बल के प्रभाव
एक धक्का या खिंचाव बल कहलाता है।
या, किसी वस्तु पर लगने वाले धक्के या खिंचाव को बल कहते हैं।
या, आकर्षण या अभिकर्षण (खींचना) या अपकर्षण (धक्का देना) बल कहलाता है।
बल की ब्याख्या
एक वस्तु जो यदि विराम अवस्था में है तो उसे गतिशील बनाने के लिये या कोई वस्तु जो गति की अवस्था में है को विराम अवस्था में लाने के लिये या तो उसे धक्का दिया जाता है या उसे खींचा जाता है।
इसी तरह यदि एक स्प्रिंग या रबर बैंड को खींचा जाता है तो उसका आकार बदल जाता है। या यदि एक बैलून को दबाया जाता है, अर्थात धक्का दिया जाता है, तो उसका आकार बदल जाता है।
स्पष्ट है कि किसी वस्तु की स्थित्ति परिवर्तन या आकार परिवर्तन के लिये या तो उसे धक्का दिया जाता है या खींचा जाता है, अर्थात बल लगाया जाता है। अर्थात यह धक्का देना या खींचना ही बल है।
बल एक भाव वाचक संज्ञा है। अर्थात बल को देखा या सूँघा या स्पर्श नहीं किया जा सकता है, बल्कि केवल महसूस किया जा सकता है।
बल के लिये आवश्यक घटक
बल के लिये निम्नांकित घटक आवश्यक हैं:
दो वस्तुएँ – एक जिसपर बल लगाया जाता है, तथा दूसरी जिसके द्वारा बल लगाया जाता है।
तथा दोनों वस्तुओं में अन्योन्यक्रिया [इंट्रैक्शन (Interaction) ]।
अत: बल के लिये तीन घटक आवश्यक हैं दो वस्तुएं तथा उनमें सम्पर्क। किसी एक की अनुपस्थिति में बल नहीं लगेगा।
गैलीलियो तथा गति का नियम
वस्तुओं की किसी आनत तल पर गति को देखकर गैलीलियो ने यह निष्कर्ष निकाला कि जब तक कोई बह्य बल कार्य नहीं करता, वस्तुएँ एक निश्चित गति से चलती है।
अत: असंतुलित बल के शून्य होने की स्थिति में एक गतिशील वस्तु निरंतर गतिमान रहेगी। परंतु वास्तविक अवस्था में शून्य असंतुलित बाह्य बल प्राप्त करना कठिन है। ऐसा गति की विपरीत दिशा में लगने वाले घर्षण बल के कारण होता है। इस प्रकार व्यवहार में गोली कुछ दूर चलने के बाद रूक जाती है।
न्यूनटन के गति के नियम
न्यूनटन ने बल एवं गति के बारे मे गैलीलियो के विचारों से प्रभावित होकर, गति के तीन मौलिक नियमों को प्रस्तुत किया। ये नियम किसी वस्तु की गति को वर्णित करते हैं। इन नियमों को न्यूटन के गति के नियमों के नाम से जाना जाता है।
न्यूटन का गति का प्रथम नियम
प्रत्येक वस्तु अपनी स्थिर अवस्था या सरल रेखा में एकससमान गति की अवस्था में बनी रहती है जब तक कि उस पर कोई बाहरी बल कार्यरत न हो। इसे गति का प्रथम नियम या न्यूटन के गति का प्रथम नियम कहा जाता है।
अर्थात सभी वस्तुएँ अपनी अवस्था में परिवर्तन का विरोध करती है।
Bal ke prabhaw
Ba ke prabhav ko batayen
बल के प्रभाव क्या है
Bal ka prabhav
Ball ka prabha
Bal ke prabhav
Bal kiya hota hai
Class 11 ka all solution in hindi.
Units of force
Bal ke koi 3 prabhav likho
Bal ka Ghatak kise kahate Hain
बल तथा बल के प्रभाव
प्रभाव का अध्ययन
Bal ke prabhav kya kya hain ?
Bal me prabhav
bal ke prachav
आप यहाँ पर gk, question answers, general knowledge, सामान्य ज्ञान, questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं।
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें
Culture
Current affairs
International Relations
Security and Defence
Social Issues
English Antonyms
English Language
English Related Words
English Vocabulary
Ethics and Values
Geography
Geography - india
Geography -physical
Geography-world
River
Gk
GK in Hindi (Samanya Gyan)
Hindi language
History
History - ancient
History - medieval
History - modern
History-world
Age
Aptitude- Ratio
Aptitude-hindi
Aptitude-Number System
Aptitude-speed and distance
Aptitude-Time and works
Area
Art and Culture
Average
Decimal
Geometry
Interest
L.C.M.and H.C.F
Mixture
Number systems
Partnership
Percentage
Pipe and Tanki
Profit and loss
Ratio
Series
Simplification
Time and distance
Train
Trigonometry
Volume
Work and time
Biology
Chemistry
Science
Science and Technology
Chattishgarh
Delhi
Gujarat
Haryana
Jharkhand
Jharkhand GK
Madhya Pradesh
Maharashtra
Rajasthan
States
Uttar Pradesh
Uttarakhand
Bihar
Computer Knowledge
Economy
Indian culture
Physics
Polity
इस टॉपिक पर कोई भी जवाब प्राप्त नहीं हुए हैं क्योंकि यह हाल ही में जोड़ा गया है। आप इस पर कमेन्ट कर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।