Mukt Vyapar Neeti Kya Hai मुक्त व्यापार नीति क्या है

मुक्त व्यापार नीति क्या है

Pradeep Chawla on 12-05-2019

मुक्त व्यापार क्षेत्र ( : फ्री ट्रेड एरिया; एफटीए)

को परिवर्तित कर मुक्त व्यापार संधि का सृजन हुआ है। विश्व के दो

राष्ट्रों के बीच व्यापार को और उदार बनाने के लिए मुक्त व्यापार संधि की

जाती है। इसके तहत एक दूसरे के यहां से आयात-निर्यात होने वाली वस्तुओं पर

सीमा शुल्क, सब्सिडी, नियामक कानून, ड्यूटी, कोटा और कर को सरल बनाया जाता

है। इस संधि से दो देशों में उत्पादन लागत बाकी के देशों की तुलना में

काफ़ी सस्ती होती है। में पहली बार और

के देशों के बीच मुक्त व्यापार संधि की आवश्यकता महसूस हुई थी। आज दुनिया

भर के कई देश मुक्त व्यापार संधि कर रहे हैं। यह समझौता वैश्विक मुक्त

बाजार के एकीकरण में मील का पत्थर सिद्ध हो रहा है। इन समझौतों से वहां की

सरकार को उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण में मदद मिलती है। सरल शब्दों में

यह कारोबार पर सभी प्रतिबंधों को हटा देता है।



इस समझौते के बहुत से लाभ हैं। हाल में भारत ने 10 दक्षिण एशियाई देशों के समूह के साथ छह वर्षो की लंबी वार्ता के बाद में मुक्त व्यापार समझौता किया है।

इसके तहत अगले आठ वर्षों के लिए भारत और आसियान देशों के बीच होने वाली 80

प्रतिशत उत्पादों के व्यापार पर शुल्क समाप्त हो जाएगा। इससे पूर्व भी

भारत के कई देशों और यूरोपियन संघ के साथ मुक्त व्यापार समजौते हो चुके

हैं।

यह समझौता गरीबी दूर करने, रोजगार पैदा करने और लोगों के जीवन स्तर को

सुधारने में काफी सहायक हो रहा है। मुक्त व्यापार संधि न सिर्फ व्यापार

बल्कि दो देशों के बीच राजनैतिक संबंध के बीच कड़ी का काम भी करती है। कुल

मिलाकर यह संधि व्यापार में आने वाली बाधाओं को दूर करने और दोतरफा व्यापार

को सुचारू रूप से चलाने में सहायक सिद्ध होती है। इस दिशा में में भी मुक्त क्षेत्र की स्थापना की गई है। देशों और शेष में भी साफ्टा मुक्त व्यापार समझौता , से प्रभाव में है। इस समझौते के तहत अधिक विकसित देश- , और अपनी उत्पाद शुल्क को घटाकर 2013 तक 0 से 5 प्रतिशत के बीच ले आएंगे। कम विकसित देश- , , और को भी 2018 तक ऐसा ही करना होगा। भारत और के बीच भी प्रयास जारी हैं।



समस्याएँ और सीमाएँ



मुक्त व्यापार क्षेत्र में कंपनियों को मानवाधिकार एवं श्रम संबंधी

कानूनों से मुक्ति मिल जाती है। इसका अर्थ होता है श्रमिकों के बुनियादी

अधिकारों का हनन और शोषण। वास्तव में मुक्त व्यापार क्षेत्र की अवधारणा का

विकास बहुराष्ट्रीय औद्योगिक घरानों द्वारा श्रम कानूनों एवं सामाजिक और

पर्यावरणिय दायित्व संबंधी कानूनों से मुक्त रहकर अपने अधिकाधिक लाभ अर्जित

करने की कोशिशों का परिणाम है। इसलिए मुक्त व्यापार क्षेत्र का मानवाधिकार

संगठनों, पर्यावरणवादियों एवं श्रम संगठनों द्वारा प्रायः विरोध किया जाता

है।

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