

Chanda on 17-03-2021

Aadikal ke Kavi v rachnai

Chanda on 17-03-2021

Aafhunik Kal ke Kavi or unki rachnai

Chunnu on 11-03-2021

Aadhunik kaal ke kavi thata rachana

Khushboo on 02-03-2021

Aadhunik Kal ke kavi ka naam aur Unki Rachna kaun kaun se Hain

Aarti on 03-02-2021

Aadhunik kal ke kavi aur unki rachnaen

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Sangital jayseal on 26-01-2021

Aadhunik kall ke kaviyo ke name

Aslam khan on 19-02-2020

Aadhunik Kal ke kavi AVN Unki rachnaen

Neeraj Chauhan on 16-02-2020

Aadhuni yug me char kaviyon ke naam

Kabir das Kis Kal ke kavi hai on 13-09-2019

Kabir das Kis Kal ke kabir h

Rudra Rudra on 16-07-2019

Adhunik kaal ke kavi aur rachanay

Kavi ki rachnaye on 12-05-2019

Kavi ki rachanaye

मुसकान सिंह on 12-05-2019

Syed rafiq की रचनाए

Ajaj on 12-05-2019

Adhunikkaal Kay kavi and racnaye

Ruchika on 03-05-2019

Kabir das ki Kavita or vo kis kal Ka Kavi h

Saurabh Kumar on 26-04-2019

Indian poet and AK AK Rachana

sanat sanat on 26-04-2019

aadhunik kaal ke kavi

Khushi on 04-01-2019

Mujhe new generation ke Hindi poet or unke bre. M sb kch or unki photos cahiye Kam see Kam 7poet

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