भारत में कोयला उद्योग का प्रारंभ कब हुआ
भारत में कोयले के खनन का इतिहास बहुत पुराना है। ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने १७७४ में दामोदर नदी के पश्चिमी किनारे पर रानीगंज में कोयले का वाणिज्यिक खनन आरम्भ किया। इसके बाद लगभग एक शताब्दी तक खनन का कार्य अपेक्षाकृत धीमी गति से चलता रहा क्योंकि कोयले की मांग बहुत कम थी। किन्तु १८५३ में भाप से चलने वाली गाड़ियों के आरम्भ होने से कोयले की मांग बढ़ गयी और खनन को प्रोत्साहन मिला। इसके बाद कोयले का उत्पादन लगभग १ मिलियन मेट्रिक टन प्रति वर्ष हो गया। १९वीं शताब्दी के अन्त तक भारत में उत्पादन 6.12 मिलियन टन वार्षिक हो गया। और १९२० तक १८ मिलियन मेट्रिक टन वार्षिक। प्रथम विश्वयुद्ध के समय उत्पादन में सहसा वृद्धि हुई किन्तु १९३० के आरम्भिक दशक में फिर से उत्पादन में कमी आ गयी। १९४२ तक उत्पादन २९ मिलियन मेट्रिक टन प्रतिवर्ष तथा १९४६ तक ३० मिलियन मेट्रिक टन हो गया।
अनुक्रम
1 भारत की कोयला खानें
2 कोयला खानों का राष्ट्रीयकरण
3 सन्दर्भ
4 इन्हें भी देखेँ
5 बाहरी कड़ियाँ
भारत की कोयला खानें
मुख्य लेख : भारत की कोयला खानों की सूची
राज्य कोयले का भण्डार
(मिलियन मेट्रिक टन में कोयला क्षेत्र का प्रकार
तमिलनाडु 80,356.21 तृतीयक (तृतीयक)
झारखण्ड 80,356.20 गोण्डवाना
ओडिशा 71,447.41 गोण्डवाना
छत्तीसगढ़ 50,846.15 गोण्डवाना
पश्चिम बंगाल 30,615.72 गोण्डवाना
मध्य प्रदेश 24,376.26 गोण्डवाना
तेलंगाना 22,154.86 गोण्डवाना
महाराष्ट्र 10,882.09 गोण्डवाना
उत्तर प्रदेश 1,061.80 गोण्डवाना
मेघालय 576.48 तृतीयक
असम 510.52 तृतीयक
नागालैण्ड 315.41 तृतीयक
बिहार 160.00 गोण्डवाना
सिक्किम 101.23 गोण्डवाना
अरुणाचल प्रदेश 90.23 तृतीयक
असम 2.79 गोण्डवाना
कुल 293,497.15
कोयला खानों का राष्ट्रीयकरण
भारत सरकार ने भारत की निजी कोयला खानों के राष्ट्रीयकरण का निर्णय लिया और दो चरणों में इसे पूरा किया। पहले कोककर कोयला खानों का 1971-72 में राष्ट्रीयकरण किया गया और 1973 में अकोककर कोयला खानों का। अक्तूबर, 1971 में कोककर कोयला खान (आपात प्रावधान) अधिनियम, 1971 में, राष्ट्रीयकरण किए जाने तक लोक हित में कोककर खानों और कोक ओवन संयंत्रों के प्रबंधन को अपने अधिकार में लेने का प्रावधान था। इसके बाद कोककर कोयला खान (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम, 1972 बनाया गया जिसके अंतर्गत टाटा आयरन एण्ड स्टील कंपनी लि. (टिस्को) और इंडियन आयरन एण्ड स्टील कंपनी लि. (इस्को) के नियंत्रण से भिन्न कोककर कोयला खानों और कोक ओवन संयंत्रों का 1-5-1972 को राष्ट्रीयकरण किया गया और इनको केन्द्र सरकार के नये उपक्रम भारत कोकिंग कोल लि. के अधीन कर दिया गया। कोयला खान (प्रबंध को अधिकार में लेना) अधिनियम, 1973 नामक एक अन्य अधिनियम ने भारत सरकार को 1971 में अपने अधिकार में लिए गए कोककर कोयला खानों सहित सात राज्यों में स्थित कोककर और अकोककर कोयला खानों के प्रबंधन को अपने अधीन लेने का अधिकार प्रदान किया। इसके बाद कोयला खान (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम, 1973 के बनने से 1-5-1973 को इन सभी खानों का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया।
राष्ट्रीयकरण का कारण यह बताया गया था कि देश की बढ़ती हुई ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए निजी कोयला खान मालिक पर्याप्त पूंजी निवेश नहीं कर रहे थे। उनमें से कुछ मालिकों द्वारा अपनाए गए अवैज्ञानिक खनन तरीकों और कुछ निजी कोयला खानों में मजदूरों की खराब कार्य-स्थिति सरकार के लिए चिंता के विषय बन गए थे।[1] भारत में कोयला उद्योग का राष्ट्रीयकरण १९७० के प्रारंभिक दशक में दो संबद्ध घटनाओं का परिणाम है। पहले उदाहरण में तेल की कीमत का सदमा, जिसने देश को अपनी ऊर्जा विकल्पों की खोज करने के लिए बाध्य कर दिया था। दूसरे, इस क्षेत्र के विकास के लिए काफी निवेश की आवश्यकता थी जो कोयला खनन से आ नहीं सकता था क्योंकि यह अधिकांश निजी क्षेत्र के हाथों में था।
भारत में कोयला उद्योग का प्रारंभ कब हुआ
ये कहा पर है भारत मे मुझे भारत का पुरा नक्शा चाहिए उन मे से चार सबाल है
(अ)गोडावन कोयला क्षेत्र
(ब)खेतडी
(स)चितोडगड
(द)कागज उद्योग टीटागद
(य)चावल उत्पादक क्षेत्र
पुरा भारत का नक्शा
भारत में कोयला उद्योग का प्रारंभ कब हुआ?
कोल् इंडिया के अनुसगी कम्पनियो रत्नों के आधार पर वर्गीकरण बताइये
Bharat mein Koyla udyog Ka aaramv kab se huaa
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