Trade Union Ka Itihas ट्रेड यूनियन का इतिहास

ट्रेड यूनियन का इतिहास



GkExams on 12-10-2022


ट्रेड यूनियन का इतिहास : श्रम बाजार में ट्रेड यूनियन का मूल उद्देश्य, श्रमिकों को उनके रोजगार के दौरान सामने आने वाले मुद्दों को आवाज देना है, इसलिए ट्रेड यूनियनों द्वारा निभाई गई भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। ट्रेड यूनियनों पर आंकड़े श्रम ब्यूरो, श्रम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष एकत्र किए जाते हैं।


इसी प्रकार वर्ष 2012 में जारी नवीनतम डेटा के अनुसार देश में 16,154 ट्रेड यूनियन थे, जिन की संयुक्त सदस्यता 9.18 लाख (कुल 36 राज्यों में से 15 के भरे रिटर्न के आधार पर) थी।


हमारे देश में वर्ष 1851 में पहला ट्रेड यूनियन स्थापित किया गया था, जब बॉम्बे टेक्सटाइल मिल्स का गठन किया गया था। इसके साथ साथ, 1954 में कलकत्ता की जूट मिलों में भी ट्रेड यूनियनों को स्थापित किया गया था। जानकारी रहे की वर्ष 1860 और 1870 के दशक में श्रमिकों के बीच कई अशांति और आंदोलन शुरू हुए थे।


भारत में मजदूर आंदोलन (Labour Movement in India) :




भारत में मजदूर आंदोलन 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में आधुनिक उद्योगों की स्थापना के साथ ही भारत में मजदूर संघों की गतिविधियाँ एवं उनके अस्थित्व की शुरूआत देखी गई। इस दिशा में सर्वप्रथम कदम था रेलवे का विकास जो आधुनिक भारतीय कांमगार वर्ग आंदोलन का अग्रदूत सिद्ध हुआ है।


यहाँ श्रमिकों (labour movement in india upsc) की दशा सुधारने के प्रारंभिक प्रयासों की बात करें तो वर्ष 1870-1880 में कानून द्वारा श्रमिकों की कार्य दशाओं को बेहतर बनाने का प्रयास किया गया।


इसके बाद वर्ष 1903-08 के स्वदेशी आंदोलन तक मज़दूरों (labour movement history) की काम करने की स्थिति को बेहतर बनाने के लिये कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया था। फिर वर्ष 1915-1922 के बीच फिर से होमरूल आंदोलन और असहयोग आंदोलन के साथ-साथ श्रमिक आंदोलन का पुनरुत्थान हुआ।


भारत में मजदूर आंदोलन की सीमा :




यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा भारत में मजदूर आंदोलन की सीमाओं (list of labour movement in india) से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


  • कोई भी सात व्यक्ति एक संघ (labour movement in india notes) बना सकते हैं और श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने का दावा कर सकते हैं।
  • किसी यूनियन के 50% कार्यपालक बाहरी हो सकते हैं। बाहरी लोगों की भूमिका हाल ही में सवालों के घेरे में आ गई है।
  • अधिनियम के तहत ट्रेड यूनियन का पंजीकरण अनिवार्य नहीं है बल्कि केवल स्वैच्छिक है।
  • अधिनियम रजिस्ट्रार द्वारा पंजीकरण के अनुदान या इनकार के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं करता है।
  • अधिनियम रजिस्ट्रार को उन मामलों में ट्रेड यूनियन के पंजीकरण से इनकार करने का अधिकार नहीं देता है जहां संयंत्र या उद्योग में एक या अधिक यूनियन पहले से मौजूद हैं।




  • सम्बन्धित प्रश्न



    Comments m on 31-07-2021

    trade union and labour welfare same h

    देव कुमार बंजारे on 13-11-2020

    ट्रेड यूनियन के नेता क्या सेफ जोन काम की मांग कर सकता है।





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