सृजनात्मक चिंतन परीक्षण का निर्माण
Pradeep Chawla on 23-09-2018
सृजनात्मकता चिन्तन की अवस्थाएं -
कोर्इ भी व्यक्ति किसी भी समस्या का समाधान कर रहा हो या सृजनात्मकता चिन्तन कर रहा हो उसे मुख्य रूप से चार अवस्थाओं से गुजरना होता है।
- तैयारी- इस अवस्था में व्यक्ति को समस्या के पक्ष व विपक्ष में आवश्यक तथ्य एकत्र करने होते है। जैसे एक चित्रकार को अपनी पेन्टिंग बनाने से पूर्व किसी प्राकृतिक स्थान पर बैठकर रंग, आकार, रोशनी आदि का ज्ञान प्राप्त करना होता है।
- उद्भवन - यह चिन्तन की वह अवस्था है जिसमें व्यक्ति की निष्क्रियता बढ़ जाती है। यह निष्क्रिय अवस्था लम्बी तथा छोटी दोनो प्रकार की हो सकती है। इस अवस्था में व्यक्ति समस्या के समाधान के बारे में चिन्तन छोड़कर विश्राम करने लगता है।
- प्रबोधन- इस अवस्था में अचानक व्यक्ति को समस्या का समाधान दिखायी देता है। उद्भवन की अवस्था में व्यक्ति अचेतन रूप से समस्या के भिन्न-भिन्न पहलुओं को पुनसंगठित करता है और उसे अचानक समस्या का समाधान नजर आ जाता है।
- प्रमाणीकरण - सृजनात्मकता के लिए परे्रणा अति आवश्यक हाते ी है क्योंकि यह सामग्री की व्यवस्था करती है। कल्पना के द्वारा जो कार्य शुरू किया जाता है उसे बुद्धि एवं निर्णय के द्वारा पूर्ण किया जाता है। इस अवस्था में समस्या के समाधान की जांच होती है कि वह ठीक है अथवा नही।
सृजनशील व्यक्ति की विशेषताएं -
मनोवैज्ञानिकों ने सृजनशील व्यक्ति की विशेषताओं को समझने के लिए अनेक अध्ययन किये जिसमें मुख्य रूप से व्यक्तित्व परीक्षणों तथा जीवन के अनुभवों का प्रयोग किया गया। मेकिनन तथा उनके सहयोगियों ने वैज्ञानिकों, आविष्कारकों तथा विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोगों का अध्ययन करके कुछ गुणों का निर्धारण किया।
- कम बुद्धि वाले व्यक्तियों में सृजनात्मकता चिन्तन नही के बराबर होता है।
- सृजनशील व्यक्तियों में अन्य व्यक्तियों की अपेक्षा वातावरण के प्रति संवेदना अधिक पायी जाती है।
- सृजनशील व्यक्तियों के विचारों तथा क्रियाओं में स्वंत्रता देखी जाती है।
- ये व्यक्ति किसी भी घटना, चीज व वस्तु को गंभीरता से नही होते है वरन् प्रत्येक कार्य को मनोविनोद से करते हैं।
- सृजनशील व्यक्ति किसी भी विषय पर अधिक विचार व्यक्त करते है।
- सृजनात्मकता व्यक्तियों में अन्य व्यक्तियों ज्यादा लचीलापन पाया जाता है।
- सृजनात्मकता विचारको में हमेशा एक नवीन जटिल समस्या का समाधान करते हैं। चिन्तन के आधार पर नयी चीज व घटना की खोज करते है।
- सृजनशील व्यक्ति अपनी इच्छाओं का कम से कम दमन करते हैं। ऐसे व्यक्ति इस बात की परवाह नही करते हैं कि दूसरे व्यक्ति क्या सोचेंगे तथा वे अपनी इच्छाओं तथा आवेगों का आदर करते है।
- सृजनशील व्यक्ति अपने विचारों को खुलकर अभिव्यक्त करते हैं तथा उन्हें तर्कपूर्ण तरह से प्रस्तुत करते हैं।
- सृजनशील व्यक्ति रूढ़िवादी विचारों को सन्देह की दृष्टि से देखते हैं।
- सृजनात्मकता व्यक्ति विभिन्न प्रकार की बाधाओं को दूर करते हुए धैर्यपूर्वक अपना कार्य करते हैं।
- सृजनात्मकता व्यक्तियों में अपने कार्य के प्रति आत्मविश्वास पाया जाता है ऐसे व्यक्ति लक्ष्य के प्रति संवेदनशील होते है।
सृजनात्मकता को बढा़ने के उपाय -
प्रत्येक व्यक्ति में सृजनशील होने के गुण होते हैं परन्तु अच्छा वातावरण न मिल पाने के कारण इसका विकास नही हो पाता है। सृजनात्मकता को उन्नत बनाने के लिए आसवार्न ने विक्षिप्तकरण विधि को महत्वपूर्ण बताया है। इस विधि में व्यक्ति को अधिक से अधिक संख्या में नये-नये विचारों को देना होता है तथा अन्य लोगों के विचारों को भी संयोजित कर सकते हैं इसमें प्रत्येक व्यक्ति अपने आप को तथा एक दूसरे को प्रोत्साहित करता है। अनुसंधानों से यह पता चलता है कि विक्षिप्तकरण से विचारों की गुणवत्ता तथा मात्रा दोनों में बढ़ोत्तरी होती है।
सृजनात्मकता को उन्नत बनाने के लिए गौर्डन द्वारा साइनेक्टिस विधि का प्रयोग किया गया है। इसमें सादृश्यता का प्रयोग किया गया है। मुख्य रूप से व्यक्तिगत सादृश्यता इस तरह की सादृश्यता में व्यक्ति को अपने आप को किसी परिस्थिति में रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। जैसे यदि आप यह चाहते हैं कि कोर्इ खास मशीन ठीक ढंग से कार्य करे तो कल्पना करें कि खुदही वह मशीन है। प्रत्यक्ष सादृश्यता इसमें व्यक्ति को ऐसी चीजे पाने या खोजने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जो समस्या के समाधान में सहायता करता है। सांकेतिक सादृश्यता में वस्तुनिष्ठ अव्यक्तिक का प्रयोग करके सर्जनात्मकता बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। कल्पनाचित्र सादृश्यता में व्यक्ति किसी घटना या वस्तु पर सामान्य सीमाओं से स्वतंत्र होकर कल्पना करता है। इन विधियों के उपयोग द्वारा उद्योग, व्यवसाय तथा शिक्षा के क्षेत्र में लोगों की सृजनात्मकता को बढ़ाया जाता है।
सृजनात्मकता का मापन-
सृजनात्मकता व्यक्ति का घनात्मक गुण है अत: मनोवैज्ञानिकों ने इसकी माप के लिए विभिन्न परीक्षण बनाये हैं। परन्तु सबसे प्रचलित टारेंस का परीक्षण है। सृजनात्मकता को मापने के लिए टारेन्स ने 1966 में एक परीक्षण बनाया जो अत्यन्त लोकप्रिय साबित हुआ। इस परीक्षण के दो भाग है - शाब्दिक भाग तथा आकृतिक भाग। शाब्दिक भाग के सात उपभाग है। प्रत्येक उपभाग अपने में पूर्ण है तथा सर्जनात्मकता का मापन करने में सक्षम है।
- पूछना तथा अनुमान करना - इस उपभाग में व्यक्ति को एक तस्वीर या आकृति दी जाती है तथा उससे यह अनुमान लगाने को कहा जाता है कि यह आकृति किस तरह से तथा किन कारकों से बनी है तथा तस्वीर में आगे क्या होने वाला है। इस उपभाग को पूर्ण करने की समय 5 मिनट है।
- कारण- इस उपभाग की समय सीमा भी 5 मिनट है इसमें एक तस्वीर दी गयी है जिसे देखकर एक कहानी लिखनी होती है।
- उत्पादन उन्नति - इस उपभाग में 6 मिनट में व्यक्ति को दिये गये खिलौने से कुछ ऐसा करने का सुझाव देने को कहा जाता है जिससे वह कुछ अजूबा दिखायी दे।
- अनुमानित परिणाम- इस उपभाग की समय सीमा 5 मिनट है।
- असाधारण उपयोग - इसमें व्यक्ति से साधारण वस्तु जैसे टीन आदि के असाधारण उपयोग जो उसके मन में आ सकते हैं लिखने को कहा जाता है। इस उपभाग की समय सीमा 10 मिनट है।
- असाधारण प्र्रश्न- इस उपभाग की समयसीमा 5 मिनट है। इसमें व्यक्ति को टीन के बक्से को देखकर जितने प्रश्न आते है उन्हें लिखना है।
- मान लीजिए- इसमें व्यक्ति के सामने एक असम्भव स्थिति दी जाती है तथा यह पूछा जाता कि इस असम्भव स्थिति के उत्पन्न हो जाने पर क्या होगा। आकृति भाग में व्यक्ति की सृजनात्मकता के मापन के लिए तीन उपपरीक्षणों का प्रयोग किया जाता है।
- आकृति बनाना- इसमें व्यक्ति को एक आकृति को बनाना है तथा उसका शीर्षक भी लिखना है।
- आकृति पूर्ण करना- इसमें 10 मिनट में दस अपूर्ण चित्रों को पूर्ण करना है साथ ही उसका शीर्षक भी लिखना है।
- सामान्तर रेखा- इसमें दस सामान्य रेखाओं के युग्म दिये जाते हैं जिसे आधार मानकर उसे पूर्ण करना है अथवा आकृति बनानी है।
Advertisements
Advertisements
Comments
Monika on 22-03-2022
Leaf se rangoli kyese banane
सिंकू सूर्या on 12-05-2019
मनोबिज्ञान एक बिग्यान है कैशे
Preeti on 02-11-2018
Srijnatmak chintan parikshan ka nirman kisne kiya
Advertisements
Gauri on 06-09-2018
Sijnatak Chintan ke pratipadak
Advertisements
आप यहाँ पर gk, question answers, general knowledge, सामान्य ज्ञान, questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं।
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें
Culture
Current affairs
International Relations
Security and Defence
Social Issues
English Antonyms
English Language
English Related Words
English Vocabulary
Ethics and Values
Geography
Geography - india
Geography -physical
Geography-world
River
Gk
GK in Hindi (Samanya Gyan)
Hindi language
History
History - ancient
History - medieval
History - modern
History-world
Age
Aptitude- Ratio
Aptitude-hindi
Aptitude-Number System
Aptitude-speed and distance
Aptitude-Time and works
Area
Art and Culture
Average
Decimal
Geometry
Interest
L.C.M.and H.C.F
Mixture
Number systems
Partnership
Percentage
Pipe and Tanki
Profit and loss
Ratio
Series
Simplification
Time and distance
Train
Trigonometry
Volume
Work and time
Biology
Chemistry
Science
Science and Technology
Chattishgarh
Delhi
Gujarat
Haryana
Jharkhand
Jharkhand GK
Madhya Pradesh
Maharashtra
Rajasthan
States
Uttar Pradesh
Uttarakhand
Bihar
Computer Knowledge
Economy
Indian culture
Physics
Polity
इस टॉपिक पर कोई भी जवाब प्राप्त नहीं हुए हैं क्योंकि यह हाल ही में जोड़ा गया है। आप इस पर कमेन्ट कर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।