बिहार भूमि विवाद समाधान अधिनियम 2012
विभागान्तर्गत महत्त्वपूर्ण योजनाओं एवं कार्यों की प्रगति : 2012-13
(1) महादलित विकास योजना-
महादलित विकास योजना के अन्तर्गत वासभूमि रहित महादलित परिवारों को प्रति
परिवार 03 डिसमिल वास भूमि उपलब्ध कराने की योजना वित्तीय वर्ष 2009-10 से
राज्य में लागू है। इस योजना के अन्तर्गत सर्वप्रथम वासभूमि रहित महादलित
परिवारों को गैरमजरूआ मालिक/खास, गैरमजरूआ आम तथा बी0 पी0 पी0 एच0 टी0 एक्ट
के तहत बन्दोबस्ती द्वारा वासभूमि उपलब्ध कराया जाना है। जिन वासभूमि रहित
परिवारों को उपर्युक्त श्रेणी के भूमि से आच्छादित नहीं किया जा सकता है,
उन्हें रैयती भूमि की क्रय नीति के तहत 20000/- रूपए की वित्तीय अधिसीमा के
अधीन प्रति परिवार 03 डिसमिल रैयती भूमि क्रय कर वासभूमि उपलब्ध कराया
जाना है। अद्यतन सर्वेक्षण के अनुसार कुल 197845 वासरहित महादलित परिवार
हैं, जिन्हें इस योजना के तहत वासभूमि उपलब्ध कराया जाना है।
(2) पुनःसर्वेक्षण (द्वितीय चरण का सर्वेक्षण)-
महादलित योजनान्तर्गत प्रथम चरण के सर्वेक्षण के दौरान जो परिवार किसी
कारणवश छूट गए थे, अथवा इस दौरान व्यस्क होकर पृथक परिवार के रूप में
स्थापित हो गए हैं, का पुनसर्वेक्षण (द्वितीय चरण का सर्वेक्षण) कराया गया
है। पुनसर्वेक्षण (द्वितीय चरण का सर्वेक्षण) के दौरान कुल-45,842 वासभूमि
रहित महादलित परिवार चिन्हित किए गए हैं।
(3) गृह-स्थल योजना- राज्य में सुयोग्य श्रेणी यथा
अनुसूचित जाति (महादलित को छोड़कर), अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति
एनेक्सर-1 तथा एनेक्सर-2 वैसे परिवार जिन्हें वासभूमि उपलब्ध नहीं है तथा
जिन्हें सरकारी भूमि अथवा बी0 पी0 पी0 एच0 टी0 एक्ट के तहत पर्चा द्वारा
वासभूमि उपलब्ध कराना सम्भव नहीं है, के लिए 20000.00 रूपए की वित्तीय
अधिसीमा के अधीन प्रति परिवार 03 डिसमिल रैयती भूमि क्रय कर वासभूमि उपलब्ध
कराने हेतु गृहस्थल योजना राज्य में लागू हो गई है। इस योजना के अन्तर्गत
वित्तीय वर्ष 2012-13 में 500.00 लाख रूपए का आवंटन राज्य के जिलों को
उपलब्ध कराया गया है। अबतक जिलों द्वारा कुल-70.05352 लाख रूपए का व्यय कर
कुल-351 परिवारों को इस योजना के तहत वासभूमि उपलब्ध कराई गई है।
(4) सम्पर्क सड़क योजना- सम्पर्क सड़क
योजनान्तर्गत राज्य में वैसे ग्राम/टोले/मोहल्ले जिनका सम्पर्क मुख्य सड़क
से नहीं है, को मुख्य सड़क से जोड़ने हेतु रैयती भूमि के अर्जन के लिए
जिलों को वित्तीय वर्ष 2012-13 में 425.62 लाख रूपए आवंटित की गई है।
आवंटित राशि के विरूद्ध अबतक 47.41514 लाख रूपए का व्यय किया गया है। इस
योजना के अन्तर्गत अबतक 121 योजनाएँ पूर्ण करते हुए 120 ग्राम/टोले/मोहल्ले
को सम्पर्क सड़क से जोड़ा गया है।
(5) सम्पर्क सड़क (अनुसूचित जातियों के लिए विशेष घटक) योजना-
सम्पर्क सड़क (अनुसूचित जातियों के लिए विशेष घटक) योजनान्तर्गत राज्य
में अनुसूचित जातियों के लिए गृहस्थल हेतु रैयती भूमि के क्रय एवं अनुसूचित
जाति के ग्रामों/टोलों/मोहल्लों को सम्पर्क सड़क से जोड़ने के लिए रैयती
भूमि के अर्जन दोनों योजना में सम्मिलित हैं। इस योजना के अन्तर्गत राज्य
में वित्तीय वर्ष 2012-13 में 74.38 लाख रूपए का बजट उपबन्ध रहने के कारण
अनुसूचित जाति के लिए गृहस्थल योजनान्तर्गत रैयती भूमि के क्रय हेतु राज्य
के जिलों से 74.38 लाख रूपए आवंटित कर दी गई है।
(6) बिहार भूमि न्यायाधिकरण- बिहार भूमि
न्यायाधिकरण अधिनियम, 2009 राज्य में लागू है। इस अधिनियम की धारा-4 (प) के
अधीन अध्यक्ष, सदस्य (न्यायिक) एवं सदस्य (प्रशासनिक) की नियुक्ति वित्तीय
वर्ष, 2011-12 में की गई है तथा उनके द्वारा कार्यो का सम्पादन भी किया जा
रहा है। बिहार भूमि न्यायाधिकरण दिनांक-16.10.2012 से 11/आॅफ पोलो रोड़,
पटना स्थित सरकारी भवन में क्रियाशील है।
(7) बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम के तहत वादों का निष्पादन-
उपर्युक्त अधिनियम के तहत सक्षम प्राधिकार उप समाहत्र्ता भूमि सुधार
हैं। भूमि विवाद निराकरण अधिनियम 2009 के अन्तर्गत प्रारभ्भ से अब तक भूमि
सुधार उप समाहर्ताओं के न्यायालय में कुल 29649 (उनतीस हजार छः सौ उनचास)
वाद दायर हुए हैं जिसमें कुल-20296 (बीस हजार दो सौ छियानवे) वादों का
निष्पादन अब तक किया जा चुका हैं। निष्पादन का प्रतिशत 68.45 हैं। शेष वाद
निष्पादन की प्रक्रिया में है।
(8) सरकारी भूमि का हस्तांतरण- वित्तीय वर्ष
2012-13 में अब तक 93 भूमि हस्तांतरण के मामले की स्वीकृत दी गई जिसके
अन्तर्गत कुल-589.10985 एकड़ सरकारी भूमि हस्तांतरित किये गये|
(9) भू-अर्जन- विकास प्रक्रिया में भू अर्जन एक
अनिवार्य आवश्यकता है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए विभिन्न केन्द्रीय एवं
राज्य परियोजनाओं के लिए भू अर्जन प्रक्रिया में तेजी लाने हेतु कदम उठाये
गये हैं। सरकार के द्वारा बिहार भू अर्जन पुनस्थापन एवं पुर्नवास नीति
2007 लागू की गई है। इसके तहत अर्जित की जाने वाली भूमि का मूल्य निर्धारण
भूमि के निबंधन हेतु मुद्रांक शुल्क अधिरोपित किये जाने वाले मूल्य पर 50
प्रतिशत जोड़कर सामान्य स्थिति में 30 प्रतिशत एवं भूधारी के द्वारा
स्वेच्छा से भूमि दिये जाने पर 60 प्रतिशत सोलेशियम भी दिया जाता है।
(10) बासगीत पर्चा- सुयोग्य श्रेणी के वयक्तियों
के बीच गृह हेतु वासगीत पर्चा का वितरण किया जाता है। वर्ष 2007-08 में
15700 व्यक्तियों के बीच बासगीत पर्चा वितरित की गई है, जिसमें 800.06 एकड़
भूमि सन्निहित है। वर्ष 2008-09 में 14184 व्यक्तियों के बीच 613.43 एकड़
भूमि पर्चा वितरीत हुआ। वर्ष 2009-10 में 10399 व्यक्तियों के बीच 366.03
एकड़ भूमि पर्चा वितरित हुआ। वर्ष 2010-11 में 15558 व्यक्तियों के बीच
532.51 एकड़ भूमि पर्चा वितरित हुआ। वर्ष 2011-12 में 10292 व्यक्तियों के
बीच 433.46 एकड़ भूमि वितरित की गई है। वर्ष 2012-13 (अक्टूबर, 12 तक) में
7577 व्यक्तियों के बीच 275.95 एकड़ भूमि वितरित की गई है। इस निमित लागू
कानून के तहत पात्र व्यक्ति द्वारा आवेदन दिये जाने के साथ-साथ राजस्व
कर्मियों के द्वारा सर्वेक्षण कराते हुए त्वरित कार्रवाई किये जाने हेतु
कार्य योजना बनाई जा रही है।
(11) भू-हदबंदी अधिनियम के तहत प्राप्त अधिशेष भूमि का वितरण-
भू हदबंदी अधिनियम के तहत सुयोग्य श्रेणी के व्यक्तियों के बीच अधिशेष
भूमि का वितरण किया जाना है।वित्तीय वर्ष 2007-08 में कुल 750 एकड़ लक्ष्य
के विरूद्ध 1825 लाभान्वितों के बीच 655.72 एकड. भूमि का वितरण किया गया।
वित्तीय वर्ष 2008-09 में कुल 155 लभान्वितों के बीच 64.09 एकड़ भूमि का
वितरण किया गया। वित्तीय वर्ष 2009-10 में कुल 98 लभान्वितों के बीच 27.72
एकड़ भूमि का वितरण किया गया। वित्तीय वर्ष 2010-11 में कुल 111 लभान्वितों
के बीच 43.98 एकड़ भूमि का वितरण किया गया। वित्तीय वर्ष 2011-12 एवं
वित्तीय वर्ष 2012-13 माह अक्टूबर,12 तक में प्रगति शून्य है।
(12) भू-दान- राज्य अन्तर्गत भूदान से प्राप्त
भूमि का वितरण बिहार भूदान यज्ञ कमिटी के माध्यम से किया जाता है। राज्य
में भूदान से प्राप्त कुल भूमि 6,48,593.14 एकड़ में से 3,45,349.02 एकड़
भूमि सम्पुष्ट की गई है। अभी तक 2,55,963.61 एकड़ भूमि वितरित की जा चुकी
है। वितरण के योग्य शेष बची हुई 6949.62 एकड़ भूमि के वितरण का कार्य कमिटी
द्वारा किया जा रहा है। बिहार भूदान यज्ञ कमिटी को राज्य सरकार द्वारा
प्रत्येक वर्ष अनुदान उपलब्ध कराया जाता है, जिससे भूदान भूमि के वितरण एवं
इससे जुड़े अन्य कार्यो पर व्यय की प्रतिपूर्ति होती है। वर्ष 2012-13 में
भूदान यज्ञ कमिटी को सहाय अनुदान मद में 1,43,78,000 रूपये का बजट उपबंध
किया गया है। वर्ष 2013-14 में भूदान यज्ञ कमिटी के लिए सहाय अनुदान हेतु
14378000 रूपये मात्र का बजट उपबंध प्रस्तावित है।
(13) दाखिल खारिज- वर्ष 2007-08 में अबतक कुल
803973 दाखिल खारिज वादों का निष्पादन किया गया है। वर्ष 2008-09 में कुल
974528 वादों का निष्पादन किया गया है।वर्ष 2009-10 में कुल 784938 वादों
का निष्पादन किया गया। वर्ष 2010-11 में दिसम्बर तक 642564 वादों का
निष्पादन किया गया। वर्ष 2011-12 में नवम्बर तक कुल 754402 वादों का
निष्पादन किया गया। वर्ष 2012-13 में दिसम्बर तक कुल 1177066 वादों का
निष्पादन किया गया। नामान्तरण की कार्रवाई पारदर्शी, प्रभावी एवं त्वरित
बनाने के उद्धेश्य से निबंधन कार्यालयों से अंचल अधिकारीगण को एल.एल.आर. फी
नोटिस के साथ निबंधित दस्तावेज की प्रति भी प्राप्त कराने का आदेश दिया
गया, ताकि विहित प्रक्रिया अनुसार नोटिस देते हुए अंचल अधिकारी नामान्तरण
की कार्रवाई अविलंब प्रारंभ करें। नामांतरण के पश्चात् शुद्धि पत्र
निर्गत किया जाना, जमाबन्दी कायम करते हुए मालगुजारी रसीद प्रदान कर हल्का
कर्मचारी के मांग पंजी में वांछित सुधार अबिलंम्ब करने का निर्देश दिया
गया। इसके अतिरिक्त विभागीय परिपत्र संख्या -473 (9) दिनांक 31.11.09
द्वारा प्रत्येक माह के द्वितीय एवं चतुर्थ मंगलवार को राज्य के सभी अंचलों
में राजस्व शिविर आयोजित कर मामलों का त्वरित निष्पादन करने का निदेश सभी
समाहत्र्ताओं को दिया गया है।
(14) सैंरातों की बन्दोबस्ती- वर्ष 2007-08 में
कुल 5954 सैरातों में से बंदोबस्त सैरातों की संख्या 3787 एवं राशि 460.30
लाख रूपया है।वर्ष 2008-09 में कुल सैरातों की संख्या 6071 में से
बंदोबस्त सैरातों की संख्या 4422 एवं राशि 605.15लाख रू0 है।वर्ष 2009-10
में कुल सैरातों की संख्या 7928 में से बंदोबस्त सैरातों की संख्या 4406
एवं राशि 916.42 लाख रू0 है। वर्ष 2010-11 में दिसम्बर,10 तक कुल सैरातों
की सं0-6927 में से बंदोबस्त सैरातों की संख्या-3368 एवं राशि 946.11 लाख
रू0 है। वर्ष 2011-12 में कुल सैरातों की सं0-6903 में से बन्दोबस्त
सैरातों की संख्या 3607 एवं राशि 102.33 लाख रूपये है। वर्ष
2012-13(अक्टूबर) तक कुल सैरातों की सं0-6095 में से बन्दोबस्त सैरातों की
संख्या 2743 एवं राशि 109.33 लाख रूपये है।
(15) निलामपत्र वाद- वर्ष 2007-08 में कुल 22773
निलामपत्र वादों में 104.66 करोड़ रू0 की वसूली की गई है ।वर्ष 2008-09
में कुल 106.97 करोड़ रूपये कह वसूली की गई। वर्ष 2009-10 में कुल 69.53
करोड़ रूपये वसूली की गई है। वर्ष 2010-11 (दिसम्बर 10 तक) 49.64 करोड़
रूपये की वसूली की गई। वर्ष 2011-12 में कुल 5589.18 करोड़ रूपये की वसूली
की गई। वर्ष 2012-13 में कुल 100.81 करोड़ रूपये की वसूली की गई। सभी
समाहत्र्ताओं को निदेश दिया गया है कि राशि के आधार पर
निलामपत्रवादों को वर्गीकृत करते हुए बड़े बकायेदारों के विरूद्ध वसूली की
कार्रवाई तेज करें।
(16) भू-लगान- भू-लगान की वसूली न सिर्फ़
राजस्व की दुष्टि से वरन भूमि संबंधी विवादों के निष्पादन एवं समाजिक शांति
बनाये रखने में भी अहम भूमिका अदा करता है। वर्ष-2007-08 में कुल माँग 100
करोड़ के विस्द्ध 27.46 करोड़ रूपये की वसूली की गई है जो लक्ष्य का 27.46
प्रतिशत है। वर्ष 2008-09 में कुल माँग 100 करोड़ के विरूद्ध 45.37 करोड़
रूपये की वसूली की गई जो लक्ष्य का 45.37 प्रतिशत है। वर्ष 2009-10 में कुल
माँग 110 करोड़ के विरूद्ध 39.16 करोड़ रूपये की वसूली की गई जो लक्ष्य का
35.60 प्रतिशत है। वर्ष 2010-11 में कुल लक्ष्य 112 करोड़ के विरूद्ध
19.62 करोड़ की वसूली की गई जो लक्ष्य का 17.49 प्रतिशत है। वर्ष 2011-12
में कुल माँग 140 करोड़ के विरूद्व 28.03 करोड़ की वसूली की गई जो लक्ष्य
का 20.02 प्रतिशत हैं। वर्ष 2012-13 में कुल माँग 185 करोड़ के विरूद्ध
43.55 करोड़ की वसूली की गई जो लक्ष्य का 23.54 प्रतिशत है।
(17) भूमि बैंक- कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था में
भूमि की एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण भूमि निर्विवाद है। सूचना प्राद्यौगिकी की
सर्वव्यापी उपयोगिता के मद्देनजर भू-अभिलेखों के निर्माण एवं संधारण सहित
समग्र भूमि प्रबन्धन व्यवस्था में इसे समाहित करते हुए एक व्यापक भूमि
संसाधन प्रबन्धन कार्यक्रम लागू किया जाएगा।
(18) भू-अभिलेखों का अद्यतनीकरण:- इस योजनान्तर्गत
कैडस्ट्रल सर्वेक्षण द्वारा तैयार किए गए भू-अभिलेखों को अद्यतन करते हुए
भूमि का पूर्ण सर्वेक्षण तथा खतियान का प्रकाशन तथा लगान निर्धारण करना
मुख्य उद्देश्य है। लगान निर्धारण के फलस्वरूप सरकार के राजस्व में
बढ़ोत्तरी होती है। यह एक जनकल्याणकारी योजना है, जिसमें रैयतों के हितो की
रक्षा की जाती है। इस उद्देश्य की प्राप्ति तथा भू-अभिलेखों के अद्यतनीकरण
कार्य हेतु बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बन्दोबस्त अधिनियम, 2011 अधिनियमित
किया गया है। बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त नियमावली, 2012 में
आधुनिक तकनीक के उपयोग से अद्यतन सर्वे मानचित्र के निर्माण का प्रावधान
किया गया है।
केन्द्र प्रायोजित योजना नेशनल लैण्ड रिकार्डस मॉडरनाईजेशन प्रोग्राम
- एन0एल0आर0एम0पी0 के अन्तर्गत आधुनिक तकनीक से राज्य के सभी जिलों के
खतियान/मानचित्र को अद्यतन करने की योजना है। इस कार्य हेतु बिहार विशेष
सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम, 2011 में आधुनिक तकनीक से री-सर्वे
मानचित्र तैयार करने का प्रावधान रखा गया है। आधुनिक तकनीक के रूप में हवाई
फोटोग्राफी तथा जमीनी सत्यापन के मिश्रित विकल्प का चुनाव किया गया है।
इस विकल्प का प्रयोग के तौर पर सर्वप्रथम नालन्दा जिला के कतरीसराय अंचल
में परीक्षण किया गया। परीक्षण के फलस्वरूप हवाई फोटोग्राफी से तैयार किये
गये री-सर्वे मानचित्रों को जमीनी सत्यापन के उपरान्त सर्वेक्षण एवं
बंदोबस्त कार्य हेतु उपयुक्त पाया गया है। उक्त मानचित्रों के आधार पर
कतरीसराय अंचल के चार राजस्व ग्रामों में खानापुरी का कार्य भी पूरा कर
लिया गया है एवं आगे की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। आधुनिक तकनीक के माध्यम
से तैयार किए गए मानचित्रों के सत्यापन के उपरांत भू-धारियों को अद्यतन
अधिकार अभिलेख (खतियान) की आपूर्ति संबंधित भू-खंड की मानचित्र की प्रति के
साथ प्राप्त करायी जाएगी।
कतरीसराय अंचल के परीक्षण के बाद राज्य के समस्त जिलों के
ग्रामीण क्षेत्रों का हवाई फोटोग्राफी से री-सर्वे मानचित्र तैयार करने की
प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है। इसके अन्तर्गत तीन अतिरिक्त तकनीकी रूप से
दक्ष एजेंसियों का चुनाव कर लिया गया है। विभाग के पास पूर्व से एक एजेंसी
उपलब्ध है। नवचयनित एजेंसियों के साथ एकरारनामा करते हुए जिला का आवंटन भी
कर दिया गया है। इस प्रकार आधुनिक तकनीक से अद्यतन री-सर्वे मानचित्र के
निर्माण हेतु लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में सक्रिय कार्रवाई प्रारम्भ कर दी
गई है। इस कार्य हेतु 14994/= (चैदह हजार नौ सौ चैरानवे) रूपये प्रति वर्ग
कि0मी0 (सभी कर सहित) की दर से 50-50 प्रतिशत केन्द्र एवं राज्य सरकार के
अंशदान की राशि से व्यय का प्रावधान है।
आधुनिक तकनीक के उपयोग से तैयार किये गये भू-अभिलेखों के संधारण हेतु सभी
अंचलों में आधुनिक अभिलेखागार स्थापित किए जाएँगे।
आधुनिक अभिलेखागार में भू-अभिलेखों की हार्ड एवं साॅफ्ट
काॅपी संधारित की जाएगी। इस कार्य हेतु अंचल स्तर पर भवन निर्माण कार्य
किया जा रहा है। भवन निर्माण कार्य की लागत का व्यय भार राज्य योजना मद से
वहन किया जाता है। अभी तक नालन्दा, सारण, भागलपुर, मंुगेर एवं शेखपुरा जिला
के 70 अंचलों में भवन निर्माण का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। भवन
निर्माण कार्य हेतु राज्य योजना मद से 30.65 लाख (तीस लाख पैसठ हजार) रूपये
प्रति अंचल के दर से राशि का व्यय किया जाता है। उक्त अभिलेखागारों के लिए
आधुनिक उपकरणों का क्रय केन्द्रीय अंशदान की राशि से 12.50 लाख (बारह लाख
पचास हजार) रूपये प्रति अंचल के दर से व्यय किया जाता है।
(19) भू-अभिलेखों का कम्प्यूटरीकरण- योजना के
अन्तर्गत राज्य के दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, कटिहार, मुजफ्फरपुर, भोजपुर,
बक्सर, रोहतास तथा भागलपुर का अद्यतन चालू खतियान का कम्प्यूटरीकरण करते
हुए इसे विभागीय वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2013-14
में राज्य के शेष सभी जिलों के अद्यतन चालू खतियान का कम्प्यूटरीकरण करते
हुए इसे विभागीय वेबसाईट पर उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
अद्यतन एवं कम्प्यूटरीकृत चालू खतियान को राजस्व मानचित्र के साथ एकीकृत
करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। इसके लिए आवश्यक है कि कागज पर
तैयार किए गए राजस्व मानचित्रों का डिजिटाईजेशन कराया जाए। अभी तक भोजपुर,
बक्सर, रोहतास तथा कैमूर जिले के 14672 (चैदह हजार छः सौ बहत्तर ) शीट तथा
मुजफ्फरपुर जिला के मुशहरी अंचल के 1152 (एक हजार एक सौ बावन)शीट राजस्व
मानचित्र का डिजिटाईजेशन कर मूल मानचित्र से सत्यापन कर लिया गया है। शेष
राजस्व मानचित्रों के डिजिटाईजेशन कार्य हेतु कुल 04 एजेंसियों को कार्य
आंवटित कर दिया गया है। दिसम्बर, 2013 तक शेष सभी राजस्व मानचित्रों को
डिजिटाईज्ड करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए 1124/=(एक हजार
एक सौ चैबीस) रूपये प्रति मानचित्र (सभी कर सहित) की दर से 100 प्रतिशत
केन्द्रीय अनुदान की राशि से व्यय का प्रावधान है।
बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम, 2011 के अंतर्गत भू-अभिलेखों
के अद्यतनीकरण तथा कम्प्यूटरीकरण कार्य हेतु विभाग को तकनीकी सहयोग उपलब्ध
कराने के उद्देश्य से बिहार प्रोजेक्ट मैनेजमेन्ट यूनिट का गठन निबंधित
सोसाईटी के रूप में किया गया है। इस सोसाईटी के लिए व्यय भार का वहन 100
प्रतिशत केन्द्रीय अनुदान की राशि से किया जाता है। इस सोसाईटी में अस्थायी
रूप से तकनीकी विशेषज्ञध्सलाहकार की सेवा प्राप्त की जाएगी जो सूचना
प्रौद्योगिकी से संबंधित विशिष्टताओं के उपयोग हेतु विभाग को तकनीकी
मार्गदर्शन उपलब्ध कराएँगे तथा योजनाओं के तकनीकी अनुश्रवण में भी आवश्यक
सहयोग विभाग को उपलब्ध कराते रहेंगे।
विभिन्न प्रकार की योजनाओं की तकनीकी विशिष्टताओं की जानकारी के लिए
संबंधित पदाधिकारियोंध्कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करने के
उद्द्ेश्य से राजस्व (सर्वे) प्रशिक्षण संस्थान, शास्त्रीनगर, पटना का
सुदृढ़ीकरण एवं विस्तारीकरण किया जा रहा है। इस कार्य हेतु भवन निर्माण
विभाग को नब्बे लाख रूपये का आवंटन उपलब्ध करा दिया गया है। भारत सरकार
द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम के संचालन के लिए एन0एल0आर0एम0पी0 सेल गठित
करने हेतु एक करोड़ सतरह लाख रूपये का अनुदान विमुक्त किया गया है। इस राशि
से प्रशिक्षण कार्यक्रम के संचालन हेतु आधुनिक उपकरणों का क्रय बेलट्राॅन
के माध्यम से करने के लिए क्रयादेश निर्गत किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष
2013-14 में इस संस्थान में प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ कर दिया जाएगा।
इसके अतिरिक्त राज्यस्तरीय प्रशिक्षण संस्थान के रूप में बोधगया स्थित
सर्वे प्रशिक्षण संस्थान के सुदृढ़ीकरण तथा विस्तारीकरण की भी योजना है
जिसके लिए भवन निर्माण विभाग के माध्यम से तकनीकी प्राक्कलन तैयार करा लिया
गया है।
(20) प्रक्रियाधीन नियुक्तियाः-
(1) अंचल निरीक्षक एवं समकक्ष ग्रेड के पद पर नियुक्ति-
i. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अन्तर्गत अंचल निरीक्षक एवं समकक्ष
ग्रेड में कुल 266 पदों पर सीधी नियुक्ति हेतु विभागीय पत्रांक-597
दिनांक-05.10.2010 द्वारा भेजी गयी अनुशंसा के आलोक में बिहार कर्मचारी चयन
आयोग द्वारा परीक्षाफल प्रकाशित किया गया है। अन्तिम रूप से अनुशंसा
प्राप्त होने पर नियुक्ति की कार्रवाई की जाएगी।
ii. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अन्तर्गत राजस्व कर्मचारी से अंचल
निरीक्षक के पद पर सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर कुल 127 पदों पर
नियुक्ति हेतु अधियाचना विभागीय पत्रांक-481 दिनांक- 16.11.2012 द्वारा
बिहार लोक सेवा आयोग को उपलब्ध कराई गयी है। आयोग से अनशंसा प्राप्त होने
के उपरान्त कुल 127 राजस्व कर्मचारी को अंचल निरीक्षक एवं समकक्ष ग्रेड के
पद पर नियुक्ति की कार्रवाई की जाएगी।
(21) चकबन्दी- जोतों की चकबन्दी कार्यक्रम के
अन्तर्गत वत्र्तमान में राज्य के 5 जिलों के निम्नलिखित कुल 39 अंचलों में
सक्रिय रूप से कार्य जारी है| वर्ष, 2013-14 में 150 ग्रामों में चकबन्दी
कार्य पूर्ण कर उन्हें चकबन्दी अधिनियम की धारा-26 (क) के अन्तर्गत
अनाधिसूचित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अन्तर्गत विभिन्न सम्वर्गो के
कुल 745 कर्मियों का नियोजन संविदा के आधार पर करने की कार्रवाई की जा रही
हैं। वत्र्तमान वित्तीय वर्ष 2012-13 में 21 गा्रमों में चकबंदी कार्य
पूर्ण कर अधिनियम की धारा 26 (क) के अन्तर्गत अनाधिसूचित कर दिया गया है।
वित्तीय वर्ष 2013-14 हेतु 1600 लाख (सोलह करोड़) रूपये का बजट उपबंध
प्रस्तावित है।
(22) सूचना का अधिकार/ अधिनियम:- सूचना के अधिकार
अधिनियम 2005 के अस्तित्व में आने तथा भू विवादों के प्रभावी समाधान के
निमित्त राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार, पटना के अधीन मुख्यालय
(राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग)/भू-अर्जन निदेशालय, बिहार, पटना/भू-अभिलेख
परिमाप निदेशालय, बिहार, पटना/चकबंदी निदेशालय, बिहार, पटना एवं सभी
कार्यालयों के लोक सूचना पदाधिकारी 959 एवं प्रथम अपीलीय प्राधिकार 298 का
पदनाम सहीत जिलावार सूची राज्य सूचना आयोग, बिहार, पटना एवं विभागीय
वेवसाईट पर अपलोड करा दिया गया है। प्राथमिकता के आधार पर अधिनियम के
कार्यान्वयन की दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है
(23) बिहार लोक सेवा अधिकार अधिनियम:- राज्य में
बिहार लोक सेवा अधिकार अधिनियम, 2011 अगस्त, 2011 से क्रियान्वित किया जा
रहा है। इस अधिनियम के अन्तर्गत राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा (i)
दाखिल खारिज (ii) भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र के समय सीमा के अन्दर
निष्पादन की कार्रवाई की जा रही है। वर्ष 2012-13 के माह दिसम्बर तक
कुल-3,49,003 भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र निर्गत किये जा चुके है।
(24) कृषि गणना:- कृषि गणना एक राष्ट्रीय
कार्यक्रम है। कृषि गणना के आंकड़े विकास कार्यक्रमों के निरूपण एवं उनके
प्रगति के लिए अत्यन्त उपयोगी है। इस योजना के तहत कृषि गणना 2010-11 का
कार्य सम्पन्न किया जा रहा है। कृषि गणना अन्तर्गत कृषि अर्थव्यवस्था के
महत्त्वपूर्ण पहलुओं तथा जोतों की संख्या एवं क्षेत्रफल, भू-उपयोग,सिचाई की
स्थिति, फसलों के अन्तर्गत क्षेत्रफल आदि से संबंधित आॅकड़े संग्रहीत किए
जाते हैं जो योजनाओं के निर्माण के लिए उपयोगी हैं। इस प्रक्षेत्र में गैर
योजना मद में स्थापना अन्तर्गत 12.86 लाख का व्यय प्रस्तावित है।
कृषि गणना 2010-11 के प्रथम चरण का कार्य यथा आॅपरेशनल होल्डिंग की संख्या
एवं क्षेत्रफल से संबंधित आॅकड़ों का संकलन कार्य पूरा हो चुका है। कृषि
गणना का द्वितीय चरण का कार्य प्रगति में है। यह प्रयास है कि कृषि गणना का
कार्य ससमय संपन्न करा लिया जाएगा।
केन्द्रीय प्रक्षेत्र की योजना कृषि गणना अन्तर्गत योजना मद में वित्तीय
वर्ष 2013-14 के लिए 58 लाख व्यय का अनुमान है जो मुख्यतः स्थापना मद में
वेतन/भत्ते तथा प्रपत्रों के मुद्रण आदि पर व्यय किया जाना है।
(25) मेला प्राधिकार:- बिहार राज्य मेला
प्राधिकरण अधिनियम 2008 तत्काल प्रभाव से सम्पूर्ण राज्य में लागू हो गया
है । इस अधिनियम के माध्यम से राज्य अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय
एवं राज्यस्तरीय ऐतिहासिक एवं प्रसिद्ध मेले के सुव्यवस्थित प्रबंधन के
साथ-साथ मेले हेतु अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।
(26) महिला सशक्तीकरण:- सामाजिक रूप रेखा की
परिवारिक कड़ी को सुदृढ़ करने हेतु यह आवश्यक हे कि अन्य सम्पत्तियों के
साथ भू सम्पत्तियों के स्वामित्व एवं अधिकार में महिलाओं की अहम भूमिका हो
उसके लिए खासकर महादलित एवं उपेक्षित वर्ग के परिवारों को सरकारी भूमि
बंदोवस्त करने के समय महिलाआंे के नाम से पर्चा निर्गत करने की कार्रवाई
आवश्यक है, जिसे अधिनियम तथा परिपत्रों के माध्यम से लागू करने की कार्रवाई
की गई है।
नये अधिनियम/नियमावली/नीति
1. बिहार भूमि दाखिल-खारिज नियमावली, 2012
2. बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बन्दोबस्त नियमावली, 2012
3. बिहार भूमि विवाद निराकरण (संशोधन) अधिनियम, 2012
4. बिहार लोक भूमि अतिक्रमण (संशोधन) अधिनियम, 2012
5. बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बन्दोबस्त (संशोधन) अधिनियम, 2012
6. बिहार भूमि दाखिल-खारिज (संशोधन) अधिनियम, 2012
7. बिहार कृषि भूमि (गैर कृषि प्रयोजनों के लिए सम्परिवत्र्तन) (संशोधन) अधिनियम, 2012
8. बिहार राज्य मेला प्राधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2012
वित्तीय वर्ष 2013-14 का भावी कार्यक्रमों की रूप-रेखा
वित्तीय वर्ष-2013-14 में अधियाची विभाग/प्राधिकार से प्राप्त होने वाले
अधियाचना के आधार पर विभिन्न केन्द्रीय एवं राजकीय परियोजनाओं हेतु भूमि
अर्जन के भावी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की विवरणीः-
1 भारत-नेपाल सीमा के समानान्तरण पथ निर्माण
2 केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी (पूर्वी चम्पारण)
3 अररिया-गलगलिया नई बड़ी रेल लाईन
4 दरभंगा-कुशेश्वर स्थान नई बड़ी रेल लाईन
5 गया-चतरा नई बड़ी रेल लाईन
Mere chacha ka jamabandi me naam hi and extra likha hi extra me Kaun Kaun hoga
Mere chachere dada be mujhe danpatra jamin Diya kya mere pita Ka hak bechne Ka babys hai
Kya civil court se jyada power revenue court ko hai agar hai to vahe kaun as act ke rahat hai prakeriya batay
Mere dada ne 1 bhumi khridi thi Jo ki unki niji sampati thi ro kebala mere dada ke name server hai.mere ptidaro ne use hmare hmare paitrik Jasmin ke khata par Jo ki sabhi Ka joint khata hai par chdwa Diya hai or usmai se share mag rage hai.ab kya Karen .
Gairmajrua Malik Bhumi parcha ke
Jamin bech sakte hai ya nahi
Gairmajrua Malik Jamin parcha karane ke bad bech sakte hai agar pichhadi jati hai to
Dclr kis jamin ki napi karwa sakta hai.
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