संविधान बनाने में कितना पैसा खर्च हुआ
भारतीय संविधान तैयार करने का समय। 2 साल 11 महीने 7 दिन (18) रुपए संविधान तैयार करने के लिए खर्च करते हैं। लगभग 64 लाख
सर राज्य हडप नीति किस के शासन में चली
प्रॉपर खर्च आया ये बताओ ????????
Bhagt Singh ko phasi kab huaaa
क्या संविधान लिखकर वाकई कोई कारनामा किया था बाबा साहेब ने? चलो इस बार सच्चाई जान लेते हैं।
1895 में पहली बार बाल गंगाधर तिलक ने संविधान लिखा था अब इससे ज्यादा मैं इस संविधान पर न ही बोलूँ वह ज्यादा बेहतर है, फिर 1922 में गांधीजी ने संविधान की मांग उठाई, मोती लाल नेहरू, मोहम्मद अली जिन्ना और पटेल-नेहरू तक न जाने किन किन ने और कितने संविधान पेश किये । ये आपस् में ही एक प्रारूप बनाता तो दूसरा फाड़ देता, दुसरा बनाता तो तीसरा फाड़ देता और इस तरह 50 वर्षों में कोई भी व्यक्ति भारत का एक (संविधान) का प्रारूप ब्रिटिश सरकार के सम्पक्ष पेश नही कर सके। उससे भी मजे की बात कि संविधान न अंग्रेजों को बनाने दिया और न खुद बना सके। अंग्रेजों पर यह आरोप लगाते कि तुम संविधान बनाएंगे तो उसे हम आजादी के नजरिये से स्वीकार कैसे करें। बात भी सत्य थी लेकिन भारत के किसी भी व्यक्ति को यह मालूम नही था कि इतने बड़े देश का संविधान कैसे होगा और उसमे क्या क्या चीजें होंगी? लोकतंत्र कैसा होगा? कार्यपालिका कैसी होगी? न्यायपालिका कैसी होगी? समाज को क्या अधिकार, कर्तव्य और हक होंगे आदि आदि..
अंग्रेज भारत छोड़ने का एलान कर चुके थे लेकिन वो इस शर्त पर कि उससे पहले तुम भारत के लोग अपना संविधान बना लें जिससे तुम्हारे भविष्य के लिए जो सपने हैं उन पर तुम काम कर सको। इसके बावजूद भी कई बैठकों का दौर हुआ लेकिन कोई भी भारतीय संविधान की वास्तविक रूपरेखा तक तय नही कर सका। यह नौटँकीयों का दौर खत्म नही हो रहा था,साइमन कमीशन जब भारत आने की तैयारी में था उससे पहले ही भारत के सचिव लार्ड बर्कन हेड ने भारतीय नेताओं को चुनौती भरे स्वर में भारत के सभी नेताओं, राजाओं और प्रतिनिधियों से कहा कि इतने बड़े देश में यदि कोई भी व्यक्ति संविधान का मसौदा पेश नही करता तो यह दुर्भाग्य कि बात है। यदि तुम्हे ब्रिटिश सरकार की या किसी भी सलाहकार अथवा जानकार की जरूरत है तो हम तुम्हारी मदद करने को तैयार है और संविधान तुम्हारी इच्छाओं और जनता की आशाओं के अनुरूप हो। फिर भी यदि तुम कोई भी भारतीय किसी भी तरह का संविधानिक मसौदा पेश करते हैं हम उस संविधान को बिना किसी बहस के स्वीकार कर लेंगे। मगर यदि तुमने संविधान का मसौदा पेश नही किया तो संविधान हम बनाएंगे और उसे सभी को स्वीकार करना होगा।
यह मत समझना कि आजकल जैसे कई संगठन संविधान बदलने की बातें करते हैं और यदि अंग्रेज हमारे देश के संविधान को लिखते तो हम आजादी के बाद उसे संशोधित या बदल देते। पहले आपको यह समझना आवश्यक है कि जब भी किसी देश का संविधान लागू होता है तो वह संविधान उस देश का ही नही मानव अधिकार और सयुंक्त राष्ट्र तथा विश्व समुदाय के समक्ष एक दस्तावेज होता है जो देश का प्रतिनिधित्व और जन मानस के अधिकारों का संरक्षण करता है। दूसरी बात किसी भी संविधान के संशोधन में संसद का बहुमत और कार्यपालिका तथा न्यायपालिका की भूमिका के साथ समाज के सभी तबकों की सुनिश्चित एवं आनुपातिक भागीदारी भी अवश्य है। इसलिए फालतू के ख्याल दिमाग से हटा देने चाहिए। दुसरा उदाहरण।
जापान एक विकसित देश है। अमेरिका ने जापान के दो शहर हिरोशिमा और नागासाकी को परमाणु हमले से ख़ाक कर दिया था उसके बाद जापान का पुनरूत्थान करने के लिए अमेरिका के राजनेताओं, सैन्य अधिकारियों और शिक्षाविदों ने मिलकर जापान का संविधान लिखा था। फरवरी 1946 में कुल 24 अमेरिकी लोगों ने जापान की संसद डाइट के लिए कुल एक सप्ताह में वहां के संविधान को लिखा था जिसमे 16 अमेरिकी सैन्य अधिकारी थे। आज भी जापानी लोग यही कहते है कि काश हमे भी भारत की तरह अपना संविधान लिखने का अवसर मिला होता। बावजूद इसके जापानी एक धार्मिक राष्ट्र और अमेरिका एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र होते हुए दोनों देश तरक्की और खुशहाली पर जोर देते हैं।
लार्ड बर्कन की चुनौती के बाद भी कोई भी व्यक्ति संवैधानिक मसौदा तक पेश नही कर सका और दुनिया के सामने भारत के सिर पर कलंक लगा। इस सभा में केवल कांग्रेस ही शामिल नही थी बल्कि मुस्लिम लीग, हिन्दू महासभा जिसकी विचारधारा आज बीजेपी और संघ में सम्मिलित लोग थे। राजाओं के प्रतिनिधि तथा अन्य भी थे। इसलिए नेहरू इंग्लैण्ड से संविधान विशेषज्ञों को बुलाने पर विचार कर रहे थे। ऐसी बेइज्जती के बाद गांधीजी को अचानक डॉ अम्बेडकर का ख्याल आया और उन्हें संविधान सभा में शामिल करने की बात की।
इस समय तक डॉ अम्बेडकर का कहीं कोई जिक्र तक नही था, सरदार पटेल ने यहाँ तक कहा था कि डॉ अम्बेडकर के लिए दरबाजे तो क्या हमने खिड़कियाँ भी बन्द की हुई है अब देखते हैं वो कैसे संविधान समिति में शामिल होते हैं। हालाँकि संविधान के प्रति समर्पण को देखते हुए पटेल ने बाबा साहेब को सबसे अच्छी फसल देने वाला बीज कहा था। कई सदस्य, कई समितियां, कई संशोधन, कई सुझाव और कई देशों के विचारों के बाद केवल बीएन राव के प्रयासों पर जिन्ना ने पानी फेर दिया जब जिन्ना ने दो दो संविधान लिखने पर अड़ गए। एक पाकिस्तान के लिए और एक भारत के लिए।
पृथक पाकिस्तान की घोषणा के बाद पहली बार 9 दिसम्बर 1946 से भारतीय संविधान पर जमकर कार्य हुए। इस तरह डॉ अम्बेडकर ने मसौदा तैयार करके दुनिया को चौंकाया। आज वो लोग संविधान बदलने की बात करते हैं जिनके पूर्वजों ने जग हंसाई करवाई थी। मसौदा तैयार करने के पश्चात आगे इसे अमलीजामा पहनाने पर कार्य हुआ जिसमें भी खूब नौटँकियां हुई .. अकेले व्यक्ति बाबा साहेब थे जिन्होंने संविधान पर मन से कार्य किये। पूरी मेहनत और लगन से आज ही के दिन पुरे 2 साल 11 माह 18 दिन बाद बाबा साहेब ने देशवासियों के सामने देश का अपना संविधान रखा जिसके दम पर आज देश विकास और शिक्षा की ओर अग्रसर बढ़ रहा है और कहने वाले कहते रहें मगर बाबा साहेब के योगदान ये भारत कभी नही भुला सकता है। हम उनको संविधान निर्माता के रूप तक सीमित नही कर सकते, आर्किटेक्ट ऑफ़ मॉडर्न इंडिया यूँ ही नही कहा गया कुछ तो जानना पड़ेगा उनके योगदान, समर्पण, कर्तव्य और संघर्षों को।
जो लो कहते है कि बाबा साहब ने अकेले नही लिखा संविधान उनको पहले सोच और समंझ लेना चाहिए तभी अपना मुँह खोलना चाहिए।और फिर भी नही पता चले तो जान लो 7 सदस्य वाली समिति में सब लोग किसी न किसी काम में व्यस्त रहे जबकि बाबा साहेब ही अकेले ऐसे व्यक्ति थे जो दिन-रात लगे रहे संविधान के निर्माण में।
Sir hamara savidhan jab bana tab snvidhan bana ne ke liye jo mehar the un me b.r ambedkar ko perrup samity adhyach chuna gya lekin aj ke samj me log unho ke name say itne kyo jalte h father of constitution kaha jata h fir bhi log itna kyo bad vivad karte h
Sambidhan banane me kitne rupe karch huye
Vartmaan me कितनी anusuchiya he
Sabase pahle ki des ne savidhan banaya tha
Samvidhan banane me lag bhag 64lakh kharch huaa tha.
6.4crore खर्च हुए थे संविधान बनाने मे।2वर्ष 11महीना और18 दिन लगा था।और114 बहस होने के बाद संविधान तैयार किया गया
64 lac
संविधान बनने मे जो पैसे खर्च हुवा है
वह 64लाख है या 6•4 करोल......
Galaxy kiya hai
6396729
64 LAKH LAGE THE
Sambidhan likhane me kitna time laga tha
question
63 लाख 96 हजार 729 रूपये लगे थे
भारतीय संविधान बनाने में जो पैसा खर्च हुआ कहां खर्च हुआ किसे दिया गया भारतीय संविधान को लिखने वाले ने एक पैसा नहीं लिया तो यह करोड़ों रुपए गए कहां किसको दिए गए
संविधान लिखने में 389 लोग the संविधान के main page पर प्रभु shri ram और shri krishna की foto h जो संविधान को हिन्दू rastr की ओर agersar करते h..संविधान लिखने में सबसे ज्यादा yogdan premjayda rayjyada ka h jinhone संविधान ko अपने hato से 6 माह me तैयार किया संविधान sabha के adyeksh पंडित rajendra प्रसाद थे संविधान लिखने में सभी का brabar yogdhan था..kuch लोगों ने संविधान लिखने ka mahntana bhi liya or कई ने निश्शुल्क likha...इसलिए संविधान का कोई ak nirmata nahi ho sakta फिर भी agar किसी ak ka naam pucha jaye to vo naam prem rayjada rav hoga jinhone संविधान निश्शुल्क apne hato se likha na ki अम्बेडकर ko इसका srey diya jaye
26 Jan 1950 ko din tha
Rajaya sabha me sadasya
Kya savidhan nirmata ne paise bhi liye the
संविधान बनाने का ख्याल किस के मन में आया था
gaya gila me kitana anumandal
Bahut hi achchha samvidhan likha gaya
Tha
6396729रुपया खर्चा हुआ था संविधान बनाने मे
Savidhan banane me kitna kharcha huaa
Manjala jhil kaha hai
Sambidhan 1950 ko hi kyo lagu hua
Niti nideshak tatw kya hai
Savidhan banks me mil kitna paisa kharch hua
संविधान मै लगा कितना खर्च
Samvidhan banane me kitna paisa kharah hua
इंडिया का संविधान बनने में कुल रुपया कितना खर्च हुआ
लोग जो फैला रहे है कि संविधान बाबा साहब भीमराव राम जी अम्बेडकर ने लिखा है तो फिर और जो 389 सदस्य थे वो क्या कर रहे थै
svidhan kaha rakha gaya hi
Savidhan banane me kitana pesa laga tha
Bharat mein anuched kitne hai
Ha
64lakh rupes savidhan me kha lge
6393639₹
संविधान का निर्माण कई दोस्तों से नकल करके हुए उसके बाद संविधान लागू होने के तुरंत बाद ही संशोधन होना चालू हो गया कुल मिलाकर भानुमति के पिटारे को बनाया गया और उसके बाद तमाम तरीके के संशोधन तो इसमें किसी एक व्यक्ति का दिमाग कैसे लगा अमेरिका कनाडा आयरलैंड फ्रांस ऑस्ट्रेलिया और कई देशों के संविधान को नकल करके इतना बड़ा और जटिल संविधान बनाया गया कि तमाम अनुच्छेदों में से अपराधी किसी न किसी च्छेद से निकल ही जाता है यहां गरीबों को न्याय मिलना बड़ा मुश्किल का काम है अमीर लोगों के लिए रात में कोर्ट खुल जाती है और गरीब लोगों के लिए कई सालों तक चक्कर लगाना पड़ता है
savidhaan banane me 64lakh ka kharch hua tha
Samvidhan banaane men kitne log samil the
6396729 rupee
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