शून्य आधारित बजट विकिपीडिया
शून्य आधार बजट तकनीक बजट की एक नयी तकनीक है। इस तकनीक का प्रयोग सर्वप्रथम 1962 में अमेरिका में किया गया था। अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति जिम्मी कार्टर ने इसका प्रयागे राज्य के व्ययो को नियंित्रत करने के लिए किया था जब वे जार्जिया राज्य के गवर्नर थे।
सामान्य बजट के निर्माण में गत वर्ष के बजट को आधार माना जाता है। बजट निर्माण की इस विधि के अन्तर्गत पिछले वर्ष की कमियों का समावेश वर्तमान वर्ष में हो जाता है क्योंकि पिछले वर्ष के बजट से ही वर्तमान वर्ष के बजट का पथ-प्रदर्शन होता है। दूसरी ओर जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, शून्य आधार बजट के अन्तर्गत वर्तमान वर्ष के बजट के निर्माण में शून्य को आधार माना जाता है अर्थात् शून्य आधार वर्ष बजट में प्रत्येक वर्ष को नये वर्ष के रूप में माना जाता है तथा गत वर्ष को आधार नहीं माना जाता है। वर्तमान वर्ष के बजट का मूल्यांकन वर्तमान परिस्थिति के ही आधार पर किया जाता है। इसी के आधार पर भविष्य की गति- विधियाें का अनुमान लगाया जाता है। पीटर ए़ पहर के अनुसार-’’शनूय आधार बजटन ऐसी नियोजन एवं बजटन प्रक्रिया है जिसमें यह अपेक्षा की जाती है कि प्रत्येक प्रबन्धक को शून्य आधार से अपनी सम्पूर्ण बजट माँग को विस्तारपूर्वक न्यायसंगत ठहराना पड़ता है एवं वह मांग किये गये धन को क्यों व्यय करेगा, इसके औचित्य को भी सिद्ध करने का भार प्रत्येक प्रबन्धक पर डाल दिया जाता है। इस दृष्टिकोण से कि सभी क्रियाएँ ‘निणर्य संकुलों’ में विश्लेषित की जाती हैं जिनका व्यवस्थित विश्लेषण द्वारा मूल्यांकन किया जाता है तथा उन्हें महत्व के अनुसार क्रमबद्ध किया जाता है।’’
शून्य आधार बजट के अन्तर्गत प्रबन्धक को यह निर्णय लेना पड़ता है कि वह व्यय क्यों करना चाहता है। विभिन्न मदों पर किये जाने वाले व्ययों की प्राथमिकता उसके निर्णय पर आधारित होती है।
शून्य आधार बजटन के कदम
शून्य आधार बजटन में निम्नलिखित कदम उठाये जाते हैं-
सर्वप्रथम बजट के उद्देश्यों का निर्धारण किया जाना चाहिए। उद्देश्य सुनिश्चित होने की ही स्थिति मेंं उन्हें प्राप्त करने के लिए प्रयास किया जा सकता है। अलग-अलग संस्थाओं के उद्देश्य भी अलग-अलग होते हैं। हो सकता है एक संस्था कर्मचारियों पर किये जाने वाले व्ययों में कटौती करना चाह सकती है, जबकि दूसरी संस्था एक परियोजना की जगह पर दूसरे को लागू करना चाह सकती है, इत्यादि।
किस परिस्थिति में और किस सीमा तक शून्य बजट को अपनाया जायेगा, का भी निर्धारण हो जाना चाहिए।
लागत एवं लाभ विश्लेषण भी किया जाना चाहिए। सर्वप्रथम उसी परियोजना को अपनाया जाना चाहिए जिससे लाभ की सम्भावना सर्वाधिक हो। लागत विश्लेषण से विभिन्न परियोजनाओं को अपनाये जाने की प्राथमिकता के निर्धारण में काफी मदद मिलती है।
शून्य आधार बजट के लाभ
शून्य आधार बजट के मुख्य लाभ निम्नलिखित है :-
विभिन्न क्रियाओं की प्राथमिकता के निर्धारण तथा उन्हें लागू करने में सहायता।
शून्य आधार बजट से प्रबन्ध की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है। इसके माध्यम से केवल उन्हीं क्रियाओं को अपनाया जायेगा जो व्यवसाय के लिए आवश्यक होती हैं।
शून्य आधार बजट से आर्थिक व व्यर्थ क्षेत्रों को पहचानने में मदद मिलती है। इसके आधार पर आर्थिक क्षेत्रों को छाँटकर भावी कार्यकलाप का निर्धारण किया जा सकता है।
प्रबन्ध साधनों का सर्वो़त्तम/अनुकूलतम प्रयोग करने में सफल हो सकते हैं। किसी मद पर व्यय तभी किया जायेगा जब यह आवश्यक होगा अन्यथा नहीं।
शून्य आधार बजट उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होता है जिनका उत्पाद, उत्पादन से सम्बन्धित नहीं हो। इस विधि से व्यवसाय की प्रत्येक क्रिया की उपयुक्तता के भी निर्धारण में सहायता मिलती है।
शून्य आधार बजट व्यवसाय के लक्ष्यों से भी सम्बन्धित होगा। केवल वे ही चीजें (क्रियाएं) स्वीकार की जायेंगी जिनसे संस्था के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।
शून्य आधार बजटन की सीमाएँ
शून्य आधार बजटन की मुख्य सीमाएं निम्नलिखित हैं-
शून्य आधार बजटन का सफल क्रियान्वयन तभी किया जा सकता है जबकि उच्च प्रबन्धक वर्ग का खुले दिल से सहयोग प्राप्त हो।
जिन संस्थाओं के साधन सीमित होते हैं, उनके लिए इस प्रणाली को लागू करना सम्भव नहीं होता है।
इस प्रणाली की सबसे बड़ी समस्या निर्णय पैकेज के निर्धारण एवं क्रम स्थान प्रदान करने की है। यह क्रम कौन प्रदान करेगा? कैसे प्रदान करेगा ? तथा किस सीमा तक क्रियान्वयन होगा ? आदि जटिल समस्याएँ हैं।
Suny aadharit bajat ke uddeshy
Sunya adhar bajat ki mukhya visestay
शून्य बजट के आवश्यक कदम
शून्य आधार बजट की विशेषता कया है
शून्य आधार बजट के विशेषतायें
Shunya aadharit budget ka aochitya ka parikshan kijiye?
शून्य बजटन तकनीक क्या है।
Shunya aadhaarit arth kalpana konachi aahe
आप यहाँ पर gk, question answers, general knowledge, सामान्य ज्ञान, questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं।
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें
Culture
Current affairs
International Relations
Security and Defence
Social Issues
English Antonyms
English Language
English Related Words
English Vocabulary
Ethics and Values
Geography
Geography - india
Geography -physical
Geography-world
River
Gk
GK in Hindi (Samanya Gyan)
Hindi language
History
History - ancient
History - medieval
History - modern
History-world
Age
Aptitude- Ratio
Aptitude-hindi
Aptitude-Number System
Aptitude-speed and distance
Aptitude-Time and works
Area
Art and Culture
Average
Decimal
Geometry
Interest
L.C.M.and H.C.F
Mixture
Number systems
Partnership
Percentage
Pipe and Tanki
Profit and loss
Ratio
Series
Simplification
Time and distance
Train
Trigonometry
Volume
Work and time
Biology
Chemistry
Science
Science and Technology
Chattishgarh
Delhi
Gujarat
Haryana
Jharkhand
Jharkhand GK
Madhya Pradesh
Maharashtra
Rajasthan
States
Uttar Pradesh
Uttarakhand
Bihar
Computer Knowledge
Economy
Indian culture
Physics
Polity
इस टॉपिक पर कोई भी जवाब प्राप्त नहीं हुए हैं क्योंकि यह हाल ही में जोड़ा गया है। आप इस पर कमेन्ट कर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।