वर्तमान परिदृश्य में ट्रेड यूनियन की भूमिका
ट्रेड यूनियन का इतिहास : श्रम बाजार में ट्रेड यूनियन का मूल उद्देश्य, श्रमिकों को उनके रोजगार के दौरान सामने आने वाले मुद्दों को आवाज देना है, इसलिए ट्रेड यूनियनों द्वारा निभाई गई भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। ट्रेड यूनियनों पर आंकड़े श्रम ब्यूरो, श्रम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष एकत्र किए जाते हैं।
इसी प्रकार वर्ष 2012 में जारी नवीनतम डेटा के अनुसार देश में 16,154 ट्रेड यूनियन थे, जिन की संयुक्त सदस्यता 9.18 लाख (कुल 36 राज्यों में से 15 के भरे रिटर्न के आधार पर) थी।
हमारे देश में वर्ष 1851 में पहला ट्रेड यूनियन स्थापित किया गया था, जब बॉम्बे टेक्सटाइल मिल्स का गठन किया गया था। इसके साथ साथ, 1954 में कलकत्ता की जूट मिलों में भी ट्रेड यूनियनों को स्थापित किया गया था। जानकारी रहे की वर्ष 1860 और 1870 के दशक में श्रमिकों के बीच कई अशांति और आंदोलन शुरू हुए थे।
भारत के ट्रेड यूनियन आंदोलन की क्रांतिकारी धारा का प्रतिनिधित्व CITU करती है जिसका गठन 50 साल पहले किया गया था। कोलकाता में पहले सम्मेलन के समय, इसकी सदस्यता सिर्फ़ 8 लाख से कुछ अधिक थी। वर्तमान में, यह 60 लाख से भी अधिक है।
इसमें दो तिहाई असंगठित क्षेत्र के श्रमिक शामिल हैं, यह उद्योगपतियों और मीडिया के उस झूठे प्रचार के विपरीत है जिसमें वे कहते हैं कि ट्रेड यूनियन केवल संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए काम करती हैं। इसके अलावा, सीटू में लगभग एक तिहाई महिला सद्स्य हैं।
भारत में मजदूर आंदोलन 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में आधुनिक उद्योगों की स्थापना के साथ ही भारत में मजदूर संघों की गतिविधियाँ एवं उनके अस्थित्व की शुरूआत देखी गई। इस दिशा में सर्वप्रथम कदम था रेलवे का विकास जो आधुनिक भारतीय कांमगार वर्ग आंदोलन का अग्रदूत सिद्ध हुआ है।
यहाँ श्रमिकों (labour movement in india upsc) की दशा सुधारने के प्रारंभिक प्रयासों की बात करें तो वर्ष 1870-1880 में कानून द्वारा श्रमिकों की कार्य दशाओं को बेहतर बनाने का प्रयास किया गया।
इसके बाद वर्ष 1903-08 के स्वदेशी आंदोलन तक मज़दूरों (labour movement history) की काम करने की स्थिति को बेहतर बनाने के लिये कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया था। फिर वर्ष 1915-1922 के बीच फिर से होमरूल आंदोलन और असहयोग आंदोलन के साथ-साथ श्रमिक आंदोलन का पुनरुत्थान हुआ।
Check link below -
http://labour.bih.nic.in/Files/Orders/OO-01-30-09-2016.pdf
क्या बाहरी व्यक्ति को युनियन को अध्यक्ष बनया जा सकता है?
Registered tread union ko management nahi man rahi koun as act or rule hai jis se management Madan karegi
Registerd Trade union ko managment nahi maan rahi hai, kis Act ke antargat mangagment maan karegi
Bhartiya kam karo trade union ki bhumika
Iagu vayvsaik Sahagatan keshe rajistion karae
RLC से रजिस्ट्रेशन के बाद भी ट्रेड यूनियन को PSU की मैनेजमेंट मानयता नहीं दे रही है। कृपया ट्रेड यूनियन का वह Act बताये जिस के आधार पर मैनेजमेंट से मानयता के लिए बात किया जा सकता है।
Please tell me important role of the trade union played in hindi
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